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दैनिक भास्कर हिंदी: देवों के देव महादेव की आराधना से सुखमय होगा जीवन, इन बातों रखें का ख्याल

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हिन्दू धर्म में यूं तो हर दिन कई देवी देवताओं की पूजा होती है, लेकिन इनमें दिन और तिथि का काफी महत्व है। दिनों के हिसाब से हर दिन किसी एक विशेष देवी- देवता की पूजन की जाती है। इनमें देवों के देव महादेव यानी भगवान शिव की पूजा के लिए सोमवार का दिन शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि भगवान शिव एकमात्र ऐसे देव हैं, जो बहुत जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं, लेकिन यदि पूजा-अर्चना में किसी प्रकार की भूल हो जाए तो भगवान रूष्ट हो सकते हैं, इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को पूजा करते समय कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए। तो आइए जानते हैं शिवजी की पूजा के समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए...
इन बातों का रखें ख्याल
शिव जी की पूजा में अगर आप चावल चढ़ाते हैं तो इस बात विशेष ध्यान रखें कि वे चावल खंडित यानि टूटे हुए नहीं होने चाहिए। वहीं शिव जी को आप नारियल तो चढ़ा सकते हैं, पर नारियल का पानी नहीं चढ़ाना चाहिए। हल्दी और कुमकुम उत्पत्ति के प्रतीक माने गए हैं, ऐसे में इनका प्रयोग भी शिव जी के पूजन में नहीं होना चाहिए। साथ ही कभी भी मुरझाए हुए फूल भगवान शिव को अर्पित न करें क्योंकि इससे शिवजी क्रोधित हो सकते हैं और आपको उनके क्रोध का भागी बनना पड़ सकता है।
साथ ही इस बात का भी ध्यान अवश्य रखें कि कपड़े साफ और शुद्ध हो, क्योंकि ऐसे वस्त्र शुद्ध होने के साथ-साथ आरामदायक होते हैं। पूजा में ऐसे वस्त्र पहनकर बैठने से व्यक्ति का ध्यान इधर-उधर नहीं भटकटा। वहीं धार्मिक मान्यता है कि पुरुषों के लिए पूजा के समय धोती-कुर्ता या लाल,सफेद लुंगी पहनना चाहिए।
भूलकर भी शिवलिंग पर न चढ़ाएं
मान्यता है कि शिवजी को सफेद रंग के फूल पसंद होते हैं, पर वहीं केतकी का फूल सफेद होने पर भी शिवजी की पूजा में नहीं प्रयोग होता है.. और भगवान शिव की पूजा में शंख से जल अर्पित करने का विधान भी नहीं, इसलिए ऐसा करने से बचना चाहिए।
साथ ही भगवान शिवजी की पूजा में तुलसी का प्रयोग भी वर्जित माना गया है। शिव पूजा में तिल का भी प्रयोग नहीं करना चाहिए क्योंकि मान्यता है कि तिल भगवान विष्णु के मैल से उत्पन्न हुआ है, ऐसे में तिल भगवान विष्णु को तो अर्पित किया जाता है पर शिव जी को नहीं चढ़या जाता।
पूजा के वस्त्र
शिव पूजा के दौरान पहने जाने वाले वस्त्रों पर विशेष ध्यान देना चाहिए किन्तु अधिकतम देखा जाता है कि लोग इस पर ध्यान नही देते हैं। शास्त्रों के अनुसार शिव की पूजा के समय हरे,लाल और सफेद रंग के कपड़े पहनना शुभ माना जाता है, पर जो लोग इसका पालन नहीं करते और किसी भी रंग के वस्त्र पहनकर पूजा कर लेते हैं उन पर शिव की कृपा नहीं होती और न ही पूजा का सही फल मिल पाता है।
सोमवार के दिन पूजा करते हुए काले कपड़े भूलकर भी नहीं पहनने चाहिए, क्योंकि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शिवजी को काला रंग अप्रिय है काले रंग के वस्त्रों से वे क्रोधित हो जाते हैं। ऐसे में शिवजी की पूजा करते समय काले वस्त्र पहनने से सदा बचें और प्रयास करें कि सोमवार को शिव पूजा में हरा, लाल, सफेद, केसरिया, पीले या आसमानी रंग के वस्त्र ही धारण करें।
मंदिर में पूजा करें दंपति
मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं, इसलिए इस दिन लोग भगवान शंकर की पूजा के साथ-साथ व्रत आदि भी करते हैं। खास महत्व दंपती लिए बताया जाता है, यदि इस दिन कोई दंपति मंदिर में जाकर पूजा-अर्चना करते हैं तो उनका वैवाहिक जीवन सुखमय हो जाता है। वैवाहिक जीवन के साथ-साथ सोमवार का व्रत व्यक्ति के लिए हितकारी माना जाता है।
आईसेक्ट ग्रुप भोपाल: आईसेक्ट द्वारा ग्लोबल पर्सनल डेवलपमेंट विषय पर विशेष ट्रेनिंग सेशन आयोजित
