भांडेवाड़ी डंपिंग यार्ड के चारों ओर बनेगा अर्बन जंगल , ग्रीन यात्रा करेगी काम

Urban forest will be built around bhandewadi dumping yard, green travel will work
भांडेवाड़ी डंपिंग यार्ड के चारों ओर बनेगा अर्बन जंगल , ग्रीन यात्रा करेगी काम
भांडेवाड़ी डंपिंग यार्ड के चारों ओर बनेगा अर्बन जंगल , ग्रीन यात्रा करेगी काम

डिजिटल डेस्क, नागपुर। मुंबई के जोगेश्वरी स्थित सीआरडब्ल्यूसी (सेंट्रल रेलसाइड वेयरहाउस कंपनी) मियावॉकी मेथड से तैयार अर्बन जंगल की तर्ज पर नागपुर स्थित भांडेवाड़ी डंपिंग यार्ड के चारों ओर अर्बन जंगल बनाने की योजना है। हाल ही में मनपा आयुक्त अभिजीत बांगर ने यह जानकारी देते हुए बताया कि इस योजना पर स्वयंसेवी संस्था ग्रीन यात्रा काम करेगी। ग्रीन यात्रा इसके पूर्व मुंबई के जोगेश्वरी स्थित सीआरडब्ल्यूसी में सफलतापूर्वक अर्बन जंंगल विकसित कर चुकी है। वहां खाली पड़ी भूमि केवल नौ माह मंे घने अर्बन जंगल में बदल गई। मनपा आयुक्त ने नागपुर के एनवायरमेंटल स्टटेस रिपोर्ट पर चर्चा के दौरान बताया था कि इस योजना से डंपिंग यार्ड के दुष्प्रभावों को कम करने में काफी मदद मिल सकती है। विशेषज्ञों के अनुसार पेड़ों की दीवार, यार्ड से आने वाली बदबू के साथ प्रदूषित वायु के लिए भी दीवार का काम करेगी।

बंजर जमीन जो आठ माह में अर्बन जंगल में बदल गई
मुंबई के जोगेश्वरी स्थित सीआरडब्ल्यूसी वेयर हाउस के पास बंजर जमीन पर ग्रीन यात्रा ने अर्बन जंगल तैयार किया है। केवल आठ माह में खाली पड़ी जमीन घने जंगल में बदल गई। इस प्रोजेक्ट की देश ही नहीं विदेश तक चर्चा है। यूएनओ, रेलवे मंत्रालय सहित कई हस्तियों और संस्थाओं ने सराहना की है। यहां लगभग डेढ़ एकड़ जमीन में डेढ़ किमी लंबा ग्रीन वॉल तैयार किया गया है। 3 चरणों में 7000 पौधे लगाए गए हैं।  

क्या है मियावॉकी मेथड
 मियावॉकी प्रणाली में कम जगह में काफी अधिक पेड़ लगाए जाते हैं। पारंपरिक व्यवस्था में जहां एक एकड़ में तीन से पांच हजार पेड़ लगाए जाते हैं, वहीं मियावॉकी में एक एकड़ में 12000 पेड़ लगाए जाते हैं। इसके साथ ही इसमें पेड़ों को लेयर में लगाया जाता है। ऊंचाई के अनुसार पांच लेयर होते हैं। इससे जंगल काफी घना हो जाता है। इसके साथ ही पेड़ों की बढ़ने की दर काफी तीव्र होती है, जिससे कम समय में ही जंगल तैयार हो जाता है।

तकनीक का बोलबाला
आज हर क्षेत्र में तकनीक का बोलबाला है। मियावॉकी पौधारोपण के क्षेत्र में काफी बेहतर नतीजा लाने वाली तकनीक है। इसमें पेड़ काफी जल्दी बढ़ते हैं और दो वर्ष के बाद उनकी देखभाल की जरूरत भी नहीं होती है। नागपुर के भांडेवाड़ी में ग्रीन वॉल तैयार होने से पर्यावरण व आसपास के इलाके में इसका काफी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। - प्रदीप त्रिपाठी, ग्रीन यात्रा के संस्थापक

हानि कम करने की कोशिश
भांडेवाड़ी डंपिंग यार्ड के कारण पर्यावरण और स्थानीय लोगों को हो रहे नुकसान को कम करने के लिए यार्ड के चारों ओर अर्बन जंगल बनाने की योजना है। बफर जोन की चौड़ाई नीरी के साथ विचार-विमर्श के बाद तय की जाएगी। - राजेश दुपारे, डिप्टी इंजीनियर मनपा

मियावॉकी प्रणाली की विशेषताएं
10 गुना ज्यादा पेड़ों की बढ़ने की दर 
30 गुना ज्यादा घने जंगल 
100 गुना ज्यादा प्राणी विविधता
30 गुना ज्यादा कार्बन डायऑक्साइड अवशोषण
30 गुना ज्यादा बेहतर शोर व धुन रोकने की क्षमता
30 गुना ज्यादा ग्रीनर सरफेस एरिया
10 वर्ष में 100 वर्ष पुराने जंगल जितनी कार्यक्षमता

Created On :   17 Oct 2019 1:08 PM IST

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