स्टार हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी ने कैशलेस स्वीकृत किया और तीन दिन बाद कर दिया रिजेक्ट

Star Health Insurance Company accepted cashless and rejected after three days
स्टार हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी ने कैशलेस स्वीकृत किया और तीन दिन बाद कर दिया रिजेक्ट
बीमित का आरोप- क्लेम डिपार्टमेंट, सर्वेयर टीम के साथ ही अन्य अधिकारी कर रहे गोलमाल स्टार हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी ने कैशलेस स्वीकृत किया और तीन दिन बाद कर दिया रिजेक्ट

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। आम आदमी किसी तरह अपने खर्चों में कटौती करके प्रीमियम राशि एकत्रित करते हुए पॉलिसी लेता है कि वक्त पर बीमा कंपनी से उन्हें सहारा मिल जाएगा। लगातार प्रतिवर्ष पॉलिसी भी रिन्यू कराते हैं, पर जब बीमा कंपनी की जरूरत पड़ती है तो बीमा कंपनी का क्लेम डिपार्टमेंट से लेकर सर्वेयर टीम तथा ब्रांच अधिकारी आपस में साँठगाँठ करके पॉलिसीधारकों के साथ ठगी करने में पीछे नहीं हैं।

अस्पताल में कैशलेस नहीं करते हैं और जब सारा भुगतान कर बीमा कंपनी में बीमित क्लेम करता है तो कई तरह से दस्तावेजों में कमी निकालना शुरू कर देते हैं। जब कमी पूरी कर दी जाती है तो पुरानी बीमारी का हवाला देकर जिम्मेदार अधिकारी नो क्लेम का लैटर जारी कर देते हैं। किसी न किसी तरह से बीमा कंपनी के अधिकारियों का क्लेम नहीं देने का प्लान रहता है और वे उसमें सफल भी हो जाते हैं। पीड़ित मेल करे या फिर टोल फ्री नंबर पर संपर्क करे तो भी सही जवाब नहीं दिया जाता है। परेशान होकर बीमित उपभोक्ता फोरम व प्रत्येक जिलों में संचालित जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में केस लगा रहे हैं।

इन नंबरों पर बीमा से संबंधित समस्या बताएँ

स्वास्थ्य बीमा से संबंधित किसी भी तरह की समस्या आपके साथ भी है तो आप दैनिक भास्कर के मोबाइल नंबर - 9425324184, 9425357204 पर बात करके प्रमाण सहित अपनी बात दोपहर 2 बजे से शाम 7 बजे तक रख सकते हैं। संकट की इस घड़ी में भास्कर द्वारा आपकी आवाज को खबर के माध्यम से उचित मंच तक पहुँचाने का प्रयास किया जाएगा।

डेंगू से ग्रसित बालिका को इलाज का नहीं दिया क्लेेम

कलकत्ता निवासी मैत्रेयी मुखर्जी ने अपनी शिकायत में बताया कि उन्होंने स्टार हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी से स्वास्थ्य बीमा कराया है। पॉलिसी क्रमांक पी/700018/02/2023/000526 का कैशलेस कार्ड भी मिला था। सितम्बर 2022 को बेटी ओशी मुखर्जी का स्वास्थ्य खराब हो गया था। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया तो वहाँ पर चैक करने पर चिकित्सकों द्वारा डेंगू बताया गया और गहन चिकित्सा कक्ष में भर्ती किया गया।

बीमा कंपनी का कैशलेस कार्ड दिया गया तो बीमा अधिकारियों ने पहले कैशलेस स्वीकृत कर दिया और तीन दिन बाद स्वीकृत किया गया कैशलेस निरस्त कर दिया। बीमा अधिकारियों से संपर्क किया गया तो उनके द्वारा किसी भी तरह का कारण नहीं बताया गया और यह कहा गया कि आपको बिल सबमिट करने पर सारा भुगतान कर दिया जाएगा। पॉलिसीधारक के द्वारा इलाज के बाद बीमा कंपनी में सारे दस्तावेज सबमिट किए गए तो जिम्मेदारों ने उसमें अनेक प्रकार की क्वेरी निकालीं और उसे सत्यापित कराकर दोबारा कंपनी में दिया गया तो जल्द क्लेम देने का वादा किया, पर अचानक नो क्लेम का लैटर जारी कर दिया और बीमा कंपनी के जिम्मेदार कुछ भी नहीं बता रहे हैं। पीड़िता ने परेशान होकर न्यायालय की शरण में आवेदन देकर कार्रवाई की माँग की है।

Created On :   21 Oct 2022 5:46 PM IST

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