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स्वरों के सृजन के साथ शुरू हुई बसंत पंचमी मनाने की परंपरा
डिजिटल डेस्क, तिरोड़ा। स्वरों के सृजन के साथ ही बसंत पंचमी मनाने की परंपरा शुरू हुई। यह प्रतिपादन मेरिटोरियस पब्लिक स्कूल के संचालक मुकेश अग्रवाल ने किया। मेरिटोरियस पब्लिक स्कूल में बसंत पंचमी उत्सव उत्साह के साथ मनाया गया। इस समय आयोजित कार्यक्रम में वे बोल रहे थे। कार्यक्रम की शुरुआत संचालक मुकेश अग्रवाल और संचालिका रानी अग्रवाल के हाथों माता सरस्वती की प्रतिमा का पूजन एवं सरस्वती वंदना के साथ की गई। इस दौरान कक्षा आठवीं की छात्राओं ने मनमोहक नृत्य प्रस्तुत किया।कक्षा नौवीं की छात्राओं ने संत कबीर दास के दोहे पढ़कर सुनाएं। मुकेश अग्रवाल ने अपने संबोधन में कहा कि विद्यार्थियों को बसंत पंचमी का महत्व समझाने के लिए ऐसे कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। जिससे यह परंपरा बरकरार रहे। इस समय विद्यार्थियों को मां सरस्वती की आराधना करने का संदेश दिया गया। कार्यक्रम काे सफल बनाने के लिए संगीत शिक्षक रत्नाकर,सभी शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारियों ने योगदान दिया।
बसंत पंचमी पर किया गया सुंदरकांड का आयोजन
उधर राजुरा में वसंत पंचमी, रथसप्तमी के उपलक्ष्य में पतंजलि योग समिति और सहयोगी संगठन राजुरा की ओर से मारोती की स्तुति पर गायन, भक्तियोग कार्यक्रम का आयोजन भवानी माता के सभामंडप में किया गया। इस समय भावना भोयर, पुष्पा गीरडकर, वंदना ठाकुर, सुरेखा ठवकर, सुरेखा घाटोले, कविता वाघमारे, सुनीता फंडे, संजय ठवकर, हेमनाथ ठाकुर की टीम ने सुंदरकांड का गायन किया। कार्यक्रम की सफलता के लिए पुंडलिक उराडे, वर्किंग कमेटी के हरि डोरलीकर, प्रा. मोरे, एड. मेघा धोटे के मार्गदर्शन में अल्का कोसुरकर, पुष्पा गिरडकर, निलिमा शेलोटे, नलिनी झाड़े, कृतिका सोनटक्के, नीता बोरीकर, बोरीकर, मंगला डोरलीकर, सुनीता जनपललीवार, चंद्रकला खंडाले, गीरसावल आदि ने प्रयास किया। कार्यक्रम का समापन महाप्रसाद वितरण के साथ किया गया।
Created On :   9 Feb 2022 7:19 PM IST