हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा भुजरिया पर्व, जानिए क्या है कहानी 

हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा भुजरिया पर्व, जानिए क्या है कहानी 

डिजिटल डेस्क, भोपाल। रक्षाबंधन के अगले दिन मनाया जाने वाला भुजरिया (कजलिया) पर्व 27 अगस्त 2018 को हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। भुजरिया पर्व का मालवा, बुंदेलखंड और महाकौशल क्षेत्र में विशेष महत्व माना गया है। इसके लिए घरों में करीब एक सप्ताह पूर्व भुजरियां बोई जाती हैं। इस दिन भुजरियों को कुओं, ताल-तलैयों आदि पर जाकर निकालकर सर्व प्रथम भगवान को भेंट किया जाता है। इसके बाद लोग एक दूसरे से भुजरिया बदलकर अपनी भूल-चूक भुलाकर गले मिलते हैं।

रूठों को मनाने और नए दोस्त बनाने के लिए भी इस महोत्सव का विशेष महत्व है। संध्या के समय लोग सज-धजकर नए वस्त्र धारण कर इस त्यौहार का आनंद उठाते देखे जाते हैं। वहीं कई स्थानों पर विभिन्न क्षेत्रीय पार्टियों और दलों द्वारा विभिन्न स्थानों पर भुजरिया मिलन समारोह का आयोजन भी किया जाता है। भुजरिया पर्व को लेकर नगर-गांव की नदी, तालाबों पर महिलाओं की भारी भीड़ पहुंचती है। बच्चों में इस पर्व का खासा उत्साह देखा जाता है।

Created On :   26 Aug 2018 5:35 AM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story