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Panna News: सरकार के दावों की खुली पोल, सड़क न होने से गर्भवती महिला को खटिया पर पहुंचाया मुख्य सड़क तक

- सरकार के दावों की खुली पोल
- सड़क न होने से गर्भवती महिला को खटिया पर पहुंचाया मुख्य सड़क तक
Panna News: सरकार भले ही गाँव-गाँव तक बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएँ पहुँचाने का दावा करती हो लेकिन ज़मीनी हकीकत कुछ और ही बयाँ करती है। बारिश के मौसम में मध्य प्रदेश के पन्ना जिले में एक ऐसा ही मामला सामने आया है। यहाँ एक गर्भवती महिला को सडक़ न होने के कारण खटिया पर लिटाकर ०१ किलोमीटर से ज़्यादा कीचड़ भरे रास्ते से मुख्य सडक़ तक ले जाना पड़ा। जहाँ से उसे एम्बुलेंस द्वारा अस्पताल पहुँचाया गया। यह घटना न केवल सरकारी दावों पर सवालिया निशान लगाती है बल्कि स्थानीय ग्रामीणों के दर्द और संघर्ष को भी उजागर करती है।
दलदली सड़क, जान जोखिम में
यह घटना पन्ना जिले के अमानगंज क्षेत्र के हनुमतपुरा द्वारी गाँव की है। 24 वर्षीय भारती पटेल को अचानक प्रसव पीड़ा हुई। पति मनीष पटेल और परिवार के अन्य सदस्यों ने तुरंत 108 एम्बूलेंस को काल किया लेकिन ग्रामीणों की बदहाली का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि एम्बुलेंस चालक ने गाँव के भीतर जाने से साफ इंकार कर दिया। चालक का कहना था कि बरसात की वजह से गाँव तक पहुँचने वाली कच्ची सडक़ पूरी तरह से कीचड़ और दलदल में बदल चुकी है। ऐसे में एम्बुलेंस का फँसना तय था।
घंटों की मशक्कत के बाद बची जान
जब एम्बुलेंस नहीं पहुँची तो परिजन मजबूर हो गए। उन्होंने भारती को एक चारपाई पर लिटाया और उसे कंधे पर उठाकर कीचड़ भरे रास्ते से चलना शुरू किया। करीब एक किलोमीटर का यह रास्ता उनके लिए एक बड़ी चुनौती बन गया था। इस दौरान बारिश और कीचड़ ने उनकी मुश्किलें और बढ़ा दीं। घंटों की मशक्कत और कड़ी मेहनत के बाद वह किसी तरह गर्भवती महिला को मुख्य सडक़ तक पहुँचाने में सफल रहे। वहाँ पहले से ही खड़ी एम्बुलेंस में उसे बैठाया गया और तत्काल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अमानगंज ले जाया गया। अस्पताल में डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों की टीम ने तुरंत उसका इलाज शुरू किया। समय पर इलाज मिलने से आखिरकार जच्चा.बच्चा दोनों की जान बच सकी।
कई बार कर चुके हैं शिकायत पर कोई सुनवाई नहीं
यह कोई पहला मामला नहीं है। हनुमतपुरा द्वारी गाँव के लोगों के लिए यह एक रोज़मर्रा की समस्या बन गई है। ग्रामीणों का कहना है कि वह कई बार प्रशासन से गाँव में सडक़ बनवाने की गुहार लगा चुके हैं। उन्होंने स्थानीय अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधियों तक को कई बार आवेदन दिए हैं लेकिन हर बार उन्हें केवल आश्वासन ही मिला। गाँव के एक बुजुर्ग ने बतलाया ष्बरसात में हर साल यही हाल होता है। अगर कोई बीमार हो जाए तो उसे अस्पताल ले जाना मौत से कम नहीं है। हममें से कई लोगों ने तो समय पर इलाज न मिलने से अपनों को खोया है। उन्होंने बताया कि इस गाँव में पक्की सडक़ की बात छोडिए चलने लायक कच्ची सडक़ तक नहीं है।
सरकार के दावे हकीकत की चोट
सरकारें भले ही प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना और अन्य योजनाओं के तहत गाँव-गाँव को जोडऩे का दावा करें लेकिन पन्ना जिले के इस गाँव की घटना उन दावों की कलई खोलती है। यह सिर्फ एक गाँव की कहानी नहीं बल्कि देश के कई ऐसे दूर-दराज के गाँवों की कहानी है जहाँ विकास की किरण आज भी नहीं पहुँची है। जहाँ आज भी लोगों को जीवन की मूलभूत सुविधाओं के लिए संघर्ष करना पड़ता है। यह घटना उन प्रशासनिक अधिकारियों की उदासीनता पर भी सवाल उठाती है जिनकी जिम्मेदारी ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान करना है। जब आवेदन और शिकायतें लगातार हो रही हैं तो क्यों कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया क्या प्रशासन किसी बड़ी दुर्घटना का इंतज़ार कर रहा है।
जिंदा रहने के लिए भी संघर्ष
हनुमतपुरा द्वारी गाँव में हर बारिश का मौसम ग्रामीणों के लिए एक अग्निपरीक्षा लेकर आता है। शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजग़ार जैसी मूलभूत ज़रूरतों के लिए उन्हें कई किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है। बच्चों को स्कूल जाने के लिए कीचड़ भरे रास्ते पार करने पड़ते हैं। बीमारों को समय पर इलाज नहीं मिलता। इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि जब तक गाँवों में बुनियादी सुविधाएँ नहीं पहुँचेंगी तब तक विकास की बात बेमानी है। यह मामला एक चेतावनी है यह उन सभी जिम्मेदार लोगों के लिए एक संदेश है कि सिर्फ कागज़ों पर योजनाएँ बनाने से काम नहीं चलेगा। ज़मीन पर काम करना होगा लोगों के दर्द को समझना होगा। गाँव-गाँव तक सडक़, बिजली, पानी और स्वास्थ्य सुविधाएँ पहुँचाना सरकार की पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। अन्यथा ऐसी हृदय विदारक घटनाएँ सामने आती रहेंगी और लोग असामयिक मौत का शिकार होते रहेंगे।
इनका कहना है
हनुमतपुरा ग्राम के अंतर्गत तुन्ना कटकहा का यह तीन से चार किलोमीटर का मार्ग बहुत ही खराब है। इस मार्ग के किनारे में तालाब होने के कारण उसके पानी का भी भराव रहता है। पूरी बारिश में ग्राम पंचायत के द्वारा इस खराब मार्ग में पत्थर आदि डलवाये गये थे। मुख्यमंत्री सडक योजना के अंतर्गत विधायक द्वारा भी पत्र लिखे गये हैं साथ ही ग्राम पंचायत के द्वारा इस सडक मार्ग को प्रधानमंत्री ग्रामीण सडक योजना के तहत बनाये जाने के भी प्रयास किये गये हैं हो सकता है कि इस बार के बजट में इस मार्ग को बनाये जाने के लिए राशि स्वीकृत हो जाये।
मिथलेश तिवारी, सचिव ग्राम पंचायत द्वारी जपं गुनौर
Created On :   21 Sept 2025 12:43 PM IST