करोड़ों की सिंचाई परियोजना बनी सफेद हाथी

White elephant became an irrigation project worth crores
करोड़ों की सिंचाई परियोजना बनी सफेद हाथी
गोंदिया करोड़ों की सिंचाई परियोजना बनी सफेद हाथी

डिजिटल डेस्क, गोंदिया। करोड़ों की सिंचाई परियोजना सफेद हाथी बन गई है। तहसील के ग्राम तेढ़वा एवं आसपास के गांवों में खेत फसलों को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराने के उद्देश्य से 7 साल पहले लगभग 100 करोड़ रुपए से भी अधिक की लागत से तेढ़वा, शिवनी लिफ्ट सिंचाई योजना बनाई गई थी। लेकिन वैनगंगा नदी में अब जल भंडारण नहीं रहने के कारण आसपास के गांव के किसानों के लिए यह योजना केवल सफेद हाथी साबित हो रही है। स्थिति यह है कि पिछले 7 साल में अनेक गांव के किसानों को इस योजना से 7 बूंद पानी भी नहीं मिला हैं। इस संबंध में किसान छत्रपाल तुरकर ने बताया कि योजना के निर्माण के दौरान जब हमारी जमीनों से पाइप-लाइन बिछायी गई थी, तो उम्मीद थी कि रबी सत्र में सिंचाई के लिए खेतों में पानी उपलब्ध होगा। लेकिन स्थिति यह है कि नदी में जब पानी ही संग्रहित नहीं हो रहा है, तो सिंचाई के लिए पानी कहां से आएगा। बताया गया कि, योजना पूरी बनकर तैयार है एवं इसकी टेस्टिंग भी हो चुकी हैं। विधायक द्वारा दो-तीन बार बटन दबाकर योजना का उद्घाटन भी किया गया। लेकिन पानी के अभाव में खेतों को पानी नहीं मिल सका। ऐसे में इस योजना के पास ही अब दूसरी देवरी-नवेगांव लिफ्ट सिंचाई योजना का काम शुरू किया गया है। जब एक ही योजना किसानों के लिए उपयोगी साबित नहीं हो रही हैं, तो दूसरी योजना का क्या लाभ? ऐसा सवाल स्थानीय किसानों ने उठाया है। किसानों का कहना है कि डांगोर्ली में वैनगंगा नदी पर यदि बैराज बनाया जाता है, तो इससे महाराष्ट्र के नदी किनारे के गांव के साथ ही मध्यप्रदेश के दूसरी ओर के गांवों को भी पानी उपलब्ध हो सकता है। स्थानीय किसानों एवं ग्रामीणों ने शासन से वैनगंगा नदी पर ग्राम डांगोर्ली में प्राथमिकता के आधार पर बैराज बनाने की मांग की है। मांग करने वालों में तेढ़वा के सरपंच गोविंद तुरकर, छत्रपाल तुरकर, दुर्गालाल तुरकर, प्यारेलाल तुरकर, मिथुन गजभिये, सेवक बिसेन, निहाल तुरकर, विजय ठाकरे, शोभेलाल बिसेन, मुनेश्वर बिसेन, योगेंद्र तुरकर, मोहनलाल पटले, दयाराम सहारे आदि का समावेश है।  

बैराज निर्माण से होगा लाभ 

गोविंद तुरकर, सरपंच, तेढ़वा के मुताबिक वैनगंगा नदी पर डांगोर्ली में यदि बैराज का निर्माण किया गया, तो इस क्षेत्र के किसानों को लाभ होगा। यहां नदी में बारहो महीने पानी उपलब्ध रहने से तेढ़वा-शिवनी एवं निर्माणाधीन देवरी-नवेगांव लिफ्ट सिंचाई योजनाओं को पानी उपलब्ध होगा, जो पानी किसानों के खेतों तक पहुंचने से कृषि सुजलाम-सुफलाम होगी। गोंदिया शहर को जलापूर्ति यहीं से होती है। पानी उपलब्ध होने से गोंदिया शहर की पेयजल की समस्या का स्थायी रूप से समाधान हो सकेगा। इसीलिए  शासन से मांग है कि सबसे पहले डांगोर्ली में नदी पर बैराज बनाया जाए, जिससे नदी में जल संग्रहण वर्षभर बना रहेगा एवं एक साथ अनेक समस्याओं का हल होगा। 

बैराज पहले बनना था योजना बाद में 

विनोद अग्रवाल, विधायक के मुताबिक वैनगंगा नदी पर तीन लिफ्ट सिंचाई योजनाएं शासन ने मंजूर की है। जिससे 15 हजार हेक्टेयर कृषि भूमि सिंचित होनी थी। लेकिन बैराज नहीं होने के कारण नदी में जल भंडारण नहीं रहता इसीलिए यह सारी योजनाएं किसानों के लिए लाभदायी सिद्ध नहीं हो रही है। बैराज का निर्माण यह अंतर्राज्यीय मुद्दा है, जिसे महाराष्ट्र एवं मध्यप्रदेश दोनों राज्य सरकारों की मंजूरी आवश्यक है। हमने विधायक बनने के बाद राज्य सरकार से बैराज निर्माण को मंजूर करने का प्रस्ताव दिया है। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री एवं महाराष्ट्र के राज्यपाल से आवश्यक अनुमति एवं मंजूरी के लिए हम प्रयास करने को तैयार है। 

 

 

Created On :   3 May 2022 12:24 PM GMT

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