- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- गोंदिया
- /
- थमी बारिश पटरी पर लौटा जनजीवन,...
थमी बारिश पटरी पर लौटा जनजीवन, वैनगंगा नदी में आई बाढ़ का असर धीरे धीरे हो रहा कम
डिजिटल डेस्क, गोंदिया. जिले में 13 से 15 अगस्त के दौरान हुई मूसलाधार बारिश एवं बाढ़ के बाद अब बारिश बंद हो जाने से जनजीवन धीरे-धीरे पटरी पर लौटने लगा है। जिले में एक भी व्यक्ति राहत शिविर में नहीं होने की जानकारी जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी ने दी है। उसी प्रकार जलाशयों के गेट भी बंद कर दिए गए हैं। बारिश का पानी कम होने के कारण स्थिति अब धीरे-धीरे सामान्य होती जा रही है। 17 अगस्त को जिले में कोई भी मार्ग बारिश के कारण बंद नहीं था। सभी मार्गों पर यातायात पहले की तरह शुरू हो गया है। 17 अगस्त को मौसम मिलाजुला बना रहा। कभी आसमान में बादल छा जाते थे तो कभी धूप निकल आती थी। जिलाधिकारी कार्यालय के नियंत्रण कक्ष से मिली जानकारी के अनुसार पिछले चौबीस घंटों के दौरान अर्थात 17 अगस्त को सुबह 10 बजे तक जिले में कुल मिलाकर मात्र 2.8 मिमी औसतन बारिश रिकार्ड की गई है। तहसीलवार देखा जाए तो इस अवधि में गोंदिया तहसील में 0.6 मिमी, आमगांव में 1.2 मिमी, तिरोड़ा में 1.7 मिमी, गोरेगांव में 5.9 मिमी, सालेकसा में 4.0 मिमी, देवरी में 1.0 मिमी, मोरगांव अर्जुनी में 4.6 मिमी एवं सड़क अर्जुनी तहसील में 4.4 मिमी बारिश रिकार्ड की गई है।
कहां कितना जलसंग्रह
जिले में बारिश का जोर कम होने के कारण लगभग सभी जलाशयों के गेट बंद कर दिए गए हैं। इसके बावजूद जलाशयों में पानी लबालब भरा हुआ है। बाघ इटियाडोह सिंचाई विभाग गोंदिया द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार 17 अगस्त को सुबह 6 बजे तक अर्जुनी मोरगांव तहसील के इटियाडोह जलाशय में 100 प्रतिशत, देवरी तहसील के सिरपुरबांध में 83.91 प्रतिशत, सालेकसा तहसील के कालीसराड़ बांध में 85.01 प्रतिशत एवं पुजारीटोला बांध में 77.71 प्रतिशत जल भंडारण दर्ज किया गया है। मध्यप्रदेश के संजय सरोवर में 74.02 प्रतिशत जल भंडारण रिकार्ड किया गया।
वैनगंगा नदी में आयी बाढ़ का असर धीरे धीरे कम
उधर भंडारा की बात करें तो तीन दिन पहले 15 अगस्त को वैनगंगा नदी में आयी बाढ़ का असर धीरे धीरे कम होने लगा है। बुधवार 17 अगस्त को वैनगंगा नदी पूरे दिन खतरे के निशान यानी 245.50 मीटर से ऊपर बहती रही। हालाकि शाम तक कई कालोनियों, बीटीबी मंडी, दाभा के गणेशनगरी से पानी घटने लगा था। हालाकि खबर लिखे जाने तक जिले के 22 मार्ग बंद थे लेकिन अभी भी 40 ग्राम के लगभग तीन हजार बाढ़ग्रस्त नागरिक 43 राहत शिविरों में रूके हुए हैं। जिलाधिकारी संदीप कदम ने मंगलवार रात इन राहत शिविर में भेंट दी। इस बीच बाढ़ के चलते बुधवार को जिले की सभी शालाओं को अवकाश दिया गया था। बाढ़ में फंसे नागरिकों के लिए जिले