ग्रीष्मकालीन धान की खरीदी फिर होगी शुरू, मानसून सत्र में सांसद प्रफुल पटेल ने की थी मांग

Summer paddy procurement will start again
ग्रीष्मकालीन धान की खरीदी फिर होगी शुरू, मानसून सत्र में सांसद प्रफुल पटेल ने की थी मांग
गोंदिया ग्रीष्मकालीन धान की खरीदी फिर होगी शुरू, मानसून सत्र में सांसद प्रफुल पटेल ने की थी मांग

डिजिटल डेस्क, गोंदिया. केंद्रीय खाद्य व नागरी आपूर्ति विभाग द्वारा 16 लाख क्विंटल धान खरीदी की सीमा तथा 31 अगस्त तक रबी धान खरीदी-बिक्री की कालावधि बढ़ाने का आदेश दिया गया है। शासन के इस निर्णय से गोंदिया-भंडारा जिले के धान उत्पादक किसानों में हर्ष का माहौल है। गौरतलब है कि ग्रीष्मकालीन (रबी) धान खरीदी पर सीमा लगाई गई थी। जिस कारण हजारों किसान दिए गए कालावधि में ग्रीष्मकालीन धान नहीं बेच पाए। जिससे लाखों क्विंटल धान अभी भी धान उत्पादक किसानों के घरों में तथा गोदामों में पड़ा हुआ है। बताया गया है कि गोंदिया-भंडारा जिले के किसानों के पास 35 लाख क्विंटल धान पड़ा हुआ है। जिसे गंभीरता से लेते हुए सांसद प्रफुल पटेल ने संसद अधिवेशन के दौरान शासन से ग्रीष्मकालीन धान की खरीदी की सीमा व कालावधि बढ़ाए जाने की मांग की थी।

इसके साथ ही प्रफुल पटेल ने केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के साथ मुलाकात कर रबी धान खरीदी की सीमा एवं खरीदी की कालावधि बढ़ाए जाने की मांग की। जिस पर केंद्रीय खाद्य व नागरी आपूर्ति विभाग द्वारा 16 लाख क्विंटल धान खरीदी की सीमा तथा 31 अगस्त तक रबी धान खरीदी-बिक्री की कालावधि बढ़ाने का आदेश दिया है। जिससे जिले के धान उत्पादक किसान 31 अगस्त तक रबी का धान बेच सकेंगे। गौरतलब है कि रबी धान की खरीदी की सीमा व कालावधि बढ़ाई जाए की मांग को लेकर किसानों ने कई बार मोर्चे निकालकर तथा ज्ञापन सौंपकर शासन का ध्यानाकर्षण किया गया। बताया गया है कि गोंदिया-भंडारा जिले के किसानों के पास 35 लाख क्विंटल धान पड़ा हुआ है। 

जिसे गंभीरता से लेते हुए सांसद प्रफुल पटेल ने केंद्रीय मंत्री पीयुष गोयल के साथ मुलाखत कर खरीदी की सीमा व खरीदी की कालावधी बढ़ाने की मांग की। जिसे केंद्रिय मंत्री पीयुष गोयल द्वारा मंजूर की गई। अब राज्य में 16 लाख क्विंटल धान 31 अगस्त तक खरीदा जाएगा। इस आदेश से किसानों को राहत मिलने से सांसद प्रफुल पटेल का किसानों द्वारा आभार व्यक्त किया जा रहा है। 

50 हजार से अधिक धान उत्पादकों को मिली राहत

इस बार धान खरीदी की मुदत बढाने के पश्चात भी किसानों का संपूर्ण धान खरीदी नही हुआ था। धान खरीदी बंद होने से किसानों में रोष था। भंडारा व गोंदिया जिले के करीब 50 हजार से अधिक किसानों का धान बिक्री हो इसके पहले ही धान खरीदी बंद हो चुकी थी। पर अब फीर से ग्रीष्मकालीन धान की खरीदी होने वाली है। ग्रीष्मकालीन धान खरीदी फीर से शुरू करने के लिए 10 लाख 53 हजार क्विंटल से राज्य का लक्ष्य बढा है। इससे भंडारा व गोंदिया जिले के हजारों किसानों को राहत मिलेगी। बता दे कि धान खरीदी का लक्ष्य बढाकर देने के बाद भी खरीदी पूर्ण नही हो पायी थी। धान खरीदी किसानों की दृष्टि से बहुत ही जटील समस्या का विषय बन गया था। बडे पैमाने पर किसानों का धान न बिने के कारण नुकसान वहन करने का समय किसानों पर आया था। इसके पूर्व भी दो बार उद्दिष्ट बढाकर देने के लिए सांसद मेंढे सामने आए थे।

इसके दौरान इस समय भी यह लक्ष्य बढाकर देते हुए किसानों का बचा हुआ धान खरीदी किया जाए इस लिए केंद्रीय मंत्रि पीयुष गोयल, संबंधित विभाग के केंद्रीय सचिव स्तर के अधिकारी, कृषि सचिव और अन्य अधिकारियों के भेट ली गई। दो दिन पूर्व राज्य के कृषि मंत्रि अब्दुल सत्तार के साथ हुई सभा में भी सांसद मेंढे ने यह विषय रखा।

 गत कुछ दिनों से चल रहे निरंतर प्रयासों के कारण अंतत: केंद्र शासन ने महाराष्ट्र के धान खरीदी का लक्ष्य बढाकर देने संबंध निर्णय लेकर वैसा पत्र निकाला है। 10 लाख 53 हजार क्विंटल से यह लक्ष्य बढाया गया है। आदिवासी विभाग व्दारा किए जाने वाले धान खरीदी के लक्ष्य पूर्ण न हो सके 3 लाख का उद्दिष्ट भी मार्केटिंग फेडरेशन के हिस्से में आकर उद्दिष्ट और बढ सकता है। 

उद्दिष्ट बढाकर देने के इस निर्णय के कारण अब भंडारा गोंदिया जिले के किसानों का बचा हुआ धान खरीदी होने का मार्ग खुला होकर 31 अगस्त तक खरीदी की मुदत भी बढाकर दी गई है। इसका किसानों ने लाभ लेने का आह्वान सांसद सुनिल मेंढे ने किया है। इस लिए सांसद सुनिल मेंढे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्रि पीयुष गोयल, मुख्यमंत्रि एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्रि देवेंद्र फडणवीस, सचिव सुबोध कुमार का आभार माना। 

राज्य सरकार को 3.726 मीट्रिक टन धान खरीदी के थे आदेश

केंद्र सरकार द्वारा राज्य को 3.726 मीट्रिक टन धान खरीदी करने के आदेश दिए गए थे। जबकि रबी धान का उत्पादन उपरोक्त दिए गए लक्ष्य से अधिक हुआ है। जिस कारण राज्य सरकार ने 3.726 मीट्रिक टन खरीदी के बाद किसानों से धान खरीदना बंद कर दिया था। ऐसे में अधिक उत्पादन होने तथा खरीदी की कालावधि कम होने के कारण लाखों क्विंटल धान किसानों के घरों में ही रह गया था। जिस कारण किसान चिंतित थे।

 

 

Created On :   22 Aug 2022 6:23 PM IST

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