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रेत की खातिर शहडोल में वंशिका, अनूपपुर में केजी डेवलपर्स और उमरिया में आरएसआई ने तोड़े नियम
डिजिटल डेस्क जबलपुर । रेत से मिलने वाली ऊंची रायल्टी से भर रहे सरकारी खजाने का शासन-प्रशासन पर इतना तगड़ा दबाव है कि शहडोल, अनूपपुर तथा उमरिया में ठेका कंपनियों द्वारा खनन नियमों तथा ठेका शर्तों के उल्लंघन के कई मामले सामने आए लेकिन इन्हें बचा लिया गया। इन्हें मिले राजनीतिक व प्रशासनिक संरक्षण का ही असर रहा कि इन तीनों जिलों में ठेका निरस्त करना तो दूर, इसकी प्रक्रिया तक शुरू नहीं की गई। बड़ी भूमिका रही जिला खनिज विभाग की जिसने बड़े से बड़े मामलों की रिपोर्ट माइनिंग कॉर्पोरेशन सहित शासन को नहीं भेजी। प्रमुख सचिव खनिज सुखबीर सिंह शहडोल और अनूपपुर के मामले में ऐसी कोई रिपोर्ट प्राप्त नहीं होने की बात कहते हैं। वे कहते हैं कि -रिपोर्ट मंगवाई जाएगी। अनुबंध की शर्तों को भी देखा जाएगा। यदि वायलेशन हुआ है तो कार्रवाई की जाएगी।
शहडोल में वंशिका के वश में रहा महकमा
शहडोल जिले की रेत खदानों का ठेका लेने वाली वंशिका कंस्ट्रक्शन ने जून 2020 के पहले सप्ताह में काम शुरू किया था और दूसरे ही दिन चूंदी नदी स्थित भुरसी खदान में पोकलेन मशीन जब्त कर ली गई थी। जिले की भटिगवां, पौड़ी कला खदानों में बिना अनुमति मशीनों से खनन के बीते सवा साल दरम्यान अनेक मामले सामने आए लेकिन ठेका कंपनी और उनके कर्ताधर्ताओं को बचा लिया। राजनीतिक संरक्षण प्राप्त वंशिका के विरुद्ध बड़ी कार्रवाई जिला व पुलिस प्रशासन ने 11 व 12 सितंबर को की। प्रतिबंधित अवधि में मोटरबोट-पनडुब्बी सहित पोकलेन मशीन से व्यापक पैमाने पर रेत के अवैध उत्खनन, 35 डंपरों से रेत के अवैध परिवहन तथा एनजीटी के निर्देशों की अवहेलना पर पुलिस ने जहां ठेका कंपनी के जीएम अजीत सिंह जादौन तथा प्रबंधक अमन खान को गिरफ्तार किया वहीं प्रशासन ने कंपनी पर 29 लाख 50 हजार रुपए के जुर्माने सहित वाहनों व मशीनों को राजसात किए जाने की कार्रवार्ई प्रस्तावित की। रेत खनन से जुड़े नियमों व ठेका शर्तों के उल्लंघन का इतना बड़ा और प्रत्यक्ष प्रमाण होने के बावजूद खनिज विभाग ने वंशिका का ठेका निरस्त करने संबंधी प्रस्ताव कलेक्टर के माध्यम से खनिज निगम और शासन को नहीं भिजवाया। शिवपुरी जाने प्रयासरत जिला खनिज अधिकारी प्रमोद शर्मा कहते हैं कि -कलेक्टर से चर्चा उपरांत रिपोर्ट भोपाल भेजी जाएगी।-
उमरिया में आरएसआई के दबाव में खनिज विभाग
उमरिया में आरएसआई स्टोन वल्र्ड प्रा.लि. द्वारा बिना अनुमति मशीनों से खनन किए जाने, एक्सपायरी ईटीपी पर रेत का अवैध रूप से परिवहन करने के कई मामले सामने आए लेकिन खनिज विभाग ने सब पर खाक डाल दी। बड़ा मामला खैरभार रेत खदान का रहा, जहां कोराना-2 के दौरान जब कि एक जून तक कफ्र्यू लगा रहा यह आबाद रही। रोज तकरीबन दो दर्जन डंपर रेत लेकर जबलपुर तथा कटनी जाते रहे। बांका भ्ंाडारण स्थल से सैकड़ों डंपर रेत एक्सपायरी ईटीपी पर कटनी, मैहर, सतना आदि जिलों के लिए भेजी गई। कटनी जिला पुलिस ने ही अकेले इस तरह के आधा दर्जन से अधिक मामलों में कार्रवाई की। 6.981 हैक्टेयर की खैरभार-2 खदान से जून महीने के अंत तक मशीनों के जरिए रेत निकाल कर भंडारित और परिवहन की गई। मामला सार्वजनिक होने पर तत्कालीन खनिज अधिकारी ने रेत का खनन 5 हैक्टेयर से कम रकबे वाली खैरभार-1 खदान में होने की बात कह बचा लिया। जबकि खैरभार-1 में स्वीकृत 16,192 घनमीटर रेत का उत्खनन कंपनी बहुत पहले कर चुकी थी और उसकी ईटपी जून महीने में जनरेट ही नहीं हो रही थी। खैरभार-2 खदान को अभी तक सिआ की अनुमति प्राप्त नहीं हुई है। कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव इसकी पुष्टि करते हैं। वे यह बात भी स्वीकारते हैं कि -जिले में अभी भी तकरीबन 30 प्रतिशत रेत का कारोबार अवैध हो रहा है।-
अनूपपुर में केजी डेवलपर्स के आगे सब बौने
अनपपुर की रेत खदानों के समूह ठेका लेने वाली के.जी. डेवलपर्स ने जुलाई 2020 में ही पूरा काम 39 करोड़ 90 लाख रुपए और सालाना 5 प्रतिशत की बढ़ोतरी पर आंतरिक समझौते के तहत जैतहरी के संतोष सिंह को 39 करोड़ 90 लाख रुपए में दे दिया। क्रय-विक्रय विलेख के जरिए एक तरह से पेटी कांट्रेक्ट पर जून 2023 तक के लिए दे दी गई रेत खदानों के मामले का खुलासा दो महीने पहले तब हुआ जबकि संतोष सिंह ठेका कंपनी के प्रोप्राइटर आशीष खरया द्वारा अनुबंध की शर्तों के उल्लंघन को लेकर पुलिस व प्रशासन के पास पहुंच गए।
Created On :   27 Oct 2021 5:26 PM IST