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दैनिक भास्कर हिंदी: हल्दी देगी गुरु को मजबूती, जानिए कैसे करें इस्तेमाल
डिजिटल डेस्क, भोपाल। जीवन का कोई भी क्षेत्र हो, खानपान से लेकर धार्मिक कार्यक्रमों तक में हल्दी का प्रयोग होता है। हल्दी को मसाले के रूप में रसोईघर में प्रयोग किया जाता है। जो खाने के रंग और खूबसूरती को बढ़ा देती है। वहीं दूसरी ओर यह एक औषधि और धार्मिक सामग्री भी है, जो ना जाने कितने ही तरह से मनुष्य को फायदा पहुंचाती है।
ज्योतिष की बात करें तो हल्दी के कई प्रयोग हैं। हल्दी की सहायता से विभिन्न प्रकार की ग्रह से निर्मित समस्याओं से छुटकारा भी पाया जा सकता है। हल्दी के पीले रंग को बृहस्पति से जोड़ा जाता है, इसलिए ज्योतिषशास्त्र के अंतर्गत किसी जातक की कुंडली में कमजोर बृहस्पति को मजबूती प्रदान करने के लिए हल्दी का प्रयोग किया जाता है। बृहस्पति को मजबूत करने के लिए यह एक रामबाण इलाज माना गया है।
आइये जानते हैं पीली हल्दी की सहायता से किस तरह मजबूती प्रदान की जा सकती है।
गांठ वाली हल्दी को एक पीले धागे में बांधकर अपने हाथ के बाजू पर या गले में पहनें। यह टोटका पीले पुखराज की तरह कार्य करता है, जो बृहस्पति को मजबूत करने में सहायता देता है। अगर आप भी हल्दी धारण करने का मन बना रहे हैं तो इसे गुरुवार के दिन ही धारण करें शुभ फल प्राप्त होगा।
सामान्य रूप में हल्दी के पीले रंग को ही जाना जाता है। लेकिन हम आपको बता दें हल्दी सिर्फ पीली ही नहीं होती ये नारंगी और काले रंग की भी होती है।
पीली हल्दी का संबंध बृहस्पति से माना गया है, वहीं काली हल्दी का प्रयोग शनि देव के लिए किया जाता है।
कैंसर या पेट की किसी बीमारी से पीड़ित व्यक्ति के लिए हल्दी का दान करना शुभ होता है।
प्रतिदिन सुबह हल्दी का तिलक कर घर से बाहर निकलने पर वाणी को शक्ति प्राप्त होती है
ज्योतिष में बृहस्पति को मजबूती प्रदान करने के अलावा जल्दी शादी के लिए भी हल्दी का प्रयोग किया जाता है।
अगर किसी व्यक्ति की शादी में लगातार बाधाएं उत्पन्न हो रही हैं या फिर किसी कारणवश विवाह संभव नहीं हो पा रहा है तो उसके लिए कुछ टोटके हैं।
जिस पानी से आपको नहाना है उस पानी में हल्दी मिलाकर नहाएं। इसके अलावा सुबह सूर्य को हल्दी मिले पानी से अर्घ्य दें।
सूर्य को जल चढ़ाने के बाद उस लोटे पर लगी हल्दी को माथे और गले पर लगाएं, जल्द ही यह समस्या दूर हो जाएगी। मात्र एक माह तक इस प्रयोग को करने से शादी हो जाएगी।
ज्योतिष के अलावा वास्तु की दृष्टि से भी हल्दी बहुत महत्वपूर्ण होती है, इसकी सहायता से घर की नकारात्मक ऊर्जा से छुटकारा पाया जा सकता है।
किसी भी शुभ-मांगलिक कार्यों को करते समय अगर हल्दी का प्रयोग किया जाए तो इससे नकारात्मक ऊर्जा से छुटकारा मिलता है। यही कारण है हवन,पूजा-पाठ के समय हल्दी का उपयोग किया जाता है।
ऐसा माना जाता है नहाने के पानी में अगर हल्दी डालकर स्नान किया जाए तो इससे व्यक्ति का तेज बढ़ता है। इतना ही नहीं, आपके आसपास की नकारात्मक ऊर्जा भी आपके ऊपर अपना बुरा प्रभाव नहीं डाल पाती।
ज्योतिष और वास्तु के अलावा रसोईघर में भी हल्दी के उपयोग से विभिन्न तरह के फायदे प्राप्त किए जा सकते हैं।
भोजन में अगर संतुलित मात्रा में हल्दी का उपयोग किया जाए तो यह शरीर को रोग मुक्त बनाता है।
हल्दी के उपयोग से भोजन की सुंदरता और स्वाद तो बढ़ता ही है साथ ही यह संपन्नता भी लाता है।
