स्कूल फीस के लिए पालकों पर डाला जा रहा है दबाव

Parents are being pressured for school fees
स्कूल फीस के लिए पालकों पर डाला जा रहा है दबाव
स्कूल फीस के लिए पालकों पर डाला जा रहा है दबाव

डिजिटल डेस्क, नागपुर। लॉकडाउन में पालकों पर आए आर्थिक संकट को देखते हुए शिक्षा संस्थाओं को विद्यार्थियों पर फीस भरने की सख्ती नहीं करने के सरकार ने आदेश दिए हैं, इसके बावजूद शहर के कई स्कूल पालकों पर फीस के लिए दबाव डाल रहे हैं। हाल ही में एक घटना शहर के मोहन नगर स्थित एक स्कूल से सामने आई है। स्कूल प्रबंधन ने कक्षा 1 की छात्रा के परिजन को 30 हजार 500 रुपए फीस भरने का नोटिस थमा दिया। इसके अलावा 2500 रुपए गणवेश और किताब के पैसे अलग से मांगे गए। यह सामग्री स्कूल द्वारा बताई गई जगह से खरीदने को कहा गया है।

संतोषजनक जवाब नहीं दिया

अभिभावकों ने सरकारी नियम का हवाला देते हुए जब लॉकडाउन में फीस की सख्ती और स्कूल सामग्री खरीदने की अनिवार्यता नहीं होने का तर्क दिया, तो उनकी एक नहीं सुनी गई। पालक जब प्राथमिक शिक्षाधिकारी चिंतामण वंजारी के पास शिकायत लेकर पहुंचे, तो उन्हें संतोषजनक जवाब नहीं दिया। आखिरकार पालकों को आधी फीस भरनी पड़ी और आधी सितंबर माह में भरने का लिखित आश्वासन लिया गया। इस मामले में श्री वंजारी ने सफाई दी है कि स्कूल, पालकों को इंस्टालमेंट मंे फीस भरने की छूट दें या अतिरिक्त समय दें, ऐसे निर्देश हैं। इनका पालन स्कूलों को करना चाहिए।

गुरुनानक स्कूल को बंद करने की मिली हरी झंडी

वहीं शहर के बेजनबाग स्थित गुरुनानक स्कूल व जूनियर कॉलेज आगामी शैक्षणिक सत्र 2020-21 से बंद हो जाएगा। स्कूल प्रबंधन ने हाल ही में शिक्षा उपसंचालक को पत्र लिख कर यह जानकारी दी है। जिसमें उन्होंने बताया है कि सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के मुताबिक स्कूल बंद किया जा रहा है। पत्र के साथ प्रबंधन ने स्कूल के शिक्षकों और कर्मचारियों की सूची भी शिक्षा विभाग को सौंपी है। कोर्ट के आदेश के मुताबिक शिक्षा विभाग को इन शिक्षकों और कर्मचारियों का अन्य स्कूलों में समायोजन करना है। स्कूल को बंद करने का यह मामला वर्ष 2016 से चला आ रहा है। आर्थिक संकट का हवाला देकर स्कूल ने शिक्षा विभाग से इसे बंद करने की अनुमति मांगी थी, लेकिन इस मामले में शिक्षा विभाग ने उन्हें स्कूल बंद करने की अनुमति नहीं दी थी। इसके बाद प्रबंधन ने विविध स्तरों से होते हुए कोर्ट तक में यह मुद्दा उठाया था। आखिरकार स्कूल बंद करने को हरी झंडी मिली, जिसके बाद यह फैसला लिया गया है, वहीं दूसरी ओर स्कूल के शिक्षकों और पालक संगठन ने स्कूल बंद होने से रोकने के लिए पूरा जोर लगाया। कोर्ट में लंबी लड़ाई भी लड़ी, लेकिन फैसला स्कूल प्रबंधन के पक्ष में गया। इस मामले में अब शिक्षक संगठन ने शिक्षा विभाग से जल्द से जल्द शिक्षकों के समायोजन की मांग की है। स्कूल के शिक्षक व प्रहार शिक्षक संगठन के विभागीय प्रमुख देवेंद्र हुलके के अनुसार कोर्ट के आदेश के अनुसार शिक्षा विभाग को जल्द से जल्द विद्यार्थियों और शिक्षकों की पर्यायी व्यवस्था करनी चाहिए।

Created On :   22 Jun 2020 9:28 AM GMT

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