पोकलिन में फंसी रेलवे की सिग्नल लाइन , डेढ़ घंटे खड़ी रह गईं 6 यात्री गाड़ियां 

Signal line of railway stuck in poklin, six trains late
पोकलिन में फंसी रेलवे की सिग्नल लाइन , डेढ़ घंटे खड़ी रह गईं 6 यात्री गाड़ियां 
पोकलिन में फंसी रेलवे की सिग्नल लाइन , डेढ़ घंटे खड़ी रह गईं 6 यात्री गाड़ियां 

डिजिटल डेस्क, सतना। मुंबई-हावड़ा प्रमुख रेल खंड पर सतना-जैतवारा स्टेशन के बीच आधा दर्जन यात्री गाड़ियों के अलावा 2 मालगाड़ियों के चक्के तकरीबन सवा घंटे तक थम कर रह गए। रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि रेलवे के यार्ड साइड से लगे डाउन ट्रैक पर सिविल लाइन के मास्टर प्लान की ओर जल निकासी के लिए उतारी गई। जिससे नगर निगम की एक पोकलिन मशीन के जबड़ों में फंसने के कारण सिग्नल वायर की अतंड़ियां बाहर आ गईं। रेल टेल का भी भारी क्षति पहुंचने से लैंड लाइन सर्विस भी फेल हो गई। तकरीबन 3 घंटें तक  चले मेंटीनेंस के बाद रेल परिचालन के हालात सामान्य हो पाए। 

अथारिटी पर चलीं ट्रेन 

सिग्नल प्रणाली फेल होने के कारण  हावड़ा- मुंबई मेल सगमा स्टेशन में जहां सवा घंटे खड़ी रही, वहीं   वाराणसी से उदना जा रही एक्सप्रेस गाड़ी को सगमा में ही आधे घंटे का हाल्ट देना पड़ा। गया से चेन्नई जा रही लंबी दूरी की यात्री गाड़ी को 40 मिनट के लिए जैतवारा में रोका गया। इसी तरह सगमा से आ रही एक मालगाड़ी भी इसी वजह से फंसी रह गई। इसी बीच ठीक ऐसा ही हाल  मुंबई से वाराणसी जा रही कामयानी एक्सप्रेस का रहा। इस गाड़ी को 50 मिनट स्टेशन में ही रुकना पड़ा। इंदौर से हावड़ा के बीच यात्रा कर रही क्षिप्रा को जहां 30 मिनट स्टेशन भी ठहराव देना पड़ा वहीं जबलपुर से उधना जा रही स्पेशल ट्र्रेन स्टेशन के होम सिग्नल पर 25 मिनट खड़ी रही। इलाहाबाद के लिए जा रही एक मालगाड़ी को भी गंतव्य के लिए एक घंटे विलंब से छोड़ा गया। 

जुर्माना भरने की शर्त पर छूटी निगम की मशीन 

रेल यातायात प्रभावित होने की खबर जैसे ही रेलवे के जबलपुर कंट्रोल को मिली। कंट्रोल ने तत्काल नगर निगम की पोकलिन मशीन को जब्त करने की हिदायत दे दी। मौके पर आरपीएफ पहुंची तो प्रशासनिक प्रतिनिधि के तौर पर सिटी मजिस्ट्रेट संस्कृति शर्मा, नगर निगम के एसडीओ आरपी सिंह और अरुण तिवारी भी पहुंच गए,लेकिन आरपीएफ ने पोकलिन छोड़ने से इंकार कर दिया। नगर निगम के कमिश्नर अमन वीर सिंह ने एरिया मैनेजर मृत्युजंय कुमार से बात की तो उन्होंने डीआरएम डा.मनोज सिंह से संपर्क करने की सलाह दी। सूत्रों ने बताया कि रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों ने अंतत: क्षति के एवज में रेलवे के पक्ष में जुर्माना भरने की शर्त पर पोकलिन को जाने दिया। 

2 लाख के नुकसान का अनुमान 

सरसरी तौर पर रेलवे के जानकार सूत्रों के एक अनुमान के मुताबिक अंडर ग्राउंड सिग्नल लाइन और रेल टेल लाइन के क्षतिग्रस्त होने से रेलवे को लगभग 2 लाख रुपए की क्षति हुई है। वास्तविक नुकसान के आकलन के लिए रेलवे ने एसएनटी, आरपीएफ और रेलटेल से ज्वाइंट नोट मांगा है। 

नहीं हैं जल निकासी के इंतजाम 

जानकारों ने बताया कि जब-जब भारी बारिश होती है तब-तब अकेले ट्रेन ट्रैक पर ही नहीं, रेलवे के यार्ड साइड से लगे सिविल लाइन के मास्टर प्लान में भी जल का भराव हो जाता है। हाल ही में हुई बारिश के 4-5 दिन बाद भी मास्टर प्लान और उससे लगे इलाकों में बरसाती पानी का भराव है। आरोप हैं कि निगम द्वारा बनाई गई नाली संकरी हो जाने के कारण ऐसी स्थितियां बन रही हैं। जल निकासी के प्राकृतिक मार्ग में अतिक्रमण, रेल विद्युतीकरण के कारण मिट्टी का अतिरिक्त भराव और पहले के मुकाबले मौजूदा समय में जल निकासी क्षेत्र के ऊंचाई पर जाने से रेलवे की नहीं मास्टर प्लान के रहवासियों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। रविवार को ऐसी ही जन शिकायतों पर मौके पर जल निकासी के लिए पहुंची नगर निगम की पोकलिन से गुनाह हो गया।
 

Created On :   19 Aug 2019 8:08 AM GMT

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