डिजिटल डेस्क, भोपाल। आईसेक्ट के एचआर एवं लर्निंग एंड डेवलपमेंट डिपार्टमेंट द्वारा एम्पलॉइज के लिए ग्लोबल पर्सनल डेवलपमेंट पर एक विशेष ट्रेनिंग सेशन का आयोजन किया गया। इसमें यूनाइटेड किंगडम के कॉर्पोरेट इंटरनेशनल ट्रेनर जुबेर अली द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया गया। जिसमें उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों को अपने अनुभवों, डेमोंस्ट्रेशन, वीडियो, स्लाइड शो के माध्यम से नई स्किल्स को प्राप्त करने और अपनी पर्सनेलिटी को बेहतर बनाने के तरीके बताए। साथ ही उन्होंने पर्सनेलिटी डेवलपमेंट और अपस्किलिंग के महत्व पर बात की और बताया कि करियर ग्रोथ के लिए यह कितना आवश्यक है। इस दौरान उन्होंने सफलता के लिए नौ सक्सेस मंत्र भी दिए। इस दौरान कार्यक्रम में एचआर कंसल्टेंट डी.सी मसूरकर और अल नूर ट्रस्ट के सदस्य उपस्थित रहे।
इस पहल पर बात करते हुए आईसेक्ट के निदेशक सिद्धार्थ चतुर्वेदी ने कहा कि आईसेक्ट कौशल विकास के महत्व को समझता है इसी कारण अपने एम्पलॉइज की अपस्किलिंग के लिए लगातार विभिन्न प्रशिक्षण सेशन का आयोजन करता है। इसी कड़ी में ग्लोबल पर्सनेल डेवलपमेंट पर यह ट्रेनिंग सेशन भी एक कदम है।
स्कोप कैम्पस: खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 की मशाल रैली भीमबेटका, ओबेदुल्लागंज, मंडीदीप, भोजपुर होते हुए पहुंची रबीन्द्रनाथ नाथ टैगोर विश्वविद्यालय और स्कोप कैम्पस
डिजिटल डेस्क, भोपाल। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय और खेल एवं युवा कल्याण विभाग रायसेन के संयुक्त तत्वावधान में खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 की मशाल रैली आयोजित की गई। यह यात्रा होशंगाबाद से पर्वतारोही भगवान सिंह भीमबेटका लेकर पहुंचे। फिर भीमबेटका से रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय ने मशाल लेकर ओबेदुल्लागंज की ओर प्रस्थान किया। ओबेदुल्लागंज में रैली का स्वागत किया गया। साथ ही ओबेदुल्लागंज में मशाल यात्रा को विभिन्न स्थानों पर घुमाया गया। तत्पश्चात यात्रा ने मंडीदीप की ओर प्रस्थान किया। मंडीदीप में यात्रा का स्वागत माननीय श्री सुरेंद्र पटवा जी, भोजपुर विधायक ने किया। अपने वक्तव्य में उन्होंने खेलों को बढ़ावा देने के लिए मप्र सरकार द्वारा की जा रही पहलों की जानकारी दी और युवाओं को खेलों को जीवन में अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। इसके अलावा खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 में खिलाड़ियों को जीत के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने खेलों इंडिया यूथ गेम्स के आयोजन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रयासों को रेखांकित किया।
साथ ही कार्यक्रम में रायसेन के डिस्ट्रिक्ट स्पोर्ट्स ऑफिसर श्री जलज चतुर्वेदी ने मंच से संबोधित करते हुए कहा कि खेलों को बढ़ावा देने के लिए सरकार की विभिन्न गतिविधियों पर प्रकाश डाला और खेलों इंडिया यूथ गेम्स के खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दीं। यहां से धावकों ने मशाल को संभाला और दौड़ते हुए भोजपुर मंदिर तक पहुंचे। मंदिर से फिर यात्रा रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय तक पहुंचती और यहां यात्रा का डीन एकेडमिक डॉ. संजीव गुप्ता द्वारा और उपकुलसचिव श्री समीर चौधरी, उपकुलसचिव अनिल तिवारी, उपकुलसचिव ऋत्विक चौबे और स्पोर्ट्स ऑफिसर सतीश अहिरवार द्वारा भव्य स्वागत किया जाता है। मशाल का विश्वविद्यालय में भी भ्रमण कराया गया। यहां से यात्रा स्कोप कैम्पस की ओर प्रस्थान करती है। स्कोप कैम्पस में स्कोप इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. डी.एस. राघव और सेक्ट कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. सत्येंद्र खरे ने स्वागत किया और संबोधित किया। यहां से मशाल को खेल एवं युवा कल्याण विभाग के उपसंचालक जोश चाको को सौंपा गया।