Satna News: धर्मनगरी चित्रकूट में इंस्पेक्टर समेत पुलिस के सिर्फ 27 जवान

धर्मनगरी चित्रकूट में इंस्पेक्टर समेत पुलिस के सिर्फ 27 जवान
  • इन्हीं में एक ड्राइवर और महज एक ही लेडी कांस्टेबल
  • कभी दस्यु प्रभावित क्षेत्र रहे इस जंगली इलाके के 16 गांव चित्रकूट थाना इलाके में आते हैं।
  • चित्रकूट एक ऐसी धर्मनगरी है,जहां रोजाना लगभग 50 हजार श्रद्धालुओं का आना जाना होता है।

Satna News: एमपी-यूपी के संधि स्थल पर स्थित धर्म नगरी चित्रकूट में जरूरत के मान से पुलिस बल नाकाफी है। राज्य शासन से पवित्र तीर्थ घोषित चित्रकूट के पुलिस थाने में कुल पुलिस बल तकरीबन 27 है? इस फोर्स में एक इंस्पेक्टर, एक एसआई, 4 एएसआई, 5 हेड कांस्टेबल और लगभग 16 कांस्टेबल हैं। इन्हीं प्रधान आरक्षकों में एक ड्राइवर और आरक्षकों में महज एक महिला आरक्षक है। इसी बल में शामिल एक एएसआई और दो सिपाही कामतन स्थित पुलिस चौकी में तैनात हैं।

वीआईपी सेवा सबसे बड़ा सिरदर्द

एक तो जरुरत के मान से चित्रकूट में पुलिस बल की भारी कमी, उस पर आए दिन वीआईपी का डेरा पुलिस के लिए सबसे बड़ा सिरदर्द है। जानकारों की इस बात में दम है कि ७० फीसदी चित्रकूट मध्यप्रदेश के सतना जिले में विस्तृत है। ऐसी स्थिति में वीआईपी यूपी के हों या एमपी के अंतत: इन्हें चित्रकूट भ्रमण के दौरान प्रोटोकॉल के तहत ट्रीटमेंट अंतत: स्थानीय पुलिस को ही देना होता है।

घने जंगल में दूर-दूर बिखरे हैं गांव

कभी दस्यु प्रभावित क्षेत्र रहे इस जंगली इलाके के 16 गांव चित्रकूट थाना इलाके में आते हैं। बरहा जैसा गांव थाना क्षेत्र में लगभग 25 किलोमीटर की दूरी पर है। चित्रकूट में नगर परिषद मुख्यालय होने के कारण पोस्टमार्टम केस हों या एमएलसी के मामले या फिर कोर्ट के प्रकरण पुलिस के जवानों को 35 किलोमीटर दूर मझगवां स्थित मुख्यालय आना पड़ता है। घने जंगलों में छोटे-छोटे गांव अलग-अलग, दूर-दूर फैले हुए हैं।

अच्छी बात यह है कि आपात स्थिति से निपटने के लिए एसडीआरएफ के तहत होमगार्ड्स के 12 जवान स्थाई तौर पर तैनात हैं। मगर, एसएएफ के बगदरा कैंप में अब सिर्फ एक-चार की गार्ड बची है। यह कैंप भी चित्रकूट से 15 किलोमीटर दूर सतना रोड पर है।

अंतरराज्यीय बदमाशों के पनाह की आशंका

दो राज्यों के संधि स्थल पर स्थित होने के कारण चित्रकूट में वेश बदल कर अंतरराज्यीय बदमाशों के छिपे होने की आशंका बराबर बनी रहती है। कई ऐसे मामले पहले भी उजागर हो चुके हैं। तपोवन के बदले स्वरूप और बढ़ती आबादी के बीच धर्मनगरी चित्रकूट में तीर्थ यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस बल में वृद्धि वक्त की बड़ी जरूरत हो गई है।

चित्रकूट एक ऐसी धर्मनगरी है,जहां रोजाना लगभग 50 हजार श्रद्धालुओं का आना जाना होता है। माह में दो बार अमावस्या के मौके पर श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ कर डेढ़ लाख हो जाती है। दीप पर्व के 5 दिन देश के कोने-कोने से औसतन 20 लाख श्रद्धालु चित्रकूट पहुंचते हैं। इन स्थितियों में बाहर से अतिरिक्त पुलिस बल बुला कर कानून व्यवस्था सुनिश्चित की जाती है।

Created On :   1 May 2025 2:37 PM IST

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