बौद्ध भिक्षु होने का दावा करने वाली चीनी महिला जासूसी के आरोप में दिल्ली से गिरफ्तार
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत विरोधी गतिविधियों में कथित रूप से शामिल 50 वर्षीय चीनी महिला को पुलिस ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से गिरफ्तार किया है। सूत्रों ने कहा कि काई रूओ, जिन्होंने बौद्ध भिक्षु होने का दावा किया था, उन पर चीनी जासूस होने का संदेह है। एक सूत्र ने आईएएनएस को बताया कि काई रूओ अच्छी तरह से प्रशिक्षित और चालाक महिला है, जिसने यह दावा करके जांचकर्ताओं को गुमराह करने की कोशिश की कि चीनी कम्युनिस्ट नेता उसे मारना चाहते थे इसलिए वह भारत भाग आई। वह भारत में एक नेपाली नागरिक डोला लामा के रूप में रह रही थी।
वह काठमांडू की निवासी होने का दावा करने के लिए नेपाली पहचान पत्र प्राप्त करने में भी कामयाब रही थी। जब वह दिल्ली पुलिसकर्मियों के साथ बात रही थी तो वह नेपाली भाषा नहीं जानती थी। पुलिस को यह भी पता चला कि वह चीनी भाषा बोलती है। बाद में, क्रॉस-चेकिंग और सत्यापन पर, पुलिस को पता चला कि उसके नाम से जारी एक चीनी पासपोर्ट था, और वह उस पासपोर्ट के आधार पर भारत में रह रही थी।
2020 में, उसने भारतीय राज्य पश्चिम बंगाल में रानीगंज सीमा क्षेत्र के माध्यम से नेपाल में प्रवेश किया। बाद में, नेपाली आईडी प्राप्त करने के बाद उसने फिर से भारत में प्रवेश किया। सूत्र के अनुसार- भारतीय अधिकारियों के पास उपलब्ध रिकॉर्ड से वह चीन के हैनान प्रांत की रहने वाली है। वह कथित तौर पर पूरे देश में अशांति पैदा करने की कोशिश कर रही थी।
सूत्रों के अनुसार उसने पुलसिकर्मियों से कहा- चूंकि वह बौद्ध थी, इसलिए कम्युनिस्ट नेता उसे मारना चाहते थे। उसके पास चीन से भागने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं था। हालांकि, पुलिस ने पाया है कि वह जासूसी कर रही थी और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल थी। सूत्र ने कहा कि अधिकारियों को गुप्त सूचना मिली थी कि एक महिला चीनी जासूस राष्ट्रीय राजधानी में रह रही है। इनपुट का आकलन करने के बाद पता चला कि काई रूओ राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा दे रही थी।
इसके बाद पुलिस ने इस संबंध में उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 120-8, 419, 420, 467, 474 के तहत प्राथमिकी दर्ज की। इसके बाद पुलिस टीम का गठन किया गया और छापेमारी की गई। काई रूओ को अंतत: उत्तरी दिल्ली के एक इलाके में उसके ठिकाने से पकड़ लिया गया।
सूत्र ने कहा- वह एक बौद्ध भिक्षु के रूप में अवैध रूप से भारत में रह रही थी ताकि वह सुरक्षा एजेंसियों के स्कैनर से बच सके। वह जासूसी कर रही थी और देश के खिलाफ साजिश रच रही थी। उसके पास से फर्जी दस्तावेज, पहचान पत्र पाए गए थे.. हम इस मामले को गंभीरता से ले रहे हैं। रुओ ने अपने वकील दीपक त्यागी के माध्यम से एक याचिका दायर कर अधिकारियों से चीन में अपने परिवार के सदस्यों से बात करने की अनुमति मांगी है।
सूत्र ने आगे कहा कि चूंकि महिला राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल थी, इसलिए जांच एजेंसियां जांच करेंगी कि क्या वह पीएफआई के संपर्क में थी या नहीं। खुफिया एजेंसियों और राष्ट्रीय जांच एजेंसी को भी उसकी गिरफ्तारी की सूचना दी गई है।
सोर्सः आईएएनएस
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Created On :   20 Oct 2022 10:30 PM IST