Budh Pradosh Vrat 2025: बुध प्रदोष व्रत दिलाएगा हर तरह के कष्टों से मुक्ति, जानिए पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

- कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष में आता है प्रदोष व्रत
- बुध प्रदोष व्रत 20 अगस्त, बुधवार के दिन है
- देवों के देव महादेव की पूजा के लिए समर्पित है
डिजिटल डेस्क, भोपाल। हिन्दू धर्म में प्रदोष व्रत का काफी महत्व बताया गया है। यह दिन महादेव का समर्पित है और एक महीने में यह व्रत दो बार आता है। इनमें से एक शुक्ल पक्ष और दूसरा कृष्ण पक्ष में होता है, फिलहाल भाद्रपद मास चल रहा है। इस महीने के कृष्ण पक्ष का प्रदोष व्रत बुधवार के दिन आने के कारण बुध प्रदोष कहा गया है, जो कि 20 अगस्त यानि कि आज है।
इस व्रत में भगवान शिव की पूजा की जाती है। दिन के अनुसार, इस व्रत को अलग अलग नामों से जाना जाता है। जैसे कल बुधवार को आने पर इसे बुध प्रदोष कहा गया है। ऐसा माना जाता है कि, इस व्रत को करने से सभी पाप धुल जाते हैं और जीवन में आने वाले हर तरह के कष्टों से मुक्ति मिलती है। आइए जानते हैं मुहूर्त और पूजा विधि...
शुभ मुहूर्त
तिथि प्रारम्भ: 20 अगस्त 2025, बुधवार की दोपहर 1 बजकर 58 मिनट से
तिथि समापन: 21 अगस्त 2025, गुरुवार की दोपहर 12 बजकर 44 मिनट तक
पूजन सामग्री
धूप, दीप, घी, सफेद पुष्प, सफेद फूलों की माला, आंकड़े का फूल, सफेद मिठाइयां, सफेद चंदन, सफेद वस्त्र, जल से भरा हुआ कलश, कपूर, आरती के लिए थाली, बेल-पत्र, धतुरा, भांग, हवन सामग्री, आम की लकड़ी।
व्रत की विधि
- इस दिन प्रदोष काल में यानी सूर्यास्त से तीन घड़ी पूर्व, शिव जी की पूजा करें।
- प्रदोष व्रत की पूजा संध्या को 4:30 बजे से लेकर 7:00 बजे के मध्य होती है।
- पूजा से पहले स्नान कर स्वच्छ श्वेत वस्त्र धारण कर लें।
- पूजा स्थल अथवा पूजा गृह को साफ कर गंगाजल से शुद्ध कर लें।
- चाहे तो शिव मंदिर में भी जा कर पूजा कर सकते हैं।
- पांच रंगों से रंगोली बनाकर मंडप तैयार करें।
- पूजन की सभी सामग्री एकत्रित कर लें।
- कलश अथवा लोटे में शुद्ध जल भर लें।
- अब कुश के आसन पर बैठ कर शिव जी की पूजा विधि-विधान से करें।
- “ॐ नम: शिवाय” बोलते हुए शिव जी को जल अर्पित करें।
- इसके बाद दोनों हाथ जोड़कर शिव जी का ध्यान करें।
डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।
Created On :   19 Aug 2025 7:00 PM IST