लोक अभियोजक के पदों पर अभियोजन अधिकारियों की नियुक्तियों पर रोक

Prohibition on appointments of prosecution officers to the posts of public prosecutor
 लोक अभियोजक के पदों पर अभियोजन अधिकारियों की नियुक्तियों पर रोक
 लोक अभियोजक के पदों पर अभियोजन अधिकारियों की नियुक्तियों पर रोक

डिजिटल डेस्क जबलपुर। प्रदेश की निचली अदालतों में लोक अभियोजक व अपर लोक अभियोजक के पदों पर अभियोजन अधिकारियों की स्थायी व अस्थायी नियुक्ति करने पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। जस्टिस विशाल धगट की एकलपीठ ने एक मामले में राज्य सरकार को दो सप्ताह में जवाब पेश करने के निर्देश दिये हैं। एडवोकेट आनंद शुक्ला की ओर से दायर इस याचिका में विधि एवं विधायी विभाग के प्रमुख सचिव के उस आदेश को चुनौती दी गई है, जिसमें प्रदेश की निचली अदालतों में पैरवी के लिए लोक अभियोजक व अपर लोक अभियोजक के पदों पर अभियोजन अधिकारियों की स्थायी व अस्थायी नियुक्ति करने का प्रावधान किया गया है।
याचिका में आरोप है कि प्रमुख सचिव का उक्त आदेश विधि विरुद्ध है, क्योंकि दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 23 (7) के अंतर्गत लोक अभियोजक व अपर लोक अभियोजक के पदों पर केवल सात वर्ष से अधिक की वकालत के अनुभव वाले अधिवक्ता की ही नियुक्ति की जा सकती है। वहीं दंड प्रक्रिया संहिता
की धारा 25 के तहत लोक अभियोजन अधिकारियों व सहायक लोक अभियोजन अधिकारियों की नियुक्तियाँ मजिस्ट्रेट कोर्ट में अभियोजन हेतु की जा सकती है।
मामले पर हुई प्रारंभिक सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता आदर्श मुनि त्रिवेदी ने तर्क दिया कि दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 23 (4) के तहत जिला दंडाधिकारी जिला सत्र न्यायाधीश के परामर्श से अधिवक्ताओं की एक पैनल तैयार कर शासन को भेजेंगे। इसके बाद धारा 23 (7) में उन अधिवक्ताओं को ही पात्र माना जायेगा, जो उक्त पदों के लिये उपयुक्त है। मामले पर प्रारंभिक सुनवाई के बाद अदालत ने अंतरिम आदेश देते हुए राज्य सरकार को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता आशीष असीम त्रिवेदी, प्रशांत अवस्थी, सुधाकरण मणि पटेल, आशीष कुमार तिवारी व अरविंद सिंह चौहान भी पैरवी कर रहे हैं।
 

Created On :   6 Dec 2019 8:36 AM GMT

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