पूरे नौ दिनों तक होगी मां की आराधना, जानें कलश स्थापना का मुहूर्त

Chaitra Navratri 2022: Know Kalash Sthapana Muhurat and worship method
पूरे नौ दिनों तक होगी मां की आराधना, जानें कलश स्थापना का मुहूर्त
चैत्र नवरात्रि 2022 पूरे नौ दिनों तक होगी मां की आराधना, जानें कलश स्थापना का मुहूर्त

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मां दुर्गा की आराधना का सबसे बड़ा पर्व नवरात्र माना जाता है, जो कि आज से शुरू हो चुका है। इस साल चैत्र नवरात्र 2 अप्रैल 2022 से शुरू होकर समापन 11 अप्रैल 2022 तक है। ज्योतिषाचार्य के अनुसार, इस बार माता दुर्गा अश्व पर बैठकर आएंगी। जबकि, महिष (भैंस) पर माता का गमन होगा। बता दें कि नवरात्र में मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की विधि-विधान से पूजा करने से भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण होती है।

बता दें कि नवरात्रि साल में दो आती हैं, इनमें एक शारदीय नवरात्रि और दूसरी चैत्र नवरात्रि हैं। फिलहाल चैत्र नवरात्रि एक खास मुहूर्त के साथ आ रही है। ज्योतिष के अनुसार चैत्र नवरात्रि की प्रतिपदा के दिन कलश या घट स्थापना सूर्योदय के बाद अभिजीत मुहुर्त में करना श्रेयष्कर रहता है। आइए जानते हैं कलश स्थापना का शुभ समय और पूजा विधि...

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नौ दिनों में मां की आराधना
नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना की जाती है, जिसके साथ ही मां शैलपुत्री की आराधना की जाती है। इसके बाद ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, मां कुष्मांडा, स्कन्द माता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है।

मुहूर्त
पंचाग के अनुसार चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 2 अप्रैल को सुबह 11:58 मिनट तक कलश स्थापना का मुहूर्त है। वहीं अभिजीत मुहूर्त 11.24 से 12.36 तक रहेगा। 

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कलश स्थापना विधि 
- शुभ मुहूर्त में कलश या घट स्थापना करें।
- इस दिन पूरे नौ दिनों तक देवी की आराधना करें।
- नवरात्र के नौ दिनों में देवी के नौ रूपों की पूजा और आराधना करें। 
- पूरे नवरात्रि में दुर्गासप्तशती का पाठ करना चाहिए।
- इन दिनों में ब्रह्म मुहुर्त में श्रीरामरक्षा स्तोत्र का पाठ बहुत शुभफलदायी होता है।
- इस समय पूरे नियम से माता दुर्गा के शरणागत रहना चाहिए क्योंकि यही भक्ति की सर्वोच्च अवस्था है।
- इस दिन माता के किसी सिद्ध पीठ का दर्शन कर आशीर्वाद ले।
- प्रतिदिन माता के मंदिर जाकर विधिवत दर्शन करने के साथ पूजा करें।
- इन दिनों में रामरक्षा स्त्रोत का पाठ करें, इससे दैहिक, दैविक तथा भौतिक तापों का नाश होता है।
- नवरात्रि में श्री रामचरित मानस का पाठ बहुत पुण्यदायी बताया गया है।  
- मनोवांछित फल की प्राप्ति के लिए पूरी नवरात्रि व्रत कर अंतिम दिन हवन करें।

Created On :   31 March 2022 5:56 AM GMT

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