आखिर हिन्दू धर्म में ही क्यों करते हैं पवित्र नदियों में अस्थियों का विसर्जन?

आखिर हिन्दू धर्म में ही क्यों करते हैं पवित्र नदियों में अस्थियों का विसर्जन?

डिजिटल डेस्क, भोपाल। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की अस्थियों का विसर्जन हरिद्वार में गंगा नदी के साथ ही देश भर की कई नदियों में किया जा रहा है। क्या आप जानते हैं कि हिंदू धर्म में किसी पवित्र नदी में ही अस्थि विसर्जन क्यों किया जाता है? कभी ना कभी ये विधान हम सभी ने किया है। लेकिन इसके महत्व के बारे में या इसके पीछे के कारण के बारे में बहुत कम ही लोग जानते होंगे। आज हम आपको इसी बारे में बताएंगे कि क्यों किया जाता है पवित्र नदी में अस्थि विसर्जन?

पृथ्वी पर जिस किसी ने भी जन्म लिया है उसकी मृत्यु निश्चित है। इसलिए मृत्यु लोक में मृत्यु ही केवल एकमात्र सत्य है, बाकी सब मिथ्या है। शरीर में जब तक श्वास है तब तक हमारा अस्तित्व है, जिस समय शरीर से श्वास का आवागमन बंद हो जाता है, शरीर से आत्मा निकल जाती है तब हमारा अस्तित्व निर्जीव हो जाता है। हिन्दू मान्यताओं में भी मनुष्य के शरीर का महत्व सिर्फ नाम मात्र का ही बताया गया है और कुछ महत्वपूर्ण है तो वह है अंतर आत्मा। हिंदू धर्म में मृत्यु के पश्चात दाह संस्कार किया जाता है। मृत्यु से लेकर दाह संस्कार और फिर उसके बाद भी कई सारे रीति-रिवाजों का पालन किया जाता है। मृत शरीर को पूरे पारंपरिक ढंग से विदा किया जाता है।

Created On :   20 Aug 2018 10:50 AM GMT

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