जानें इस व्रत का नियम, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

Hartalika Teej 2021: Know rules of this fast, worship method and auspicious time
जानें इस व्रत का नियम, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त
हरतालिका तीज 2021 जानें इस व्रत का नियम, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद की तृतीया तिथि को हरतालिका तीज के रूप में मनाया जाता है। इस दिन माता पार्वती और भगवान शंकर की पूजा अर्चना की जाती है। बता दें कि यह, कजरी तीज और करवा चौथ की तरह ही सुहागिनों का व्रत है। इस दिन निर्जला रहकर भोलेशंकर की आराधना करने से महिलाओं को अखंड सौभाग्य का भी लाभ मिलता है। वहीं कई अविवाहित कन्या भी इक्षित वर को प्राप्त करने के लिए यह व्रत करती हैं। इस वर्ष हरतालिका तीज 09 सितंबर, गुरुवार को है।

मान्यता है कि भगवान शंकर को पाने के लिए माता पार्वती ने पहली बार इस व्रत को किया था, जिसमें उन्होंने अन्न और जल ग्रहण नहीं किया था। इसलिए यह व्रत महिलाएं निर्जला रखती हैं। इस व्रत में महिलाएं भगवान शिव, माता पर्वती और गणेश जी की पूजा की करती हैं। यह व्रत निर्जला किया जाता है, जिसमें महिलाएं थूक तक नहीं गटक सकतीं। आइए जानते हैं पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि...

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शुभ मुहूर्त
तिथि आरंभ: 8 सितंबर, बुधवार देर रात 2 बजकर 33 मिनट से
तिथि समापन: 09 सितंबर, गुरुवार रात 12 बजकर 18 मिनट तक

पूजन विधि 
- सूर्योदय से पूर्व उठकर नित्यक्रमादि से निवृत्त होकर स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- सूर्य देव को जल चढ़ाएं और व्रत का संकल्प लें।
- शाम के समय फिर से स्‍नान कर साफ और सुंदर वस्‍त्र धारण करें।
- इसके बाद गीली मिट्टी से शिव-पार्वती और गणेश की प्रतिमा बनाएं। 
- दूध, दही, चीनी, शहद और घी से पंचामृत बनाएं।
- सुहाग की सामग्री को अच्‍छी तरह सजाकर मां पार्वती को अर्पित करें। 
- शिवजी को वस्‍त्र अर्पित करें।
- अब हरतालिका व्रत की कथा सुनें।
- इसके बाद सबसे पहले गणेश जी और फिर शिवजी व माता पार्वती की आरती उतारें। 
- अब भगवान की परिक्रमा करें।
- रात को जागरण करें और सुबह स्‍नान करने के बाद माता पार्वती का पूजन करें और उन्‍हें सिंदूर चढ़ाएं। 
- फिर ककड़ी और हल्‍वे का भोग लगाएं. भोग लगाने के बाद ककड़ी खाकर व्रत का पारण करें।
- सभी पूजन सामग्री को एकत्र कर किसी सुहागिन महिला को दान दें।

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व्रत के नियम
- यदि आप एक बार हरतालिका तीज का व्रत रखती हैं, तो फिर हर साल यह व्रत रखना होता है। किसी कारण यदि आप व्रत छोड़ना चाहती हैं तो उद्यापन करने के बाद अपना व्रत किसी को दे सकते हैं।
- हरतालिका तीज का व्रत अत्‍यंत कठिन माना जाता है। हरतालिका तीज व्रत के दौरान महिलाएं बिना अन्न और जल ग्रहण किए 24 घंटे तक रहती हैं।  
- पूजा के बाद सुहाग की समाग्री को किसी जरूरतमंद व्यक्ति या मंदिर के पुरोहित को दान की जाती है।
- इस व्रत के दौरान रात में जागरण होता है, जहां महिलाएं भजन कीर्तन करती हैं, यानी रात में सोया नहीं जाता।
- अगले दिन शिव-पार्वती की पूजा करने बाद और प्रसाद बांटने के बाद ही प्रसाद ग्रहण किया जाता है।  

Created On :   8 Sep 2021 11:25 AM GMT

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