गोगा पंचमी के दिन गोगादेव के साथ ही नाग पर भी दूध चढ़ाएं।
गोगादेव की पूजा के लिए साफ दीवार की गेरू से पुताई कर दूध में कोयला मिलाएं।
चौकोर चौक बनाकर उसके अन्दर पांच सर्प बनाएं।
सर्पों पर जल, कच्चा दूध, रोली, चावल, बाजरा, आटा, घी, चीनी मिलाकर चढ़ाएं।
मंदिर जाकर पुजारी जी को यथासंभव दक्षिणा दें।
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- Goga Panchami 2018: Know the date and significance of Goga Panchami
दैनिक भास्कर हिंदी: गोगा पंचमी 2018: जानिए किस दिन मनाई जाएगी गोगा पंचमी
डिजिटल डेस्क, भोपाल। भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की पंचमी को गोगा पंचमी पर्व मनाया जाता है। इस बार ये तिथि 31 अगस्त 2018 को है। इस दिन गोगा देवता की पूजा की जाती है। हिन्दू धार्मिक मान्यता है कि गोगादेव सर्पदंश से जीवन की रक्षा करते हैं। इस दिन नाग देवता की पूजा भी की जाती है। इससे जुड़ा महत्वपूर्ण त्यौहार चार दिन बाद भाद्रपद कृष्ण पक्ष की नवमी को मनाया जाता है, जो गोगा नवमी के नाम से प्रसिद्ध है।
मान्यता है कि गोगा देव संतान के जीवन की रक्षा करते हैं। इसलिए विवाहित स्त्रियां अपनी संतान की दीर्घायु और स्वास्थ्य के लिए गोगादेवता की पूजा करती हैं। इसके साथ ही इस पूजा से विवाहित स्त्रियां सौभाग्यवती होती हैं और नि:संतान स्त्रियों को संतान प्राप्ति के योग बनते हैं।


गोगाजी राजस्थान के लोक देवता हैं जिन्हें 'जाहरवीर गोग राणा के नाम से भी जाना जाता है। गोगाजी का जन्म विक्रम संवत 1003 में राजस्थान के ददरेवा (चुरू) चौहान वंश के राजपूत शासक जैबर (जेवरसिंह) उनकी पत्नी बाछल के घर गुरु गोरखनाथ के वरदान से भाद्रपद कृष्ण पक्ष की नवमी को हुआ था। वीर गोगाजी गुरु गोरखनाथ के परमशिष्य थे। उनका जन्मस्थान एक ऐसा स्थान है जहां सभी धर्म और सम्प्रदाय के लोग सर झुकाने के लिए दूर-दूर से आते हैं।
कायम खानी मुस्लिम समाज उनको जाहर पीर के नाम से जानते हैं तथा उनके स्थान पर मत्था टेकने और मन्नत मांगने आते हैं। यह एक ऐसा स्थान है जो हिंदू और मुस्लिम एकता का प्रतीक है। मध्यकालीन महापुरुष गोगाजी हिंदू, मुस्लिम, सिख संप्रदायों की श्रद्धा अर्जित कर एक धर्मनिरपेक्ष लोकदेवता के नाम से पीर के रूप में प्रसिद्ध हुए।
लोकमान्यता व लोककथाओं के अनुसार गोगाजी को सांपों के देवता के रूप में भी पूजा जाता है। लोग उन्हें गोगाजी, गुग्गा वीर, जाहिर वीर,राजा मण्डलिक व जाहर पीर के नामों से पुकारते हैं। यह गुरु गोरक्षनाथ के प्रमुख शिष्यों में से एक थे। राजस्थान के छह सिद्धों में गोगाजी को प्रथम माना गया है। गोगादेव की जन्मभूमि पर आज भी उनके घोड़े का घुड़साल (अस्तबल) है और सैकड़ों वर्ष बीत गए, लेकिन उनके घोड़े की रकाब अभी भी वहीं पर स्थित है। उस जन्म स्थान पर गुरु गोरक्षनाथ का आश्रम भी है और वहीं गोगादेव की घोड़े पर सवार मूर्ति स्थापित है।
आईसेक्ट ग्रुप भोपाल: आईसेक्ट द्वारा ग्लोबल पर्सनल डेवलपमेंट विषय पर विशेष ट्रेनिंग सेशन आयोजित
डिजिटल डेस्क, भोपाल। आईसेक्ट के एचआर एवं लर्निंग एंड डेवलपमेंट डिपार्टमेंट द्वारा एम्पलॉइज के लिए ग्लोबल पर्सनल डेवलपमेंट पर एक विशेष ट्रेनिंग सेशन का आयोजन किया गया। इसमें यूनाइटेड किंगडम के कॉर्पोरेट इंटरनेशनल ट्रेनर जुबेर अली द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया गया। जिसमें उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों को अपने अनुभवों, डेमोंस्ट्रेशन, वीडियो, स्लाइड शो के माध्यम से नई स्किल्स को प्राप्त करने और अपनी पर्सनेलिटी को बेहतर बनाने के तरीके बताए। साथ ही उन्होंने पर्सनेलिटी डेवलपमेंट और अपस्किलिंग के महत्व पर बात की और बताया कि करियर ग्रोथ के लिए यह कितना आवश्यक है। इस दौरान उन्होंने सफलता के लिए नौ सक्सेस मंत्र भी दिए। इस दौरान कार्यक्रम में एचआर कंसल्टेंट डी.सी मसूरकर और अल नूर ट्रस्ट के सदस्य उपस्थित रहे।
