प्रदूषण और उमस से वन्य प्राणियों में बीमारी का खतरा

Pollution and humidity threatens wildlife
प्रदूषण और उमस से वन्य प्राणियों में बीमारी का खतरा
प्रदूषण और उमस से वन्य प्राणियों में बीमारी का खतरा

डिजिटल डेस्क जबलपुर । मौसम में अचानक बढ़ी उमस और गर्मी की वजह से वन्य प्राणियों में आंत्रशोध और कई तरह के इन्फेक्शन्स से संबंधित बीमारियाँ बढ़ रही हैं। बीते एक सप्ताह में सिहोरा, कुण्डम, डुमना, बरगी जैसे जिले के कई वन परिक्षेत्रों में हुई घटनाओं के बाद वन विभाग ने अलर्ट जारी किया है। जिसके तहत सभी बीट प्रभारियों को पेट्रोलिंग के दौरान बीमार वन्य प्राणियों का तात्कालिक इलाज और अन्य जरूरी सुधार के निर्देश दिए गए हैं। 
प्रदूषित पानी के कारण इन्फेक्शन का खतरा 
 जानकारों के अनुसार बारिश के बाद सभी जलाशयों का पानी प्रदूषित हो जाता है। इंसानों के लिए सप्लाई होने वाले वॉटर प्लांट्स में कई तरह की दवाएँ मिलाई जाती हैं, लेकिन वन्य जीव जिन जलाशयों का पानी पीते हैं, वह संक्रमित होता है। मटमैला पानी होने के कारण वन्य जीव पानी भी कम पीते हैं, तेज धूप और उमस के मौसम में संक्रमण तेजी से बढ़ते हैं, जिसके कारण वन्य जीवों में पेट और गले से जुड़ी बीमारियाँ फैलती हैं। इन बीमारियों का असर चीतल, हिरण जैसे शाकाहारी वन्य प्राणियों में ज्यादा होता है। क्योंकि लगातार बारिश और कीचड़ की वजह से घास में फाइबर की कमी हो जाती है, जिससे पाचन क्रिया भी ठीक नहीं होती और डायरिया भी फैलता है।
इनका कहना है
उमस और गर्मी की वजह से कुछ क्षेत्रों में वन्य प्राणी बीमार हालत में मिले हैं, सभी बीटों में विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं। 
रवीन्द्रमणि त्रिपाठी, डीएफओ 

Created On :   16 Sep 2020 8:45 AM GMT

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