21वीं में घटना पीड़ादायक, जेल में बंद पति को छुड़ाने मां ने बेच दी थी बिटिया

डिजिटल डेस्क, मुंबई, कृष्णा शुक्ला। हम 21वीं सदी में हैं, फिर भी ऐसी घटनाएं होती हैं जिनमें लड़कियों को वस्तु के रूप में देखा जाता है और वित्तीय लाभ के लिए उन्हें एक माध्यम के रूप में उपयोग किया जाता है। एक साल की बच्ची को उसकी सगी मां ने बेचा है यह नैतिकता व मानवाधिकार के सिद्धांतों के लिए बेहद आपत्तिजनक है। बांबे हाईकोर्ट ने अपने एक आदेश में यह बात कही है। हाईकोर्ट ने कहा कि इस मामले में बच्ची के लिए बिक्री शब्द के लिए प्रयोग को लेकर हमे बेहद पीड़ा हो रही है लेकिन मामले में सिक्के का दूसरा पहलू यह है कि मां ने बच्ची को इसलिए बेचा क्योंकि उसका पति जेल में है और उसे पैसों की जरुर थी। हाईकोर्ट में बच्ची को खरीदनेवाली महिला को जमानत देते हुए उपरोक्त बात कही है। न्यायमूर्ति एसएम मोडक के सामने आरोपी के जमानत आवेदन पर सुनवाई हुई। मामले से जुड़े तथ्यों पर गौर करने के बाद न्यायमूर्ति ने कहा कि आरोपी के पास पैसों के लेन देने का लाइसेंस न होने के बावजूद बच्ची की मां को पैसे दिए। मामले से जुड़ी बच्ची की मां रायगढ़ जिले के पेण में काम करती है। बच्ची की मां ने किसी तरह से बच्ची को बेंचने के एवज में मिले पैसे को वापस भी लौटा दिया। इसके बावजूद महिला व उसका पति ने बच्ची को वापस देने को तैयार नहीं हुआ। जिसके चलते बच्ची की मां को पुलिस से संपर्क करना पड़ा। पुलिस ने मामले की जांच के बाद बच्ची को खरीदनेवाली महिला के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 370 व किशोर न्याय कानून की धारा 81 व मनी लैंडिंग कानून की धारा 39 के तहत मामला दर्ज किया।
न्यायमूर्ति ने पाया कि पुलिस ने मामले की जांच पूरी कर ली है और आरोपी महिला ने दो बार निचली अदालत में जमानत के लिए प्रयास किया लेकिन वहां से उसे जमानत नहीं मिली। इसलिए महिला ने हाईकोर्ट में आवेदन दायर किया। हालांकि सत्र न्यायालय ने इस मामले में महिला के पति व दूसरे आरोपी को जमानत प्रदान कर दी है। न्यायमूर्ति ने सुनवाई के दौरान पाया कि एक साल की बच्ची अनन्या अब अपने नैसर्गिक माता-पिता के पास है लेकिन आरोपी महिला के पास भी अपने दो बच्चे है। इस मामले से जुड़े मुकदमे का खात्मा कब होगा कोई नहीं जानता। हालांकि महिला ने खरीदी गई एक साल की बच्ची को अपनी बेटी बताया था। न्यायमूर्ति ने कहा कि अब महिला को जेल में रखने की जरुरत नहीं है। क्योंकि उसके भी दो बच्चे है। इसलिए महिला को 25 हजार रुपए के मुचलके पर जमानत प्रदान की जाती है लेकिन वह मामले से जुड़े गवाहों को प्रभावित न करे और न ही मामले से जुड़े सबूतों के साथ छेड़छाड करे।
Created On :   13 Feb 2023 10:11 PM IST