4 साल में पूरा करने का था टारगेट -अभी बन पाया सिर्फ भवन, उपकरणों और बिस्तरों का भी इंतजार

The target was to be completed in 4 years - now only the building, equipment and beds were also awaited
4 साल में पूरा करने का था टारगेट -अभी बन पाया सिर्फ भवन, उपकरणों और बिस्तरों का भी इंतजार
4 साल में पूरा करने का था टारगेट -अभी बन पाया सिर्फ भवन, उपकरणों और बिस्तरों का भी इंतजार

6 साल बाद भी शुरू नहीं हो सका स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
मेडिकल कॉलेज में स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट बनेगा... इस खबर ने महाकौशल समेत विंध्य और बुंदेलखण्ड के उन मरीजों को राहत दी थी, जो कैंसर के इलाज के लिए मेट्रो सिटीज का रुख करते हैं। जिस उत्साह के साथ इस प्रोजेक्ट को शुरू किया गया, लग रहा था कि तय समय सीमा में यह इंस्टीट्यूट तैयार हो जाएगा, लेकिन 6 साल बाद भी मेडिकल कॉलेज में स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट शुरू नहीं हो सका है। आज की स्थिति यह है कि  केवल भवन बनकर तैयार है, उपकरणों, बिस्तरों समेत अन्य साजो-सामान कब तक आएगा यह किसी को नहीं पता। इतना ही नहीं इंस्टीट्यूट के लिए स्वीकृत हुए स्टाफ के पदों में भी  समय के साथ कटौती हो रही है। इंस्टीट्यूट शुरू न हो पाने का खामियाजा उन मरीजों को भुगतना पड़ रहा है, जो इलाज के लिए वर्तमान में कैंसर हॉस्पिटल पर निर्भर हैं, जहाँ स्टाफ, उपकरण और बिस्तर सीमित हैं। 
अभी यह है स्थिति  -  मेडिकल कॉलेज के कैंसर हॉस्पिटल में नए और पुराने मिलाकर रोजाना 150 से 200 मरीज आते हैं। मरीजों की संख्या के मुकाबले यहाँ  53 बिस्तर ही हैं, जिनमें 23 पुरुषों और 30 महिलाओं के इलाज के लिए हैं। वहीं इतने मरीजों को देखने के लिए अभी 4 कंसल्टेंट डॉक्टर्स ही हैं। 
इलाज के लिए लम्बा होता जा रहा इंतजार
वर्तमान में सीमित बिस्तर और स्टाफ होने के चलते कई मरीजों को इलाज के लिए बाहर जाना पड़ता है और जो नहीं जा पाते उनके हिस्से इंतजार आता है। इनमें से कई मरीज ऐसे भी होते हैं जो अंतिम स्टेज पर होते हैं। कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. श्यामजी रावत कहते हैं कि महाकौशल क्षेत्र की पॉपुलेशन को देखते हुए स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट जल्द से जल्द शुरू होना जरूरी है। 
स्वीकृत स्टाफ में भी कटौती 
जानकार बताते हैं कि स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट की घोषणा के वक्त 500 पद स्वीकृत किए गए थे। इसके बाद 22 जून 2016 से स्वीकृत पदों को 250 कर दिया गया। कटौती यहीं नहीं रुकी, हाल ही में एक बार फिर कैंची चलाकर इन 250 पदों में से 20 पदों को स्कूल ऑफ एक्सीलेंसी इन पल्मोनरी मेडिसिन के लिए स्वीकृत कर दिया गया है।

गवर्नमेंट के आदेश का इंतजार 
बिल्डिंग का निर्माण पीआईओ द्वारा कराया गया है। अभी यह मेडिकल कॉलेज को हस्तांतरित नहीं की गई है। गवर्नमेंट के आदेश का इंतजार है। अभी फिलहाल के लिए यहाँ कोरोना टीकाकरण केंद्र बनाया गया है। 
-डॉ. लक्ष्मी सरोतिया अधीक्षक, कैंसर अस्पताल 
 

Created On :   29 Jan 2021 2:58 PM IST

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