Panna News: दो साल बाद भी नहीं मिला शैक्षणिक स्टॉफ, शासकीय महाविद्यालय खोरा में 361 विद्यार्थियों का भविष्य दांव पर

दो साल बाद भी नहीं मिला शैक्षणिक स्टॉफ, शासकीय महाविद्यालय खोरा में 361 विद्यार्थियों का भविष्य दांव पर

Panna News: पन्ना जिले के अजयगढ़ तहसील के ग्राम खोरा का शासकीय महाविद्यालय जो वर्ष 2023-24 में प्रारंभ हुआ था आज दो वर्ष पश्चात भी नियमित शिक्षकों से महरूम है। बीए, बीएससी और बीकॉम संकायों में अध्ययनरत 361 छात्रों की पढ़ाई विभागीय लापरवाही का शिकार हो रही है। केवल दो अतिथि विद्वान शिक्षक पर निर्भर महाविद्यालय में फिलहाल केवल इतिहास की ममता सूर्यवंशी और भूगोल के नरेन्द्र सिंह अतिथि विद्वान के रूप में कला संकाय की पढ़ाई संभाल रहे हैं। श्रीमती ममता सूर्यवंशी की महाविद्यालय में उपस्थिति अनियमित है विज्ञान और वाणिज्य संकाय के लिए कोई शिक्षक नहीं हैं। बीएससी एवं बीकॉम के विद्यार्थी आत्मअध्ययन के सहारे परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं।

स्वीकृत 25 पद के लिए वित्त विभाग की मंजूरी अटकी

उच्च शिक्षा विभाग ने महाविद्यालय के लिए 25 पद स्वीकृत किए थे जिनमें प्राचार्य, ग्रंथपाल, खेल अधिकारी व 22 सहायक प्राध्यापक शामिल हैं परंतु मध्यप्रदेश शासन के वित्त विभाग से इन पदों के लिए मंजूरी नहीं मिलने के कारण नियुक्ति प्रक्रिया रुकी हुई है। स्वीकृत पद आईएफएमएस पोर्टल पर मैप नहीं हो पाए हैं और अतिथि विद्वान शिक्षक भी नियुक्त नहीं हो पा रहे हैं।

पद का विवरण संख्या

प्राचार्य 01

सहायक प्राध्यापक 22

क्रीड़ा अधिकारी 01

ग्रंथपाल 01

बीए- हिन्दी अंग्रेजी, राजनीति विज्ञान, इतिहास, समाजशास्त्र, अर्थशास्त्र प्रत्येक ०1 पद

बीएससी-गणित, भौतिकी, रसायनशास्त्र, वनस्पति विज्ञान, प्राणीशास्त्र, कंप्यूटर साइंस प्रत्येक 2 पद

बीकॉम- वाणिज्य के लिए 3 पद

संसाधनों की कमी से बढ़ी समस्याएँ

पिछले दो वर्षों में छात्र संख्या बढक़र 361 हो गई जिसमें बीए में 254, बीएससी में 103 और बीकॉम में मात्र 4 विद्यार्थी हैं। बीकॉम में शिक्षकों की शून्यता से छात्र संख्या कम है। कक्षाओं के लिए बैठने की जगह प्रयोगशालाएँ तथा पुस्तकालय जैसी सुविधाएँ भी बहुत कम हैं। अस्थायी छात्रावास में कठिनाई से संचालित महाविद्यालय महाविद्यालय का संचालन वर्तमान में कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास भवन में हो रहा है। तीन बैच होने के बावजूद स्थायी भवन व संसाधन उपलब्ध नहीं हैं जिससे छात्रों को दैनिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।

भवन निर्माण कार्य नहीं हो सका शुरू

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अमानगंज में महाविद्यालय खोरा भवन का शिलान्यास किया था। निर्माण की जिम्मेदारी मध्यप्रदेश भवन विकास निगम छतरपुर को दी गई थी लेकिन ठेकेदार से अनुबंध नहीं होने के कारण काम शुरू नहीं हो सका। टेंडर प्रक्रिया विवाद में फंसी और मामला उच्च न्यायालय तक पहुंच गया था जिससे निर्माण कार्य अब तक शुरू नही हो पाया हालांकि अब न्यायालय द्वारा विवाद का निराकरण कर दिया गया है जिससे आगे की कार्रवाही शुरू होने की उम्मीद है।

छात्रों की बेबसी

छात्र कहते हैं नियमित शिक्षक न होने से पढ़ाई केवल आत्म अध्ययन पर निर्भर है। दो वर्ष बाद भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। यह विभागीय उदासीनता की निशानी है। छात्रों की स्थिति यह है कि वह महाविद्यालय पहुंचते है तो लेकिन पढ़ाने के लिए विषयों के शिक्षक नहीं होने से उन्हें निराश होकर वापिस लौट जाना पडता है और स्थिति यह हो गई है कि अधिकांश छात्रों ने महाविद्यालय आना भी बंद कर दिया है।

इनका कहना है

वित्त विभाग से पदों की मंजूरी न मिलने के कारण सभी स्वीकृत पद रिक्त हैं और आईएफएमएस पोर्टल पर प्रदर्शित नहीं हैं। अतिथि विद्वान की नियुक्ति भी संभव नहीं। समस्या की जानकारी शासन को भेज दी गई है कार्रवाई शासन स्तर पर होगी।

डॉ. एस.डी. चतुर्वेदी

प्राचार्य अग्रणी शासकीय छत्रशाल स्नातकोत्तर महाविद्यालय पन्ना

Created On :   9 Oct 2025 2:11 PM IST

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