साल की आखिरी विनायक चतुर्थी कल, जानें पूजा की विधि और मुहूर्त

Last Vinayaka Chaturthi of the year, know muhurat
साल की आखिरी विनायक चतुर्थी कल, जानें पूजा की विधि और मुहूर्त
व्रत साल की आखिरी विनायक चतुर्थी कल, जानें पूजा की विधि और मुहूर्त

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। विघ्नहर्ता भगवान श्री गणेश की पूजा किसी भी शुभ कार्य से पहले की जाती है। उन्हें प्रथम पूज्य कहा जाता है और बुधवार के दिन उनकी पूजा करने से संकटों से मुक्ति मिलती है। लेकिन चतुर्थी तिथि उनकी पूजा के लिए सर्वश्रेष्ठ मानी गई है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, प्रत्येक मास में दो चतुर्थी पड़ती है। अमावस्या के बाद आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी कहा जाता है। फिलहाल, 26 दिसंबर 2022 को साल की आखिरी गणेश चतुर्थी पड़ने वाली है। 

शुक्ल पक्ष में पड़ने के कारण इसे विनायक चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा करे के साथ व्रत रखने का विधान है। विनायक चतुर्थी को भगवान गणेश को उनकी प्रिय चीजों का भोग लगाया जाता है। आइए जानते हैं पूजा की विधि और शुभ मुहूर्त...

शुभ मुहूर्त
चतुर्थी तिथि आरंभ: 26 दिसंबर सोमवार, सुबह 4 बजकर 51 मिनट से 
चतुर्थी तिथि समापन: 27 दिसंबर मंगलवार, सुबह 1 बजकर 37 मिनट पर  

पूजन विधि
- भगवान गणेश की पूजा करते समय पूर्व या उत्तर दिशा की ओर अपना मुख रखें। 
- भगवान गणेश की प्रतिमा या चित्र सामने रखकर किसी स्वच्छ आसन पर बैठ जाएं। 
- इसके बाद फल फूल, अक्षत, रोली और पंचामृत से भगवान गणेश को स्नान कराएं। इसके बाद पूजा करें और फिर धूप, दीप के साथ श्री गणेश मंत्र का जाप करें।
- इस दिन गणेश जी को तिल से बनी चीजों का भोग लगाएं। 
- मोदक का भोग लगाने से भी भगवान गणेश प्रसन्न होते हैं। 
- संध्या काल में स्नान कर, स्वच्छ वस्त्र धारण कर विधिपूर्वक धूप, दीप, अक्षत, चंदन, सिंदूर, नैवेद्य से गणेशजी का पूजन करें।
- इस दिन गणेश जी को लाल फूल समर्पित करने के साथ अबीर, कंकू, गुलाल, हल्दी, मेंहदी, मौली चढ़ाएं। मोदक, लड्डू, पंचामृत और ऋतुफल का भोग लगाएं। 
- इसके बाद गणपति अथर्वशीर्ष, श्रीगणपतिस्त्रोत या गणेशजी के वेदोक्त मंत्रों का पाठ करें।
- विनायक चतुर्थी की कथा सुनें अथवा सुनाएं। 
- गणपति की आरती करने के बाद प्रसाद का वितरण करें।

Created On :   25 Dec 2022 4:31 AM GMT

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