गुनगुना हल्दी वाला पानी पीने से दिमाग तेज होता है। सुबह के समय हल्दी का गुनगुना पानी पीने से दिमाग तेज और उर्जावान बनता है।
रोज यदि आप हल्दी का पानी पीते हैं तो इससे खून में होने वाली गंदगी साफ होती है और खून जमता भी नहीं है। यह खून साफ करता है और दिल को बीमारियों से भी बचाता है।
लीवर की समस्या से परेशान लोगों के लिए हल्दी का पानी किसी औषधि से कम नही है। हल्दी के पानी में टाक्सिस लीवर के सेल्स को फिर से ठीक करता है। हल्दी और पानी के मिले हुए गुण लीवर को संक्रमण से भी बचाते हैं।
हृदय की समस्या से परेशान लोगों को हल्दी वाला पानी पीना चाहिए। हल्दी खून को गाढ़ा होने से बचाती है। जिससे हर्ट अटैक की संभावना कम हो जाती है।
जब हल्दी के पानी में शहद और नींबू मिलाया जाता है तब यह शरीर के अंदर जमे हुए विषैले पदार्थों को निकाल देता है। जिसे पीने से शरीर पर बढ़ती हुई उम्र का असर नहीं पड़ता है। हल्दी में फ्री रेडिकल्स होते हैं जो सेहत और सौन्दर्य को बढ़ाते हैं।
शरीर में किसी भी तरह की सूजन हो और वह किसी दवाई से ना ठीक हो रही हो तो आप हल्दी वाले पानी का सेवन करें। हल्दी में करक्यूमिन तत्व होता है जो सूजन और जोड़ों में होने वाले असहाय दर्द को ठीक कर देता है। सूजन की अचूक दवा है हल्दी का पानी।
हल्दी कैंसर से लड़ती है और उसे बढ़ने से भी रोक देती है। हल्दी कैंसर रोधी होती है। यदि आप सप्ताह में तीन दिन हल्दी वाला पानी पिएंगे तो आपक भविष्य में कैंसर से हमेशा बचे रहेंगे।
बच्चों के पेट में कीड़े होने पर 1 चम्मच हल्दी पाउडर रोज सुबह खाली पेट एक सप्ताह तक ताजा पानी के साथ लेने से कीड़े खत्म हो सकते हैं। चाहें तो इस मिश्रण में थोड़ा नमक भी मिला सकते हैं। इससे भी फायदा होगा।
चेहरे के दाग-धब्बे और झाइयां हटाने के लिए हल्दी और काले तिल को बराबर मात्रा में पीसकर पेस्ट बनाकर चेहरे पर लगाएं। हल्दी-दूध का पेस्ट लगाने से त्वचा का रंग निखरता है और आपका चेहरा खिला-खिला लगता है।
खांसी होने पर हल्दी की छोटी गांठ मुंह में रख कर चूसें। इससे खांसी नहीं उठती।
त्वचा से अनचाहे बाल हटाने के लिए हल्दी पाउडर को गुनगुने नारियल तेल में मिलाकर पेस्ट बना लें। अब इस पेस्ट को हाथ-पैरों पर लगाएँ। इसे त्वचा मुलायम रहती है और शरीर के अनचाहे बाल भी धीरे-धीरे हट जाते हैं।
धूप में काम करने से त्वचा झुलसने या काली पड़ने लगती है ऐसा होने पर हल्दी पाउडर, बादाम चूर्ण और दही मिलाकर प्रभावित स्थान पर लगाएं। इससे त्वचा का रंग निखर जाता है और सनबर्न के कारण काली पड़ी त्वचा भी ठीक हो जाती है। यह एक तरह से सनस्क्रीन लोशन की तरह काम करता है।
मुंह में छाले होने पर गुनगुने पानी में हल्दी पाउडर मिलाकर कुल्ला करने से आराम मिलता है।
आईसेक्ट ग्रुप भोपाल: आईसेक्ट द्वारा ग्लोबल पर्सनल डेवलपमेंट विषय पर विशेष ट्रेनिंग सेशन आयोजित
डिजिटल डेस्क, भोपाल। आईसेक्ट के एचआर एवं लर्निंग एंड डेवलपमेंट डिपार्टमेंट द्वारा एम्पलॉइज के लिए ग्लोबल पर्सनल डेवलपमेंट पर एक विशेष ट्रेनिंग सेशन का आयोजन किया गया। इसमें यूनाइटेड किंगडम के कॉर्पोरेट इंटरनेशनल ट्रेनर जुबेर अली द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया गया। जिसमें उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों को अपने अनुभवों, डेमोंस्ट्रेशन, वीडियो, स्लाइड शो के माध्यम से नई स्किल्स को प्राप्त करने और अपनी पर्सनेलिटी को बेहतर बनाने के तरीके बताए। साथ ही उन्होंने पर्सनेलिटी डेवलपमेंट और अपस्किलिंग के महत्व पर बात की और बताया कि करियर ग्रोथ के लिए यह कितना आवश्यक है। इस दौरान उन्होंने सफलता के लिए नौ सक्सेस मंत्र भी दिए। इस दौरान कार्यक्रम में एचआर कंसल्टेंट डी.सी मसूरकर और अल नूर ट्रस्ट के सदस्य उपस्थित रहे।