में अलग-अलग स्थानों पर कुल 42 राहत शिविर लगाए गए थे। यहां तीन हजार 313 लोग रूके हंै। भंडारा शहर के समाज मंदिर, शाला, सामाजिक सभागृह ऐसे पांच स्थानों पर राहत शिविर लगाए गए हैं। ग्रामीण क्षेत्र में 37 राहत शिविर लगे हंै। बुधवार शाम तक वैनगंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से डेढ मीटर अधिक 247 मीटर पर बना रहा। चार दिनों से गोसीखुर्द बांध से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है। शाम को गोसीखुर्द बांध के 23 गेट ढाई मीटर से तथा दस गेट दो मीटर से खोलकर कुल 15 हजार 72 क्यूमेक्स पानी छोड़ा जा रहा था। जिले के 22 मार्ग तीसरे दिन भी बंद रहे। इनमें भंडारा शहर के दस, पवनी के चार, तुमसर के तामसवाड़ी से डोंगरला व मोहाड़ी के छह मार्ग बंद थे। इसी तरह लाखांदुर से सोनी, वड़सा ऐसे कुल 22 मार्ग बंद थे। इस बीच जिलाधिकारी संदीप कदम ने मंगलवार रात राहत शिविर में भेट देकर सुविधाओं का जायजा लिया।
बिजली आपूर्ति शुरू करने गया कर्मचारी डूबा
बिजली आपूर्ति खंडित होने से उसे सुचारू करने गए बिजली कर्मी की बाढ़ के पानी में डूबने से मृत्यु हो गई। घटना बुधवार 17 अगस्त की दोपहर 12 बजे घटी। मृतक का नाम भंडारा के शुक्रवारी के किसान चौक निवासी संदीप बालकृष्ण चौधरी (40) है। संदीप बालकृष्ण चौधरी यह भंडारा के एमएसइबी विभाग में लाइनमेन के पद पर कार्यरत था। वह बुधवार की दोपहर को मेंढा के बाढ़ग्रस्त परिसर में बिजली आपूर्ति सुचारू करने लिए गया था। वहा संदीप परिसर में जमे पानी में डूब गया। स्थानीकों की मदद से उसे पानी से बाहर निकाला गया। वहां से उसे अस्पताल ले जाने पर डाक्टरों ने उसे मृत घोषित किया। घटना की जानकारी जिला प्रशासन को दी गई। दूसरी बाढ आयी बाढ में अब तक दो लोगों की डूबने से मृत्यु हुई है।
तुमसर – बालाघाट मार्ग से यातायात शुरू
बावनथड़ी नदी में आयी बाढ़ के चलते गत तीन दिन से बंद तुमसर–बपेरा–बालाघाट मार्ग बुधवार की दोपहर फिर से शुरू हो गया। मार्ग बंद होने से यहां भारी वाहनों की लंबी कतारे लग गई थी। ऐसे में वाहन चालकों व नागरिकों को बाढ़ का पानी कम होने का इंतजार था। वहीं सिलेगांव–वाहनी मार्ग पर स्थित नाले में बहे व्यक्ति की तलाश जारी है। यहां से दो दोपहिया सवार पानी में बह गए थे। इसमें से एक को बचा लिया गया था। निरंतर बारिश के चलते तहसील के कई मार्ग बंद हो गए थे। इसमें आंतरराज्यीय मार्ग बंद होने से तुमसर का बालाघाट जिले से संपर्क टूट चुका था, लेकिन दो दिनों से बारिश ने विराम लिया तो हालात धीरे-धीरे पटरी पर आने लगे हैं। बुधवार की दोपहर को तुमसर–बालाघाट मार्ग शुरू कर भारी वाहनों को रवाना किया गया। इसी तरह सिहोरा परिसर के सीलेगांव–वाहनी मार्ग भी शुरू हो गया है। इससे जन्माष्टमी पर नागरिक आसानी से सुरक्षित तरीके से बाजार पहुंचकर खरीदी कर सकेंगे।
Created On :   18 Aug 2022 6:58 PM IST