गलत इलाज से गई महिला की जान, महिला डॉक्टर दे दस लाख का मुआवजा

Woman lost due to wrong treatment, women doctors give compensation of one million
गलत इलाज से गई महिला की जान, महिला डॉक्टर दे दस लाख का मुआवजा
गलत इलाज से गई महिला की जान, महिला डॉक्टर दे दस लाख का मुआवजा

मृतिका के पति द्वारा दायर मामले पर जिला उपभोक्ता फोरम का फैसला
डिजिटल डेस्क जबलपुर । गलत इलाज से पत्नी की हुई मौत के मामले में सात साल तक कानूनी लड़ाई लडऩे वाले पति को जिला उपभोक्ता फोरम से राहत मिली है। फोरम के अध्यक्ष केके त्रिपाठी और सदस्य योमेश अग्रवाल ने महिला डॉक्टर आरती पी जैन को कहा है कि वे आवेदक को मुआवजे के रूप में दस लाख रुपए दो माह के भीतर प्रदान करें।
फोरम ने यह फैसला रांझी के बड़ा पत्थर के पास रहने वाले नर्मदा प्रसाद यादव की ओर से दायर मामले पर दिया। आवेदक का कहना था कि 21 सितंबर 2012 को उनकी पत्नी के पेट में दर्द होने पर वो मन्नूलाल अस्पताल गए। वहां पर डॉ. आरती पी जैन ने आवेदक की पत्नी के यूएसजी छोड़कर सारे परीक्षण कराए। उसके बाद 25 सितंबर 2012 को आवेदक की पत्नी को अस्पताल में भर्ती किया गया और 26 सितंबर को उनका यूटेरस निकाल दिया गया। आवेदक का आरोप था कि उनकी पत्नी की प्री ऑपरेशन रिपोर्ट डॉ. आरती जैन ने नहीं देखी और ब्लड शुगर बढ़ा होने के बाद भी उन्होंने आपरेशन कर दिया। आरोप है कि ऑपरेशन के बाद से आवेदक की पत्नी की तबीयत लगातार बिगड़ती गई। इसकी शिकायत करने पर डॉ. जैन ने बताया कि यह सामान्य बात है। 2 अक्टूबर की रात को पत्नी की हालत गंभीर होने पर आवेदक ने डॉ. जैन से फोन पर संपर्क किया और उन्होंने उन्हें अपने यादव कॉलोनी स्थित निजी क्लीनिक पर आने कहा। वहां ले जाने पर डॉ. जैन ने कहा कि वे दूसरे अस्पताल में भर्ती करें। इसके बाद दो निजी अस्पतालों में आवेदक ने अपनी पत्नी की जांच कराई, जहां पर यह बताया गया कि उसकी पत्नी का यूटेरस अनावश्यक रूप से निकाला गया है। गलत इलाज और गलत दवाईयों का असर आवेदक की पत्नी की किडनी पर असर पड़ा और उसकी हालत लगातार बिगड़ती गई। आवेदक अपनी पत्नी को लेकर नागपुर भी गया, लेकिन पैसा समाप्त हो जाने के कारण उसे वापस जबलपुर ले आया। आखिरकार 3 नवम्बर 2012 को उसकी पत्नी की मृत्यु हो गई। डॉ. जैन द्वारा किए गए गलत इलाज से पत्नी की हुई मौत को लेकर यह मामला फोरम में दायर किया गया था। सुनवाई के बाद फोरम ने अपना फैसला देकर कहा- डॉ. जैन ने इलाज में लापरवाही करके सेवा में कमी की है। आवेदक एक गरीब व्यक्ति था। उसने न सिर्फ अपनी पत्नी बल्कि उसके बच्चों ने अपनी मां खोई है। इसकी क्षतिपूर्ति का आंकलन रूपयों में किया जाना संभव नहीं है। एक अनुमान के आधार पर फोरम ने आवेदक को मुआवजे के रूप में दस लाख रुपए और वाद व्यय के रूप में दस हजार रुपए देने के आदेश डॉ. जैन को दिए हैं।

Created On :   7 March 2020 2:17 PM IST

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