ज्योतिष टिप्स: वैवाहिक जीवन को बनाना चाहते हैं सुखमय, तो गुरुवार को करें ये आसान उपाय

ज्योतिष टिप्स: वैवाहिक जीवन को बनाना चाहते हैं सुखमय, तो गुरुवार को करें ये आसान उपाय

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म के अनुसार गुरुवार का दिन भगवान विष्णु और गुरू बृहस्पति को समर्पित है। इस दिन को बृहस्पतिवार भी कहा जाता है। ज्योतिषार्य के मुताबिक, व्यक्ति के जीवन में किसी भी प्रकार की समस्या को दूर करने और अपने वै​वाहिक जीवन को सुखमय बनाने के लिए इस दिन भगवान विष्णु की आराधना करना चाहिए। कहा जाता है कि गुरुवार के दिन भगवान विष्णु की पूजा और व्रत करने से घर में सुख- समृद्धि बनी रहती है और इस व्रत से भगवान विष्णु जल्द ही प्रसन्न होते हैं।

ऐसा माना जाता है कि, गुरुवार का व्रत करने से कुंडली में गुरू ग्रह मजबूत होता है, जिससे विवाह आसानी से हो जाता है और वैवाहिक जीवन में सुख मिलता है।

गुरुवार का महत्व

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बृहस्पति को सबसे बड़ा ग्रह माना जाता है। बृहस्पति देव को देवताओ का गुरु कहा जाता है। गुरुवार के दिन विष्णु चालीसा या विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करने से आप घर में भगवान विष्णु और मां ल की कृपा होती है। मान्यता है कि भगवान विष्णु को पीला रंग प्रिय है इसलिए गुरुवार के दिन पीला वस्त्र पहना चाहिए। गुरुवार का व्रत आप अपने संकल्म के अनुसार सकते है, लेकिन 16 गुरुवार का व्रत करना माना जाता है।

पूजा की विधि

  • सुबह सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नानादि से निवृत्त हों, स्नान के दौरान ‘ॐ बृ बृहस्पते नमः’ का जाप भी करें।
  • इसके साथ ही साथ नहाते वक्त “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप जरूर जाप करें।
  • यदि गुरु का किसी भी प्रकार का दोष है, तो आप गुरुवार के दिन नहाने के पानी में चुटकी भर हल्दी डालकर स्नान करें।
  • स्नान के बाद स्वच्छ पीले रंग के कपड़े धारण करें।
  • गुरुवार का व्रत रखें और केले के पौधे में जल अर्पित कर पूजा अर्चना करें।
  • पूजा में सबसे पहले भगवान को पीला वस्त्र अर्पित करें और व्रत का संकल्प लें।
  • भगवान विष्णु की प्रतिमा व चित्र का सामने घी का दीया जलाएं।
  • पूजा के स्थान पर एक लोटे में पानी और हल्दी डालकर रखें।
  • भगवान विष्णु को पीले रंग के फूलों के साथ तुलसी का एक छोटा सा पत्ता अर्पित करें।
  • अपने माथे पर हल्दी, चंदन या केसर का तिलक धारण करें।
  • इसके बाद पूजा- पाठ करें और साथ में गुरुवार व्रत कथा का पाठ करें।
  • भगवान को गुड़ और चने की दाल का भोग लगाएं व आरती करें।

डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।

Created On :   24 May 2023 5:03 AM GMT

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