महिला पुलिसकर्मियों द्वारा बुजुर्ग शिक्षक को पीटने के मामले में एनएचआरसी ने बिहार सरकार को नोटिस भेजा

NHRC sends notice to Bihar government in case of beating up of elderly teacher by women policemen
महिला पुलिसकर्मियों द्वारा बुजुर्ग शिक्षक को पीटने के मामले में एनएचआरसी ने बिहार सरकार को नोटिस भेजा
दिल्ली महिला पुलिसकर्मियों द्वारा बुजुर्ग शिक्षक को पीटने के मामले में एनएचआरसी ने बिहार सरकार को नोटिस भेजा

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पिछले दिनों बिहार के कैमूर जिले में एक 70 वर्षीय बुजुर्ग शिक्षक को दो महिला पुलिसकर्मियों द्वारा सार्वजनिक रूप से डंडों से पीटा गया था। वीडियो सोशल मीडिया में भी जमकर वायरल हुआ था। अब इस मामले का संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने बिहार सरकार को नोटिस भेजा है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने बताया कि उन्होंने उन मीडिया रिपोर्ट पर स्वत: संज्ञान लिया है, जिसमें बिहार के कैमूर जिले में एक 70 वर्षीय बुजुर्ग शिक्षक के साइकिल से गिर जाने के बाद और उठने में देरी होने पर दो महिला पुलिसकर्मियों द्वारा उनकी पिटाई की गई थी।

आयोग ने पाया है कि मीडिया रिपोर्ट की सामग्री के साथ-साथ घटना का एक वीडियो पीड़ित के जीवन और सम्मान के अधिकार के उलंघन के गंभीर मुद्दे को उठाता है। आयोग ने कहा कि लोक सेवकों ने कथित रूप से अपनी शक्ति का दुरूपयोग किया और इस तरह से कार्य किया, जो किसी भी तरह उनके आधिकारिक कर्तव्य के निर्वहन से जुड़ा नहीं था। इन जैसे लोक सेवकों से सख्ती से निपटने और ऐसी परिस्थितियों को समझदारी और मानवीय दृष्टिकोण से संभालने के लिए उन्हें संवेदनशील बनाने की आवश्यकता है। यही वजह है कि आयोग ने बिहार के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी कर चार सप्ताह के भीतर मामले में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।

आयोग ने कहा कि दोनों अधिकारियों की रिपोर्ट में जिम्मेदार पुलिस कर्मियों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी की वर्तमान स्थिति और उनके खिलाफ की गई या की जाने वाली विभागीय कार्रवाई की जानकारी शामिल होनी चाहिए। आयोग ने कहा कि वो रिपोर्ट में पीड़ित की वर्तमान स्वास्थ्य स्थिति के बारे में भी जानना चाहेगा। इसके अलावा रिपोर्ट में उसे भुगतान किया गया मुआवजा, यदि कोई हो, भी शामिल होना चाहिए।

आयोग ने यह भी कहा कि सड़क दुर्घटनाओं का आघात आम तौर पर इसमें शामिल व्यक्तियों को एक पल के लिए स्तब्ध और घबरा देता है। ऐसे में मौके पर मौजूद पुलिस कर्मियों के साथ-साथ नागरिकों का भी नैतिक कर्तव्य बनता है कि वे पीड़ितों पर चिल्लाने और उन्हें पीटने के बजाय उनकी मदद करें।

सोर्सः आईएएनएस

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Created On :   24 Jan 2023 6:30 PM IST

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