मध्य रेलवे नागपुर मंडल में  2 हजार से ज्यादा पद रिक्त, भर्ती न होने बढ़ रहे रिक्त पद

Over 2 thousand posts vacant in Central Railway Nagpur Division
मध्य रेलवे नागपुर मंडल में  2 हजार से ज्यादा पद रिक्त, भर्ती न होने बढ़ रहे रिक्त पद
मध्य रेलवे नागपुर मंडल में  2 हजार से ज्यादा पद रिक्त, भर्ती न होने बढ़ रहे रिक्त पद

डिजिटल डेस्क, नागपुर। वर्षों से रेलवे के कर्मचारियों की संख्या तेजी से कम होती जा रही है। सेवानिवृत्ति के बाद नये कर्मचारियों को शामिल नहींं करने से ऐसा हो रहा है। 3 साल पहले जहां 12 सौ के करीब जगह रिक्त थी। वहीं आज 2 हजार से ज्यादा कर्मचारियों की कमी मध्य रेलवे नागपुर मंडल अंतर्गत है। इसमें ज्यादा कर्मचारियों का टोटा ऑपरेटिंग व इंजीनियरिंग विभाग में है। अधिकृत आंकड़ों के अनुसार मध्य रेलवे नागपुर मंडल अंतर्गत कुल 18 हजार 6 सौ से अधिक कर्मचारियों के पद मंजूर हैं। लेकिन 16 हजार कर्मचारी ही कार्यरत हैं। ऐसे में यात्रियों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।

आवागमन के लिए रेलवे एक बड़ी व्यवस्था है। केवल मध्य रेलवे नागपुर मंडल की बात करें तो नागपुर से तीनों दिशाओं में 2 हजार से ज्यादा रेलवे पटरियां है। जिसका मेंटनेंस से लेकर सुरक्षा का जिम्मा मंडल पर है। इन्ही पटरियों पर 90 से ज्यादा छोटे-बड़े स्टेशन हैं। जिनकी व्यवस्था का जिम्मा भी नागपुर मंडल पर ही है। यात्रियों के आंकड़े  देखे तो रोज नागपुर से 8 हजार 811 यात्री आरक्षित व 23 हजार 9 सौ 73 यात्री अनआरक्षित तौर पर रेलवे से सफर करते हैं। विभाग की बात करें तो यात्रियों की संख्या दोगुनी हो जाती है। ऐसे में रेलवे कर्मचारी यात्रियों के लिए अहम है। टिकट निकालने से लेकर ट्रेन में बैठने तक पूरी व्यवस्था कर्मचारियों के कंधों पर निर्भर रहती है।

पूरी व्यवस्था संभालने के लिए मंडल में 18 हजार से ज्यादा कर्मचारियों के पद दिए गए हैं। जिसे इंजीनियरिंग, ऑपरेटिंग, मैकेनिकल, सुरक्षा, वाणिज्य आदि में विभाजित किया गया है। इससे सुरक्षा से जुड़ा इंजीनियरिंग विभाग महत्वपूर्ण है, लेकिन यहां कर्मचारियों की कमी का मुख्य टोटा इसी विभाग में है। ऐसे में रेलवे की सुरक्षा पर सवाल उठ रहा है। कर्मचारियों की कमी का टोटा टीटीई की संख्या में भी देखने मिल रही है। गाड़ियों की जांच एक या दो टीटीई के भरोसे  चल रहा है, जिससे कई बार सभी कोच की जांच नहीं हो सकती है। नियमानुसार एक गाड़ी में तीन कोच के पीछे एक टीटीई की जरूरत होती है, लेकिन कर्मचारी कम रहने से एक गाड़ी के पीछे एक ही टीटीई रहने की नौबत आ गई है। जिससे एक ओर यात्रियों को परेशान होना पड़ रहा है। वहीं दूसरी ओर कर्मचारियों का तनाव बढ़ रहा है। टीटीई की संख्या के साथ रेलवे के कई विभागों में रिक्त पद पड़े हैं।

कर्मचारियों की कमी बढ़ रही
विभाग में प्रति वर्ष कर्मचारियों की कमी बढ़ते जा रही है। जिसका असर इंजीनियरिंग विभाग पर देखने मिल रहा है। पूरे मंडल में 2 हजार से ज्यादा की पद रिक्त है।   
- हबीब खान, सचिव, नेशनल रेलवे मजदूर युनियन
 

Created On :   17 April 2019 9:46 AM GMT

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