स्कूल फीस मामला, अब स्कूल संचालक और अभिभावक आमने-सामने

School fees case, now school operators and parents face to face
स्कूल फीस मामला, अब स्कूल संचालक और अभिभावक आमने-सामने
स्कूल फीस मामला, अब स्कूल संचालक और अभिभावक आमने-सामने

 - स्कूल संचालकों का आरोप: अभिभावकों की आड़ में आसामाजिक तत्व कर रहे परेशान
डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा। स्कू
लों फीस को लेकर चल रहा मामले में अब निजी स्कूल के संचालकों ने कलेक्टर, एसपी और जिला शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन सौंपा है। इसके पहले अभिभावक संघ की ओर से ज्ञापन सौंपा गया था। स्कूल फीस मामले को लेकर अब आमने-सामने आए अभिभावक संघ और निजी स्कूल संचालकों में आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है। सहोदय संगठन के साथ सौंपे गए ज्ञापन में निजी स्कूल संचालकों ने शिकायत की है कि अभिभावकों की आड़ में आसामाजिक तत्व परेशान कर रहे है और अमर्यादित शब्द कह रहे है। बताया जा रहा है कि इस मामले में अब अभिभावक संघ भी ज्ञापन सौंपने की तैयारी में है।
स्कूल संचालकों ने पुलिस से मांगी सुरक्षा
सहोदय स्कूल काम्प्लेक्स के अंतर्गत निजी स्कूल संचालकों ने गुरुवार दोपहर को कलेक्टर, एसपी और जिला शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन सौंपा। दस बिन्दुओं के इस ज्ञापन में पिछले दिनों नगर की शालाओं के परिसर के सामने खड़े होकर पालक एवं उनके साथ अमर्यादित भीड़ के जरिए शाला पर दबाव बनाते हुए अभद्र भाषा में माफिया जैसे शब्दों के प्रयोग पर आपत्ति दर्ज कराई है। स्कूल संचालकों ने सुरक्षा उपलब्ध कराए जाने की मांग रखी है। ज्ञापन के जरिए बताया गया कि शिक्षा विभाग ट्यूशन फीस लेने की अनुमति दे चुका है और स्कूल संचालक इसे ही ले रहे है जबकि फीस माफी के लिए स्कूल के सामने प्रदर्शन किया जा रहा है जो उनके अधिकार का मामला नहीं है यह शासन का अधिकार है। ज्ञापन में बताया गया कि पालक संघ में शासकीय शिक्षक राजेश जैन भी शामिल है जो कोरोना काल में भीड़ जुटा रहे जो कदाचरण की श्रेणी में आता है। स्कूल संचालकों ने बताया कि सभी शालाओं में ऑनलाइन क्लासेस छटवीं से बारहवीं तक शुरू है शिक्षकों द्वारा बच्चों की पढ़ाई में बहुत मेहनत कर रहे है। पालकों से ट्यूशन फीस ली जा रही है ताकि शिक्षकों एवं कर्मचारियों का वेतन देना संभव हो पाएगा। ज्ञापन देने वालों में सहोदय संगठन के अंतर्गत शहर के 16 निजी स्कूल संचालक पहुंचे थे। सहोदय संगठन के अध्यक्ष डॉ. वायएस सिसोदिया का कहना है कि हमें शासन ने आदेश दिया है कि ट्यूशन फीस ही लेना है। यदि फीस माफ करने की मांग है तो शासन इसका निर्धारण करता है। इसके बावजूद स्कूलों के सामने पहुंचकर प्रदर्शन किया जा रहा है जो पूर्णत: गलत है।
 

Created On :   27 Jun 2020 10:13 AM GMT

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