30 साल बदला सरकारी अस्पतालों में मरीजों का आहार

Patients diet in the government hospitals changed after 30 years
30 साल बदला सरकारी अस्पतालों में मरीजों का आहार
30 साल बदला सरकारी अस्पतालों में मरीजों का आहार

डिजिटल डेस्क, नागपुर। सरकारी अस्पतालों में मरीजों को दिए जाने वाले आहार में बदलाव किया गया है। भारतीय वैद्यकीय संशोधन परिषद के मानकों के अनुसार स्वास्थ्य विभाग की ओर से 30 वर्ष बाद बदलाव का निर्णय लिया गया है। मधुमेह, क्षय रोग, अस्पताल में भर्ती मरीज तथा मनोरुग्णालय के मरीजों को दिया जाने वाला आहार, प्रमाण और समय आदि का टाइम टेबल निश्चित किया गया है।

आईसीएमआर ने वर्ष 2010 में तय किए मानक
अस्पताल में मरीजों को पोषक आहार देने के नए मानक आईसीएमआर ने वर्ष 2010 में तय किए थे। स्वास्थ्य विभाग ने 18 वर्ष बाद इसे अमल में लाने का निर्णय लिया है। फिलहाल महाराष्ट्र के सरकारी अस्पतालों में वर्ष 1996 के मानकों के अनुसार आहार दिया जा रहा है। यानी 30 वर्ष बाद मरीजों के आहार में बदलाव किया जा रहा है।

इन अस्पतालों में होगा लागू
सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग के अधीनस्थ जिला अस्पताल, सामान्य अस्पताल, स्त्री अस्पताल, क्षय रुग्णालय, मनोरुग्णालय, उपजिला अस्पतालों में नया डाइट प्लान लागू किया गया है। 

इसलिए भी लिया निर्णय
स्वास्थ्य लाभ के लिए दवाइयों के साथ-साथ खानपान का भी महत्व है। पोषक आहार नहीं मिलने से दवाइयाें का सेवन करने के बाद भी अपेक्षित परिणाम नहीं मिलते हैं। वातावरण में बदलाव का परिणाम स्वास्थ्य पर हो रहा है। हृदय रोग, किडनी, फेफड़े, टीबी, उच्च रक्तचाप, मधुमेह के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। अस्पताल में औषधोपचार तो मिलता है, लेकिन पोषक आहार नहीं मिलने से मरीजों पर प्रतिकूल परिणाम देखने को मिल रहे हैं। इस समस्या से निपटने के लिए मरीजों के आहार में बदलाव किया गया है। 

नए मानकों के अनुसार स्तनदा माता, शिशु और बालकों के लिए संपूर्ण आहार, कैंसरग्रस्त बालक और 7 से 12 वर्ष उम्र के बालकों के आहार का वर्गीकरण किया गया है। प्रौढ़ मरीजों में कैंसरग्रस्त, मनोरोगी और झुलसने से गंभीर मरीजों को प्रोटीनयुक्त आहार दिया जाएगा। मधुमेह, डायलिसिस और हृदय रोग से पीड़ित मरीजों को निश्चित किया गया आहार दिया जाएगा। 

अंडे के बदले मछली-मटन
गर्भवती, बच्चे और वृद्धों को अब अंडे के बदले मांसाहार दिया जाएगा। इसमें मछली और मटन का समावेश रहेगा। गंभीर मरीजों को आहार के माध्यम से पोषक मूल्य कैसे दिया जा सकता है, इस पर भी ध्यान दिया जाएगा।

Created On :   11 May 2019 3:34 PM IST

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