यवतमाल-वाशिम सीट: 68 वर्ष बाद चुनाव मैदान से गायब कांग्रेस, शिवसेना के दोनों गुट आमने-सामने

68 वर्ष बाद चुनाव मैदान से गायब कांग्रेस, शिवसेना के दोनों गुट आमने-सामने
  • लगातार 5 बार चुनाव जीतीं भावना गवली
  • यवतमाल-वाशिम में छह विधानसभा क्षेत्र
  • शिवसेना के आमने-सामने हैं दोनों गुट

डिजिटल डेस्क, यवतमाल, बीरेंद्र चौबे| राजनीतिक पार्टियों में गठबंधन और बिखराव के चलते 2024 के लोकसभा चुनाव में कई ऐतिहासिक बदलाव देखने को मिल रहे हैं। कुछ ऐसा ही यवतमाल-वाशिम लोकसभा सीट पर भी हुआ है। लंबे समय तक इस सीट पर वर्चस्व रखने वाली कांग्रेस 68 वर्ष बाद चुनाव मैदान से गायब है। इस बार यवतमाल-वाशिम लोकसभा क्षेत्र पर शिवसेना के दोनों गुट आमने-सामने हैं। इस सीट पर शिवसेना (उद्धव) के संजय देशमुख और शिवसेना (शिंदे) की राजश्री पाटील के बीच चुनावी मुकाबला होना है। इस सीट के लिए 26 अप्रैल को मतदान होना है।

दो जिलों यवतमाल और वाशिम से बना यवतमाल-वाशिम लोकसभा क्षेत्र 2008 में हुए लोकसभा चुनाव क्षेत्रों के परिसिमन के बाद अस्तित्व में आया। इसमें यवतमाल जिले के 4 और वाशिम जिले के 2 विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। 2009 के लोकसभा चुनाव में यवतमाल-वाशिम लोकसभा सीट पर शिवसेना की जीत के बाद से यह चुनाव क्षेत्र शिवसेना का गढ़ बना हुआ है। 15 वर्ष से शिवसेना की जीत का सिलसिला जारी है। बीते 2 वर्ष में बदले सियासी समीकरण के बाद शिवसेना दो धड़ों में बट गई है, जिसके चलते यवतमाल-वाशिम में शिवसेना के दोनों गुट आमने सामने हैं। एकनाथ शिंदे गुट की मौजूदा सांसद भावना गवली का टिकट काटकर यहां से हिंगोली लोकसभा के सांसद हेमंत पाटील की पत्नी राजश्री पाटील को उम्मीदवार बनाया गया है, जबकि उद्धव गुट ने यहां से राज्य के पूर्व खेल राज्यमंत्री संजय देशमुख को मैदान में उतारा है।

लगातार 5 बार चुनाव जीतीं भावना गवली

2009 के लोकसभा चुनाव में शिवसेना की सांसद भावना गवली इस निर्वाचन क्षेत्र से तीसरी बार सांसद चुनी गई थीं। इसके पहले वे दो बार वाशिम लोकसभा सीट से सांसद चुनी गई थीं। 2014 में भावना ने कांग्रेस के पूर्व मंत्री शिवाजीराव मोघे को हराया था। 2019 में कांग्रेस के पूर्व मंत्री माणिकराव ठाकरे को गवली के सामने पराजित होना पड़ा था। इस प्रकार वह 5 बार लगातार चुनाव जीत चुकी हैं। पर, इस बार (2024) में उनकाे उम्मीदवारी नहीं मिल सकी। 2019 में गवली ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता माणिक राव ठाकरे को 1 लाख 17 हजार वोटों से हराया था।

यवतमाल-वाशिम में छह विधानसभा क्षेत्र

यवतमाल और वाशिम जिले के क्रमश: 4 और 2 विधानसभा क्षेत्र इस लोकसभा क्षेत्र में शामिल हैं। यवतमाल, रालेगांव, दिग्रस और पुसद, वाशिम और कारंजा विधानसभा का समावेश है। इनमें विधानसभा क्षेत्र में शिवसेना शिंदे गुट के संजय राठोड़ (दिग्रस), राकांपा (अजित) के इंद्रनिल नाईक (पुसद), भाजपा के अशोक उईके (रालेगांव), मदन येरावार (यवतमाल), और लखन मलिक (वाशिम) से विधायक हैं। राजेंद्र पाटणी (कारंजा) का देहांत हो चुका है। यहां पर उपचुनाव नहीं हुआ है। यह सभी विधायक महायुति के हैं।

यवतमाल: वाशिम में अबतक लोकसभा सदस्य

वर्ष नाम पार्टी

1951 गोस्वामीराज भारती कांग्रेस

1957 डाॅ. देवराव गोहोकार कांग्रेस

1962 देवराव पाटील कांग्रेस

1967 देवराव पाटील कांग्रेस

1971 सदाशिवराव ठाकरे कांग्रेस

1977 श्रीधरराव जवादे कांग्रेस

1980 उत्तमराव देवराव पाटील कांग्रेस

1984 उत्तमराव देवराव पाटील कांग्रेस

1989 उत्तमराव देवराव पाटील कांग्रेस

1991 उत्तमराव देवराव पाटील कांग्रेस

1996 राजाभाऊ ठाकरे भाजपा

1998 उत्तमराव देवराव पाटील कांग्रेस

1999 उत्तमराव देवराव पाटील कांग्रेस

2004 हरिसिंग राठोड़ भाजपा

2009 भावना गवली शिवसेना

2014 भावना गवली शिवसेना

2019 भावना गवली शिवसेना



Created On :   13 April 2024 1:07 PM GMT

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