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एक साल पुराने आरक्षण नोटिफिकेशन के आधार पर क्यों कराए जा रहे पंचायत चुनाव
हाईकोर्ट ने राज्य सरकार, राज्य चुनाव आयोग और सीधी कलेक्टर को जारी किया नोटिस
डिजिटल डेस्क जबलपुर । मप्र हाईकोर्ट ने राज्य सरकार, राज्य चुनाव आयोग और सीधी कलेक्टर को नोटिस जारी कर पूछा है कि एक साल पुराने आरक्षण नोटिफिकेशन के आधार पर त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव क्यों कराए जा रहे हैं। चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डिवीजन बैंच ने अनावेदकों को दो सप्ताह में जवाब पेश करने का निर्देश दिया है। याचिका की अगली सुनवाई 9 अप्रैल को नियत की गई है। याचिका में त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों को रोकने की माँग की गई है। सीधी जिले की मझौली तहसील के मझगवाँ ग्राम पंचायत के पूर्व सरपंच छोटेलाल चर्मकार की ओर से दायर जनहित याचिका में कहा गया है कि राज्य सरकार ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव कराने की तैयारी शुरू कर दी है। यह चुनाव 27 जनवरी 2020 को जारी आरक्षण नोटिफिकेशन के आधार पर कराए जा रहे हैं। इस दौरान मतदाता सूची का दो बार पुनरीक्षण किया जा चुका है। इस दौरान जिला पंचायत, जनपद पंचायत और ग्राम पंचायतों में मतदाताओं की संख्या बढ़ गई है। इसके बावजूद आरक्षण के पुराने नोटिफिकेशन के आधार पर त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव कराए जा रहे हैं। याचिका में कहा गया कि सीधी जिले की अतरैला ग्राम पंचायत में एससी का एक भी मतदाता नहीं है। इसके बावजूद ग्राम पंचायत को एससी के लिए आरक्षित कर दिया गया है।
फिर फैल रहा कोविड-19 का संक्रमण
याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता अनूप सिंह बघेल ने तर्क दिया कि एक बार फिर प्रदेश में कोविड-19 का संक्रमण फैलने लगा है। प्रदेश के कई जिलों में एक दिन का लॉकडाउन और रात का कफ्र्यू लागू किया गया है। इसके साथ ही 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएँ 18 मई तक होना है। इसको देखते हुए पंचायत चुनाव पर रोक लगाई जाए। प्रारंभिक सुनवाई के बाद डिवीजन बैंच ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है।
Created On :   26 March 2021 2:45 PM IST