ये है भगवान जगन्नाथ की चाची गुंडिचा का घर, यहां 9 दिन ठहरते हैं पुरी के स्वामी

Gundicha Mandir Odisha, Lord Jagannaths aunt Gundicha is Here
ये है भगवान जगन्नाथ की चाची गुंडिचा का घर, यहां 9 दिन ठहरते हैं पुरी के स्वामी
ये है भगवान जगन्नाथ की चाची गुंडिचा का घर, यहां 9 दिन ठहरते हैं पुरी के स्वामी


डिजिटल डेस्क, पुरी। भारत देश के अनोखे और पौराणिक मंदिरों में एक ये भी शामिल है। यहां हम आपको ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके बारे में पहली बार जानने पर आश्चर्य होता है। भगवान जगन्नाथ रथयात्रा के दौरान यहां 9 दिनों तक ठहरते हैं। यह दर्शनीय एवं अत्यंत ही लोकप्रिय स्थान है। इसे गुंडिचा मंदिर या गुंडिचा घर भी कहा जाता है। 

 

चाची करती हैं स्वागत सत्कार

दरअसल, यह गुंडिचा घर उड़ीसा राज्य के पुरी शहर में स्थित है। इसके बारे में कहा जाता है कि ये भगवान जगन्नाथ की चाची गुंडिचा को समर्पित है। रथयात्रा के दौरान भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के साथ गुंडिचा मंदिर आते हैं। यहां परंपरागत पूजा होती है, जिसे पादोपीठा कहा जाता है अर्थात गुंडिचा चाची भगवान जगन्नाथ का पादोपीठा खिलाकर सत्कार करती है। यह मंदिर अत्यंत ही अलौकिक है। यह पुरी के दर्शनीय स्थलाें में से एक है।

 

‪‪जगन्नाथ‬, ‪गुंडिचा मंदिर के लिए इमेज परिणाम

 

सिंहासन पर बैठायी जाती हैं मूर्तियां

इस स्थान को भगवान जगन्नाथ का जन्मस्थान भी माना जाता है। इस स्थान पर राजा इन्द्रध्युम्न ने अश्वमेध यज्ञ किया था जिनकी महारानी के गुंडिचा के नाम पर ही ये मंदिर है। यहां राजा ने एक हजार अश्वमेध यज्ञ किए थे। रथयात्रा महोत्सव पर यहां का माहौल भी अति अलौकिक प्रतीत होता है। यह 75 फीट उंचाई के साथ हल्के भूरे रंग के बलुआ पत्थरों से बनाया गया है। यह खूबसूरत उद्यान के बीच है और दीवारों से घिरा हुआ है।

 

कलिंग वास्तुकला से निर्मित

रथयात्रा उत्सव के दौरान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की मूर्तियों को सिंहासन पर बैठाया जाता है। जिसके बाद विधि-विधान से पूजन होता है। यहां कलिंग वास्तुकला का बेहद खूबसूरत नमूना देखने मिलता है। जगन्नाथ रथयात्रा उत्सव के अवसर पर यहां भी लाखों भक्त एकत्रित हाेते हैं अाैर उस मंदिर की भव्य पूजा में शामिल होते हैं जिसे  भगवान जगन्नाथ की चाची का माना जाता है।

Created On :   23 Feb 2018 8:22 AM IST

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story