बंद रहा होलसेल अनाज बाजार, व्यापारियों ने किया जीवनावश्यक वस्तुओं पर जीएसटी का विरोध

डिजिटल डेस्क, नागपुर। जीवनावश्यक वस्तुओं और कृषि जिंसों पर 18 जुलाई से केंद्र सरकार द्वारा 5 प्रतिशत जीएसटी लगाने के विरोध में शनिवार को इतवारी और कलमना स्थित होलसेल अनाज बाजार पूरी तरह से बंद रहा। बंद को कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट), नाग विदर्भ चेंबर ऑफ कामर्स, कैमिट, दाल मिलर्स और राइस मिलर्स ने समर्थन दिया। इस दौरान जीएसटी का पुतला जलाया गया। द होलसेल ग्रेन एंड सिड्स मर्चंेट्स एसोसिएशन के सचिव प्रताप मोटवानी ने बताया कि सरकार ने खाद्य पदार्थों पर जीएसटी लगाने का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। इसका मतलब यह नहीं है कि हम हाथ पर हाथ रखकर बैठे रहेंगे।
निवाला छीन रही सरकार
नाग विदर्भ चेंबर आॅफ काॅमर्स के अध्यक्ष अश्विन प्रकाश मेहाड़िया के नेतृत्व में व्यापारियों ने जीएसटी का पुतला जलाकर खाद्यान्न वस्तुओं एवं कृषि उत्पादित वस्तुओं पर लगने वाली 5% जीएसटी का विरोध किया। मेहाड़िया ने कहा कि कैट द्वारा जीवनावश्यक एवं कृषि उत्पादित वस्तुओं पर जीएसटी के विरोध में भारत बंद का आह्वान किया गया, जिसका समर्थन करते हुए एनवीसीसी ने इस विरोध-प्रदर्शन का आयोजन किया। उन्होंने कहा कि जीएसटी पर व्यापारियों का विरोध नहीं है, किंतु आजादी के पूर्व से आज तक खाद्यान्न सामग्री संबंधित वस्तुओं पर किसी प्रकार का कोई टैक्स नहीं था। अब सरकार ने टैक्स लगाकर आम जनता के मुंह से निवाला छीनने की तैयारी कर ली है।
न्याय संगत नहीं है
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी. सी. भरतिया ने कहा कि पहले ब्रांडेड अनाजों से शुरुआत कर अब नॉन ब्रांडेड दलहनों पर जीएसटी लगाना न्याय संगत नहीं है। इससे सभी जीवनावश्यक वस्तुओं की कीमतें बढ़ेंगी। इस अवसर पर सुरेश भोजवानी, अर्जुनदास आहुजा, फारुक अकबानी, स्वप्निल अहिरकर, रामअवतार तोतला, सचिन पुनियानी, शब्बार शाकिर, राजवंतपाल सिंह तुली आदि उपस्थित थे।
बंद का किया समर्थन
भारतीय उद्योग व्यापार मंडल (बीयूवीएम), नई दिल्ली एक राष्ट्रीय स्तर के शीर्ष व्यापारी निकाय द्वारा पूर्व-पैक और पूर्व-लेबल वाले खाद्यान्न और अन्य खाद्य वस्तुओं पर 5% जीएसटी लगाने के हालिया फैसले के विरोध में एक दिवसीय टोकन व्यापार बंद के लिए राज्य के सभी कोनों से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली। महाराष्ट्र उद्योग और व्यापार संघ (कैमिट) के अध्यक्ष डॉ. दीपेन अग्रवाल ने कहा कि बंद का समर्थन किया गया, जो महाराष्ट्र में सफल रहा। उन्होंने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मांग की कि वे प्री-पैक और प्री-लेबल वाले खाद्यान्न और अन्य खाद्य वस्तुओं पर लगाए गए 5% जीएसटी के निर्णय को वापस ले लें।
Created On :   17 July 2022 8:01 PM IST