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सतना नदी के रेल ब्रिज पर 2 घंटे फंसी रही सुपरफास्ट - विक्षिप्त युवक ने महानगरी समेत रोक दी 4 ट्रेनें

डिजिटल डेस्क सतना। मुंबई-हावड़ा प्रमुख रेल मार्ग पर सतना-उचेहरा स्टेशन के बीच सतना नदी के रेल ब्रिज पर चढ़कर बैठे एक विक्षिप्त युवक ने सोमवार की शाम मुंबई-पाटिलीपुत्र सुपरफास्ट समेत 4 ट्रेनों की राह रोक दी। इनमें से सुपरफास्ट तो तकरीबन 2 घंटे तक ब्रिज पर ही फंसी रही। ब्रिज के टॉप पर चढ़े युवक की जान बचाने के लिए रेल विद्युतीकरण की हाईटेंशन सप्लाई का पावर कट किए जाने के कारण मुंबई-हावड़ा ट्रैक पर यातायात पूरे 3 घंटे बंद रहा। रेल सूत्रों ने बताया कि दोपहर साढ़े 4 बजे के करीब मानसिक रुप से विक्षिप्त 22 वर्षीय आशीष रैदास को ट्रैक के किनारे घूमते हुए देखा गया। शाम 5 बजे के करीब आशीष सतना नदी के रेल ब्रिज पर चढ़ गया। गनीमत तो ये थी कि वह हाईटेंशन लाइन की चपेट में नहीं आया। बीच के टॉप पर बैठे युवक को जब ही पंप में काम कर रहे रेल कर्मियों ने देखा तो उन्होंने मामले की खबर आरपीएफ के पोस्ट प्रभारी मानसिंह को दी।
सब इंस्पेक्टर लोकेश पटेल मौके पर पहुंचे। उन्होंने समझाइश दी मगर युवक नीचे आने को तैयार नहीं था।
आनन फानन में पावर कट
विक्षिप्त युवक आशीष रैदास पर समझाइश बेअसर होते देख आरपीएफ ने जबलपुर के रेल कंट्रोल को वस्तुस्थिति से अवगत कराया। आनन फानन में सतना-उचेहरा के बीच रेलवे की हाईटेंशन पावर सप्लाई बंद कर दी गई। शाम साढ़े 5 बजे जिस समय पावर कट किया गया मुंबई की ओर से चलकर पाटिलीपुत्र की ओर जाने वाली सुपर फास्ट सतना नदी में ब्रिज के बीच में थी। बिजली बंद होते ही लंबी दूरी की यह यात्री गाड़ी जस की तस फंस गई। अहमदाबाद से गोरखपुर जा रही स्पेशल ट्रेन को पहले 25 मिनट के लिए मैहर और फिर 2 घंटे के लिए उचेहरा में रोक दिया गया। इसी ट्रेन के पीछे लगी मुंबई-राजेन्द्रनगर जनता एक्सप्रेस और मुंबई-वाराणसी महानगरी एक्सपे्रस भी 2-2 घंटे मैहर में खड़ी रहीं।
भेजा गया डीजल इंजन
रेल सूत्रों ने बताया कि विक्षिप्त युवक की बदौलत पावर कट किए जाने के कारण सतना नदी के ब्रिज पर फंसी सुपर फास्ट ट्रेन को निकालने के लिए सतना जंक्शन से डीजल इंजन भेजा गया। डीजल इंजन की मदद से ये यात्री गाड़ी लगभग 2 घंटे बाद सतना स्टेशन लाई गई।
और,फिर टावर वैगन
सतना नदी के रेल ब्रिज में फंसी सुपरफास्ट को निकालने के बाद रेल प्रशासन ने विक्षिप्त युवक को सुरक्षित उतारने के लिए मौके पर टावर वैगन भेजी। इसी टावर वैगन के केबिन में आरपीएफ के आरक्षक अजीत यादव को चढ़ाकर पुल पर बैठे विक्षिप्त युवक तक पहुंचाया गया। इस तरह से बल पूर्वक युवक को जैसे-जैसे पुल से नीचे उतारा गया। उसके पैर पर चोट थी। टावर वैगन से ही उसे स्टेशन लाकर एम्बुलेंस से जिला अस्पताल भेजा गया। इस तरह से पूरे 3 घंटे बाद रात साढ़े 8 बजे मुंबई-हावड़ा ट्रैक पर रेल यातायात को बहाल किया जा सका।
पिता के साथ घर से निकला था पल्लेदारी के लिए
बताया गया है कि कोलगवां थाना अंतर्गत टिकुरिया टोला में पत्ती गोदाम के पास रहने वाले पल्लेदार लालमन रैदास का 22 वर्षीय बेटा आशीष मानसिक तौर पर विगत डेढ़ वर्ष से विक्षिप्त है। इसका रीवा में इलाज चल रहा है। सोमवार को सुबह 9 बजे वह अपने पिता के साथ साइकल पर पल्लेदारी के लिए राजेन्द्रनगर पहुंचा। लगभग दोपहर डेढ़ बजे वह मौके से गायब हो गया। उसकी तमाम तलाश की गई मगर उसका पता नहीं चला। बाद में खबर आई कि वह सतना नदी के रेल पुल पर बैठा हुआ है।
Created On :   28 July 2020 1:59 PM IST