इस पहल पर बात करते हुए आईसेक्ट के निदेशक सिद्धार्थ चतुर्वेदी ने कहा कि आईसेक्ट कौशल विकास के महत्व को समझता है इसी कारण अपने एम्पलॉइज की अपस्किलिंग के लिए लगातार विभिन्न प्रशिक्षण सेशन का आयोजन करता है। इसी कड़ी में ग्लोबल पर्सनेल डेवलपमेंट पर यह ट्रेनिंग सेशन भी एक कदम है।
स्कोप कैम्पस: खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 की मशाल रैली भीमबेटका, ओबेदुल्लागंज, मंडीदीप, भोजपुर होते हुए पहुंची रबीन्द्रनाथ नाथ टैगोर विश्वविद्यालय और स्कोप कैम्पस
डिजिटल डेस्क, भोपाल। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय और खेल एवं युवा कल्याण विभाग रायसेन के संयुक्त तत्वावधान में खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 की मशाल रैली आयोजित की गई। यह यात्रा होशंगाबाद से पर्वतारोही भगवान सिंह भीमबेटका लेकर पहुंचे। फिर भीमबेटका से रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय ने मशाल लेकर ओबेदुल्लागंज की ओर प्रस्थान किया। ओबेदुल्लागंज में रैली का स्वागत किया गया। साथ ही ओबेदुल्लागंज में मशाल यात्रा को विभिन्न स्थानों पर घुमाया गया। तत्पश्चात यात्रा ने मंडीदीप की ओर प्रस्थान किया। मंडीदीप में यात्रा का स्वागत माननीय श्री सुरेंद्र पटवा जी, भोजपुर विधायक ने किया। अपने वक्तव्य में उन्होंने खेलों को बढ़ावा देने के लिए मप्र सरकार द्वारा की जा रही पहलों की जानकारी दी और युवाओं को खेलों को जीवन में अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। इसके अलावा खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 में खिलाड़ियों को जीत के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने खेलों इंडिया यूथ गेम्स के आयोजन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रयासों को रेखांकित किया।
साथ ही कार्यक्रम में रायसेन के डिस्ट्रिक्ट स्पोर्ट्स ऑफिसर श्री जलज चतुर्वेदी ने मंच से संबोधित करते हुए कहा कि खेलों को बढ़ावा देने के लिए सरकार की विभिन्न गतिविधियों पर प्रकाश डाला और खेलों इंडिया यूथ गेम्स के खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दीं। यहां से धावकों ने मशाल को संभाला और दौड़ते हुए भोजपुर मंदिर तक पहुंचे। मंदिर से फिर यात्रा रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय तक पहुंचती और यहां यात्रा का डीन एकेडमिक डॉ. संजीव गुप्ता द्वारा और उपकुलसचिव श्री समीर चौधरी, उपकुलसचिव अनिल तिवारी, उपकुलसचिव ऋत्विक चौबे और स्पोर्ट्स ऑफिसर सतीश अहिरवार द्वारा भव्य स्वागत किया जाता है। मशाल का विश्वविद्यालय में भी भ्रमण कराया गया। यहां से यात्रा स्कोप कैम्पस की ओर प्रस्थान करती है। स्कोप कैम्पस में स्कोप इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. डी.एस. राघव और सेक्ट कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. सत्येंद्र खरे ने स्वागत किया और संबोधित किया। यहां से मशाल को खेल एवं युवा कल्याण विभाग के उपसंचालक जोश चाको को सौंपा गया।