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बैठक में बिना जानकारी पहुंचीं जिला कार्यक्रम अधिकारी, पूछने पर कहा मेरी कोई सुनता नहीं
डिजिटल डेस्क, शहडोल। महिला वित्त विकास निगम की अध्यक्ष अमिता चपरा ने सोमवार को कलेक्ट्रेट में आजीविका मिशन एवं महिला बाल विकास विभाग के अधिकारियों की संयुक्त बैठक ली। इस दौरान महिला बाल विकास विभाग के संबंध में जानकारी मांगने पर जिला कार्यक्रम अधिकारी शालिनी तिवारी कोई जवाब नहीं दे पाईं। बिना जानकारी के पहुंची श्रीमती तिवारी का कहना था कि उनकी कोई नहीं सुनता है। इस पर कलेक्टर वंदना वैद्य ने कड़ी नाराजगी जताई।
बैठक के दौरान महिला वित्त विकास निगम की अध्यक्ष ने डीपीओ से पूछा कि कुपोषित बच्चों का प्रॉपर वजन लिया जा रहा है या नहीं। इस पर डीपीओ शालिनी तिवारी ने कहा कि कोविड की वजह से पहले जैसा काम नहीं हो रहा है। हमारे पास स्टाफ की कमी है। स्टाफ अन्य कार्यों में लगा रहता है। हमारी बात कोई सुनता ही नहीं है। वे विभाग से संबंधित जानकारी लेकर भी नहीं पहुंची थीं। इस पर कलेक्टर ने नाराजगी जताते हुए डीपीओ को कड़ी फटकार लगाई। बताया जाता है कि काफी देर तक डीपीओ बहस करती रहीं।
कलेक्टर ने लगाई फटकार
महिला वित्त विकास निगम की अध्यक्ष अमिता चपरा ने कलेक्टर को निर्देशित किया कि विभागीय कार्यों में लापरवाही एवं उदासीनता बरतने तथा विभागीय योजनाओं की जानकारी सही ढंग से प्रस्तुत नहीं करने पर जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास शालिनी तिवारी को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। समाधानकारक जवाब न मिलने पर कार्रवाई करने के लिए भी कहा। साथ ही विभागीय प्रमुख सचिव को भी इस बारे में पत्र लिखने के लिए कहा है। भास्कर ने चर्चा में श्रीमती अमिता चपरा ने कहा कि इस तरह से काम नहीं चलेगा। कुपोषण की रोकथाम के लिए काम करना पड़ेगा। हमें जिले को दुरुस्त करना है।
महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने स्थानीय उत्पादों को दें बढ़ावा
बैठक में श्रीमति अमिता चपरा ने कहा कि आदिवासी बाहुल्य जिले की महिलाओं को जागरूक कर उन्हें छोटे-छोटे उद्योगों से जोड़कर विभागीय अधिकारी स्व-सहायता समूहों के माध्यम से उनकी आर्थिक स्थिति सुधारने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में अपनी-अपनी विभागीय योजनाओं से लाभान्वित कराने का कार्य करें। उन्होंने कहा कि वन विभाग के अधिकारियों से सहयोग लेकर वनोपज क्षेत्र में स्व सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं को प्रशिक्षित करें तथा वनोपज से विभिन्न उत्पादों का लाभ दिलाने का भी कार्य करें। कुपोषण मिटाने के लिए महिला बाल विकास के अधिकारी एवं क्षेत्रीय अमला सजगता से कार्य करें तथा बच्चों का समय-समय पर वजन लेकर उन्हें नियमित पोषण आहार दिलाने के साथ उनके परिवार के सदस्यों को सुपोषण के संबंध में जानकारियां भी दें। आम, बेर से निर्मित अमचुर, महुआ उत्पाद से मौहरी, लाटा, लड्डू आदि सामग्रियां निर्मित कराकर बेहतर मार्केटिंग उपलब्ध कराएं जिससे उनके आर्थिक आय में इजाफा हो सकें तथा महिलाएं आत्मनिर्भर बन सकें। बैठक में सहायक संचालक महिला बाल विकास मनोज लारोलकर, जिला प्रबंधक आजीविका मिशन विष्णुकांत विश्वकर्मा, परियोजना अधिकारी जशवंत कौर हूरा, शैलजा सिंह, संदीप दीक्षित, प्रतीक्षा शुक्ला सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
Created On :   8 Feb 2022 12:50 PM IST