पुलिस से जनता ने किया सवाल - फरार आरोपियों को पकडऩे के बाद क्यों छोड़ा

The public questioned the police - why the absconding accused were released
पुलिस से जनता ने किया सवाल - फरार आरोपियों को पकडऩे के बाद क्यों छोड़ा
पुलिस से जनता ने किया सवाल - फरार आरोपियों को पकडऩे के बाद क्यों छोड़ा

डिजिटल डेस्क जबलपुर।  ओमती पुलिस चार सौ बीसी के एक मामले में स्टाम्प वेंडर एवं अन्य की तलाश के दौरान दो आरोपियों को थाने लेकर आई, लेकिन उनको छोड़ दिये जाने के मामले को लेकर पुलिस पर सवाल उठना शुरू हो गए हैं। इस मामले में कहा गया है कि दो आरोपियों को जब वे कोर्ट में अपनी जमानत का जुगाड़ लगाने के लिए गए थे तभी पुलिस उन्हें पकड़ लाई थी। उसके बाद किसी का फोन आया और फिर उन्हें छोड़ दिया गया। इस मामले में थाना प्रभारी से सम्पर्क किया गया, लेकिन उनके द्वारा इस मामले में कोई जानकारी नहीं दी गई। थाने के सीसीटीवी की जाँच की जाये तो असलियत उजागर होने की बात भी लोगों द्वारा  कही जा रही है। इस धोखाधड़ी के मामले में बताया गया है कि गोलबाजार निवासी संजय जैन ने वर्ष 2011 में शिरीष यादव से चरगवाँ रोड पर डगडगौया हिनौता में  जमीन खरीदी थी। शिरीष के भाई डॉ. सुधीर यादव ने यह दावा कर दिया कि यह जमीन तो वह वर्ष 2008 में ही बेच चुका है। जब संजय जैन ने इस मामले की जाँच कराई तो पता चला कि फर्जी स्टाम्प के जरिए जमीन बेचने का दावा किया गया  है। इस मामले में स्टाम्प वेंडर दिनेश जैन, डॉक्टर सुधीर यादव, हेमन्त शाह, अश्विनी शाह  और अमित बाभूलकर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। इस मामले को लेकर पुलिस पर दबाव की स्थिति शुरू से बनने की बात कही जा रही है।  
 

Created On :   7 March 2020 1:33 PM IST

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