इस पहल पर बात करते हुए आईसेक्ट के निदेशक सिद्धार्थ चतुर्वेदी ने कहा कि आईसेक्ट कौशल विकास के महत्व को समझता है इसी कारण अपने एम्पलॉइज की अपस्किलिंग के लिए लगातार विभिन्न प्रशिक्षण सेशन का आयोजन करता है। इसी कड़ी में ग्लोबल पर्सनेल डेवलपमेंट पर यह ट्रेनिंग सेशन भी एक कदम है।
स्कोप कैम्पस: खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 की मशाल रैली भीमबेटका, ओबेदुल्लागंज, मंडीदीप, भोजपुर होते हुए पहुंची रबीन्द्रनाथ नाथ टैगोर विश्वविद्यालय और स्कोप कैम्पस
डिजिटल डेस्क, भोपाल। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय और खेल एवं युवा कल्याण विभाग रायसेन के संयुक्त तत्वावधान में खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 की मशाल रैली आयोजित की गई। यह यात्रा होशंगाबाद से पर्वतारोही भगवान सिंह भीमबेटका लेकर पहुंचे। फिर भीमबेटका से रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय ने मशाल लेकर ओबेदुल्लागंज की ओर प्रस्थान किया। ओबेदुल्लागंज में रैली का स्वागत किया गया। साथ ही ओबेदुल्लागंज में मशाल यात्रा को विभिन्न स्थानों पर घुमाया गया। तत्पश्चात यात्रा ने मंडीदीप की ओर प्रस्थान किया। मंडीदीप में यात्रा का स्वागत माननीय श्री सुरेंद्र पटवा जी, भोजपुर विधायक ने किया। अपने वक्तव्य में उन्होंने खेलों को बढ़ावा देने के लिए मप्र सरकार द्वारा की जा रही पहलों की जानकारी दी और युवाओं को खेलों को जीवन में अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। इसके अलावा खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 में खिलाड़ियों को जीत के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने खेलों इंडिया यूथ गेम्स के आयोजन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रयासों को रेखांकित किया।
साथ ही कार्यक्रम में रायसेन के डिस्ट्रिक्ट स्पोर्ट्स ऑफिसर श्री जलज चतुर्वेदी ने मंच से संबोधित करते हुए कहा कि खेलों को बढ़ावा देने के लिए सरकार की विभिन्न गतिविधियों पर प्रकाश डाला और खेलों इंडिया यूथ गेम्स के खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दीं। यहां से धावकों ने मशाल को संभाला और दौड़ते हुए भोजपुर मंदिर तक पहुंचे। मंदिर से फिर यात्रा रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय तक पहुंचती और यहां यात्रा का डीन एकेडमिक डॉ. संजीव गुप्ता द्वारा और उपकुलसचिव श्री समीर चौधरी, उपकुलसचिव अनिल तिवारी, उपकुलसचिव ऋत्विक चौबे और स्पोर्ट्स ऑफिसर सतीश अहिरवार द्वारा भव्य स्वागत किया जाता है। मशाल का विश्वविद्यालय में भी भ्रमण कराया गया। यहां से यात्रा स्कोप कैम्पस की ओर प्रस्थान करती है। स्कोप कैम्पस में स्कोप इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. डी.एस. राघव और सेक्ट कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. सत्येंद्र खरे ने स्वागत किया और संबोधित किया। यहां से मशाल को खेल एवं युवा कल्याण विभाग के उपसंचालक जोश चाको को सौंपा गया।
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