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Panna News: सावन माह के प्रथम सोमवार को शिवालयों में पहुंचे श्रृद्धालु

- सावन माह के प्रथम सोमवार को शिवालयों में पहुंचे श्रृद्धालु
Panna News: सलेहा के समीपस्थ ग्राम पंचायत नचने अन्तर्गत स्थित प्राचीन शिव मंदिर चौमुखनाथ एवं श्रीराम पथ गमन तीर्थ क्षेत्र अगस्त मुनि आश्रम सिद्धनाथ शिव मंदिरों में सुबह से ही श्रद्धालुओं का आना-जाना शुरू हो गया है। सावन सोमवार के प्रथम पवित्र दिन में पूरे बुंदेलखंड के श्रद्धालु यहां पहुंच कर पूजा अर्चना की। इस अद्भुत मंदिर में हर तरह की मनोकामना पूर्ण होती है पन्ना जिले के इन दिव्य मंदिरों में जहां श्रद्धालुओं की बड़ी आस्था का केंद्र है। वहीं धार्मिक ग्रंथों में श्रीराम पथ गमन तीर्थ क्षेत्र अगस्त मुनि आश्रम सिद्धनाथ का उल्लेख किया गया है। मध्य भारत में जीवित पत्थर के मंदिरो में प्रमुख मंदिर है उसकी डेटिंग अनिश्चित है लेकिन उनकी शैली की तुलना उन संरचनाओं से की जा सकती है जो जीवंत है। गुप्त साम्राज्य के युग के चतुर्मुख मंदिर 5वीं से 9वीं शताब्दी की मध्य का मंदिर, हिंदू मंदिर वास्तुकला की उत्तर भारतीय शैली को प्रदर्शित करता है। पन्ना जिले के धार्मिक ऐतिहासिक व पुरातात्विक महत्व के स्थलों की भरमार है।
जिसमें चौमुखनाथ मंदिर एवं सिद्धनाथ मंदिर प्रमुख है जिनका महत्व खजुराहो के मंदिरों से कम नहीं है बल्कि प्राचीनता की दृष्टि से पन्ना जिले के यह मंदिर खजुराहो के मंदिरों से भी अधिक प्राचीन हैं। सलेहा से 6 किलोमीटर दूर स्थित चौमुखनाथ मंदिर अति प्राचीन है इस अनूठे मंदिर में स्थापित शिव प्रतिमा रहस्यों से परिपूर्ण और विलक्षण है। एक ही पत्थर पर निर्मित इस अदभुत प्रतिमा के चार चेहरे हैं। बायां चेहरा विषग्रहण को चित्रित करता है जबकि दायां चेहरा शांत भाव को प्रदर्शित करता है। सामने वाले चेहरे पर दूल्हे की छवि दिखती है और चौथे चेहरे पर अर्धनारीश्वर की छवि प्रकट होती है। यह शिवलिंग आज से 1500 वर्ष से पूर्व का है। अद्भुत, अकल्पनीय वास्तुकला और संस्कृति का उदाहरण है। यह मंदिर तथा इसके गर्भगृह में प्रतिष्ठित शिव प्रतिमा। एक ही मूर्ति में दूल्हा, अर्धनारीश्वर और विषपान करते व समाधि में लीन भगवान शिव के दर्शन होते हैं।
सिद्धनाथ में भी है प्राचीन शिवलिंग
इसी तरह सिद्धनाथ शिवालय में प्राचीन शिवलिंग है यहां पर भगवान श्रीराम वनवास के दौरान आए थे और महर्षि अगस्त मुनि का आशीर्वाद प्रदान कर भगवान शिव की पूजा आराधना एवं प्राण प्रतिष्ठा की गई थी। शिव मूर्ति के दर्शन कर एवं जलाभिषेक करने से सभी की मनोकामना पूर्ण होती है। सावन सोमवार को हजारों श्रद्धालुओं द्वारा भगवान भोले शंकर का जलाभिषेक किया गया। साथ ही प्रत्येक सावन सोमवार को सतना, पन्ना, दमोह सहित अन्य स्थानों से श्रद्धालु दर्शन करने आते। इस दौरान पुरातत्व विभाग द्वारा मंदिर एवं परिसर की साफ -सफाई नियमित की जाती है साथ ही चौमुखनाथ मंदिर परिसर पर हरी भरी घास एवं सुन्दर फूलों के पेड़ों की कटाई कर उन्हें आकर्षित ढंग से तैयार किया गया है जिससे परिसर पर हरित वातावरण आकर्षण का केंद्र बना रहे। इस दौरान जो भी मंदिर दर्शन करने आते हैं वह परिसर को देख कर आनंदित हो जाते हैं।
कटरा से सिद्धनाथ तक निकाली गई कावड़ यात्रा
सलेहा के समीपस्थ ग्राम कटरा निवासी नरेंद्र चौरसिया द्वारा अपने साथियों एवं मित्र मंडली के साथ सावन सोमवार के प्रथम दिवस भगवान शिव की कांवड़ यात्रा कटरा से प्रारंभ कर सिद्धनाथ मंदिर में भगवान शिव का जलाभिषेक कर यात्रा को पूरा किया गया। यह स्थान कटरा से 10 किलोमीटर दूर स्थित है।
Created On :   15 July 2025 11:22 AM IST