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पंजीयन विभाग को इस बार 422 करोड़ का लक्ष्य करना है पूरा, अभी भी 100 करोड़ पीछे

डिजिटल डेस्क जबलपुर । कलेक्ट्रेट में रविवार को जहाँ सभी कार्यालय बंद थे, वहीं रजिस्ट्री कार्यालय में चहल-पहल सुबह से ही बनी हुई थी और रजिस्ट्री कराने वाले पहुँच रहे थे। छुट्टी के दिन ऑफिस खोलने का फायदा यह हुआ कि एक ही दिन में 46 से ज्यादा रजिस्ट्रियाँ हो गईं। इस बार भारी-भरकम टारगेट दिया गया है जिसे पूरा करने के लिए अधिकारी जुटे हुए हैं लेकिन अभी भी वे लक्ष्य से लगभग 100 करोड़ पीछे चल रहे हैं। अधिकारियों को सिर्फ होली के दिन का ही अवकाश दिया गया था। अधिकारियों के पास अब 15 दिनों का समय ही बचा है जिसमें उन्हें टारगेट को पूरा करना है।
जमीनों की खरीदी और बिक्री मार्च माह में अधिक होती हैं और इसी महीने टारगेट को पूरा करने का प्रेशर भी रहता है। यही कारण है कि रजिस्ट्री दफ्तर छुट्टी के दिन भी खुले रहते हैं। रविवार को भी कलेक्ट्रेट के पंजीयन विभाग का एक नंबर और अंधुआ स्थित रजिस्ट्री कार्यालय नंबर दो, दोनों खुले हुए थे। कार्यालय एक में जहाँ 18 रजिस्ट्रियाँ हुईं, वहीं दो नंबर दफ्तर में 28 रजिस्ट्रियाँ हुईं। दोनों कार्यालयों में अभी तक 422 करोड़ का जो लक्ष्य है उसे पूरा करने का प्रयास हो रहा है लेकिन दोनों कार्यालयों ने अभी तक लगभग 3 सौ करोड़ के लगभग ही टारगेट पूरा किया है। दो नंबर कार्यालय ने जहाँ 193 करोड़ में से 151 करोड़ का लक्ष्य पूरा किया है। वहीं एक नंबर दफ्तर ने भी 229 करोड़ में से 152 करोड़ का टारगेट पूरा किया है। इस तरह अभी भी सौ करोड़ से ज्यादा विभाग को लक्ष्य पूरा करने के लिये दस्तावेजों के पंजीयन की प्रक्रिया पूरी करानी होगी।
पिछले साल भी रह गए थे पीछे
पिछले साल भी पंजीयन विभाग को 382 करोड़ का टारगेट दिया गया था, जिसमें 305 करोड़ ही रजिस्ट्रियों से आ पाये थे। इस साल भी अब ऐसा कहा जा रहा है कि आँकड़ा ज्यादा बढऩे की गुंजाइश नहीं है। जिला पंजीयक निधि जैन और रजनेश सोलंकी का कहना है कि उनका यही प्रयास है कि वे जो भी टारगेट है उसे पूरा करें। हालाँकि जब तक रजिस्ट्रियाँ नहीं होंगी लक्ष्य पूरा होना मुश्किल है। अभी नवरात्रि आने वाली है उस दौरान भी रजिस्ट्रियों की संख्या बढ़ती है इसलिये उम्मीद है कि हम लक्ष्य के बहुत करीब पहुँच जायेंगे। िवभाग को इस बार भारी-भरकम टारगेट दिया गया है जिसे पूरा करने के लिए अधिकारी जुटे हुए हैं लेकिन अभी भी वे लक्ष्य से लगभग 100 करोड़ पीछे चल रहे हैं। अधिकारियों को सिर्फ होली के दिन का ही अवकाश दिया गया था। अधिकारियों के पास अब 15 दिनों का समय ही बचा है जिसमें उन्हें टारगेट को पूरा करना है।
जमीनों की खरीदी और बिक्री मार्च माह में अधिक होती हैं और इसी महीने टारगेट को पूरा करने का प्रेशर भी रहता है। यही कारण है कि रजिस्ट्री दफ्तर छुट्टी के दिन भी खुले रहते हैं। रविवार को भी कलेक्ट्रेट के पंजीयन विभाग का एक नंबर और अंधुआ स्थित रजिस्ट्री कार्यालय नंबर दो, दोनों खुले हुए थे। कार्यालय एक में जहाँ 18 रजिस्ट्रियाँ हुईं, वहीं दो नंबर दफ्तर में 28 रजिस्ट्रियाँ हुईं। दोनों कार्यालयों में अभी तक 422 करोड़ का जो लक्ष्य है उसे पूरा करने का प्रयास हो रहा है लेकिन दोनों कार्यालयों ने अभी तक लगभग 3 सौ करोड़ के लगभग ही टारगेट पूरा किया है। दो नंबर कार्यालय ने जहाँ 193 करोड़ में से 151 करोड़ का लक्ष्य पूरा किया है। वहीं एक नंबर दफ्तर ने भी 229 करोड़ में से 152 करोड़ का टारगेट पूरा किया है। इस तरह अभी भी सौ करोड़ से ज्यादा विभाग को लक्ष्य पूरा करने के लिये दस्तावेजों के पंजीयन की प्रक्रिया पूरी करानी होगी।
पिछले साल भी रह गए थे पीछे
पिछले साल भी पंजीयन विभाग को 382 करोड़ का टारगेट दिया गया था, जिसमें 305 करोड़ ही रजिस्ट्रियों से आ पाये थे। इस साल भी अब ऐसा कहा जा रहा है कि आँकड़ा ज्यादा बढऩे की गुंजाइश नहीं है। जिला पंजीयक निधि जैन और रजनेश सोलंकी का कहना है कि उनका यही प्रयास है कि वे जो भी टारगेट है उसे पूरा करें। हालाँकि जब तक रजिस्ट्रियाँ नहीं होंगी लक्ष्य पूरा होना मुश्किल है। अभी नवरात्रि आने वाली है उस दौरान भी रजिस्ट्रियों की संख्या बढ़ती है इसलिये उम्मीद है कि हम लक्ष्य के बहुत करीब पहुँच जायेंगे।
Created On :   16 March 2020 2:05 PM IST