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तेंदूपत्ता संग्राहकों को ऑनलाइन भुगतान करें: कलेक्टर
डिजिटल डेस्क, पन्ना। कलेक्टर संजय कुमार मिश्र की अध्यक्षता में तेंदूपत्ता संग्रहणए वन एवं राजस्व भूमि सीमा विवाद निराकरण संबंधी बैठक संपन्न हुई। बैठक में कलेक्टर श्री मिश्र ने तेंदूपत्ता संग्रहण भुगतान भण्डारण तथा वन एवं राजस्व सीमा के संबंध में चर्चा करने के उपरांत निर्देश दिए कि तेंदूपत्ता संग्राहकों का भुगतान उनके बैंक खातों में ऑनलाइन किया जाए। वन एवं राजस्व सीमा विवाद के प्रकरणों का निराकरण समय सीमा में किया जाए। जिन राजस्व अनुभाग में वन एवं राजस्व भूमि विवाद के प्रकरण हैं उनमें प्रत्येक गुरूवार को वन भूमि व्यवस्थापन अधिकारी कार्यालय में बैठेंगे। इस दिन वन अधिकारी भी कार्यालय में उपस्थित होकर प्रकरणों के निराकरण की कार्यवाही संपन्न कराएं। वन मंडल अधिकारीद्वय उत्तर एवं दक्षिण वन मंडल द्वारा बताया गया कि जिले में तेंदूपत्ता साखकर्तन का कार्य वन समितियों द्वारा कराया जा रहा है। इसके उपरांत मई के प्रथम सप्ताह से तेंदूपत्ता संग्रहण का कार्य प्रारंभ किया जाएगा। तेंदूपत्ता संग्रहण के लिए 2 हजार 500 रूपये मानक बोरा की दर से भुगतान किया जाता है। तेंदूपत्ता विक्रय एवं उठाव के उपरांत वन समितियों को तेंदूपत्ता संग्रहण बोनस की राशि दी जाती है। इस संबंध में कलेक्टर श्री मिश्र ने निर्देश दिए कि तेंदूपत्ता संग्रहण श्रमिकों के बैंक खातों में सीधे ऑनलाइन भुगतान की व्यवस्था सुनिश्चित करें। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि तेंदूपत्ता संग्राहक श्रमिकों को संबल योजना के तहत पंजीकृत कराएं। बैठक में बताया गया कि सीमावर्ती क्षेत्रों में तेंदूपत्ता की चोरी हो जाती है इस पत्ते को सीमा से लगे जिले के व्यापारियों द्वारा क्रय कर लिया जाता है। इसे रोकने के लिए पुलिस बल की आवश्यकता प?ती है। इस संबंध में कलेक्टर श्री मिश्र ने कहा कि उडनदस्ता दल गठित करने के साथ नाकों पर तेंदूपत्ता चोरी से ले जाने वालों पर रोक लगाने के लिए पुलिस बल द्वारा सहयोग दिया जाएगा। बैठक में राजस्व एवं वन भूमि सीमा के संबंध में बताया गया कि 516 वन सीमा से लगे ग्राम हैं इनमें 464 ग्रामों में सीमा संबंधी विवाद है। इनमें उत्तर वनमंडल के राष्ट्रीय उद्यान में स्थित 30 ग्रामों में से 10 ग्रामों की पुनर्वास योजना एवं 20 ग्रामों का सीमांकन नहीं किया जा सका। इसी प्रकार दक्षिण वनमंडल के अंतर्गत 24 ग्राम आते हैं। यह ग्राम पवई एवं शाहनगर अनुभाग के राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र में आने के कारण सीमांकन कार्य नहीं किया जा सका है। वन एवं राजस्व सीमा वाले 464 ग्रामों का वन एवं राजस्व अधिकारियों द्वारा सर्वेक्षण एवं सीमांकन कार्य कर लिया गया है। वनमंडल द्वारा 11 हजार 706 मुनारे स्थापित करा दिए गए हैं। 631 मुनारे बनना शेष है। जिन्हें शीघ्र बनाया जाएगा। कलेक्टर श्री मिश्र ने बैठक में उपस्थित अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिन स्थानों से अतिक्रमण हटाया जाता है। उनका दस्तावेजों में अनिवार्य रूप से दर्ज किया जाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक गुरूवार को वन भूमि व्यवस्थापन अधिकारी निर्धारित कार्यालय में बैठकर कार्य करेंगे। इन सीमा विवाद वाले प्रकरणों के निराकरण की कार्यवाही शीघ्र की जाए। जिससे निराकृत प्रकरणों को 14 अप्रैल को आयोजित होने वाली बैठक में रखा जा सके। बैठक में वन अपराध के संबंध में चर्चा करते हुए वनमंडलाधिकारीद्वय द्वारा बताया गया कि लोगों द्वारा खेतों में बिजली की बाड लगाई जाती है जिससे जानवरों की मौत हो जाती है। वन क्षेत्र में अतिक्रमण, खनिज उत्खनन, अवैध कटाई के अपराध घटित होते हैं। कलेक्टर श्री मिश्र ने कहा कि इन अपराधों को रोकने के लिए जहां भी राजस्व, पुलिस एवं खनिज विभाग के अधिकारियों.कर्मचारियों के सहयोग की आवश्यकता हो मांग करने पर उपलब्ध कराए जाएंगे। संपन्न हुई बैठक में वनमंडलाधिकारी उत्तर गौरव शर्मा, दक्षिण वनमंडलाधिकारी पुनीत सोनकर, अपर कलेक्टर जे.पी. धुर्वे के साथ पुलिस राष्ट्रीय उद्यान एवं संबंधित अधिकारीगण उपस्थित रहे।
Created On :   16 March 2022 3:18 PM IST