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Pune News: तेंदुओं का डर, लोग नहीं आ रहे गांव

भास्कर न्यूज, मंचर। एक ओर दिवाली पर शहरों में रहने वाले लोग अपने गांव लौट गए। लेकिन आंबेगांव तहसील के क्षेत्रों में तेंदुओं की बढ़ती मौजूदगी के कारण नागरिकों में डर का माहौल है। डर के चलते शहर के रिश्तेदार और परिवार के सदस्य दीपावली पर गांव आने को तैयार नहीं हैं। पिछले कुछ दिनों में तेंदुए ने छोटी बच्ची से लेकर बुजुर्ग महिला तक पर हमले किए हैं, जिससे पिंपरखेड़-जांबूत गांव सहित पूरा इलाका सहमा हुआ है। हर साल दीपावली पर रिश्तेदार गांव में मिलने आते हैं, लेकिन इस बार वे गांव नहीं आए। शाम होते ही गांव की सड़कें और खेत-खलिहान सुनसान हो जाते हैं। तेंदुए की लगातार आवाजाही से किसानों और जानवरों के जीवन पर संकट है। प्रशासन ने केवल पिंजरे लगाकर इतिश्री कर ली है। डर के माहौल में त्योहार की खुशियां फीकी पड़ गई हैं। नागरिकों ने वन विभाग से पिंजरे बढ़ाकर तेंदुए को पकड़ने की मांग की है।
हर साल दीपावली पर घर भरा रहता था, लेकिन इस बार डर के कारण सब शांत है। बच्चे और पोते-पोतियां भी आने से डर रहे हैं।
- रमेश लबड़े, उद्यमी
रात होते ही घर से बाहर कदम रखना भी मुश्किल है। तेंदुए की दहशत ने गांव का स्वरूप ही बदल दिया है।
- अशोकराव बाजारे, किसान, सातगांव पठार
कराड़ में तेंदुआ आने पर बजेगा सायरन
पिछले कुछ महीनों में आधी रात को किसी के घर में या दिन के उजाले में किसी के खेत की मेड़ पर तेंदुए की आवाजाही देखी गई है। इससे ग्रामीणों की नींद हराम हो गई है। सोलापुर, धाराशिव, सातारा, नाशिक, पुणे जिलों के साथ-साथ विदर्भ के कुछ जिलों में तेंदुए का विचरण बढ़ गया है। सातारा वन विभाग ने तेंदुए से बचने के लिए नया तरीका अपनाया है। मानव और वन्य जीव संघर्ष को टालने के उद्देश्य से सातारा वन विभाग ने कराड़ तहसील के उंडाले गांव में 'एआई लेपर्ड डिटेक्शन सिस्टम' स्थापित किया है। विभाग के एआई सिस्टम से तेंदुआ आने पर 120 डेसिबल का सायरन बजेगा। अब
गांव के लोगों को पता चलेगा कि तेंदुआ आखिर कहां है। सुरक्षा की दृष्टि से इसे अत्यंत महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। कराड़ तहसील के उंडाले गांव और आसपास के क्षेत्रों में तेंदुए सहित अन्य वन्य जीवों की आवाजाही अक्सर देखी जाती है। किसानों और स्कूल-कॉलेज के विद्यार्थियों की अधिक आवाजाही वाले क्षेत्रों में लोगों की मांग पर वन विभाग ने एआई लेपर्ड सिस्टम लगाया है। गांव के उपसरपंच बापूराव पाटिल ने बताया कि पिछले डेढ़ साल में तेंदुओं ने कई लोगों पर हमले किए हैं। नए सिस्टम से तेंदुआ आने की जानकारी मिल जाएगी, इसलिए यह ग्रामीणों को राहत देने वाली खबर है।
Created On :   27 Oct 2025 4:18 PM IST












