चंद्र ग्रहण 2020: अद्भुत होगा 4 घंटे 21 मिनट का रहेगा चंद्र ग्रहण, इन बातों का रखें ध्यान

Lunar eclipse 2020: 4 hours 21 minutes lunar eclipse, keep these things in mind
चंद्र ग्रहण 2020: अद्भुत होगा 4 घंटे 21 मिनट का रहेगा चंद्र ग्रहण, इन बातों का रखें ध्यान
चंद्र ग्रहण 2020: अद्भुत होगा 4 घंटे 21 मिनट का रहेगा चंद्र ग्रहण, इन बातों का रखें ध्यान

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पंचांग के अनुसार आज कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष पूर्णिमा तिथि है। आज कार्तिक मास का समापन हो रहा है और आज (सोमवार, 30 नवंबर) ही साल का आखिरी चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। यह ग्रहण कुल 04 घंटे 18 मिनट 11 सेकंड तक रहेगा। जबकि, 3:13 मिनट पर यह अपने चरम पर होगा। ग्रहण रोहिणी नक्षत्र और वृषभ राशि में इस बार का चंद्रगहण पड़ने वाला है। यह चंद्र ग्रहण भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, प्रशांत महासागर और एशिया में दिखाई दे सकता है।

ज्योतिष शास्त्र में चंद्रग्रहण को बहुत अधिक प्रभावशाली माना जाता है। आपको बता दें कि हिंदू धर्म के रीति-रिवाजों के मुताबिक ग्रहण काल में कुछ चीजों को करने की सख्त मनाही होती है। वैसे तो ये एक उपच्छाया चंद्र ग्रहण है जिसका बहुत ज्यादा प्रभाव नहीं होता है, लेकिन फिर भी कुछ सावधानियां बरत लेनी चाहिए। आइए जानते हैं इस ग्रहण के बारे में...

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अद्भुत है आज का ग्रहण
वैज्ञानिकों के अनुसार आज चंद्र ग्रहण दुनिया के अलग-अलग कोनों से अलग-अलग समय पर तीन बार देखा जा सकेगा। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के अनुसार 30 नवंबर को पूर्ण चांद दिखाई देगा। लेकिन यह शनिवार से लगभग पूर्ण है। आज यह धरती की बाहरी परछाई से होकर गुजरेगा, इसकी वजह से पेनुमब्रल चंद्र ग्रहण लगेगा।  

वैज्ञानिकों के अनुसार पेनुमब्रल चंद्र ग्रहण देख पाना आम आदमी के लिए आसान नहीं होगा। कारण यह कि इसके लिए खास उपकरण, सही समय और सही लोकेशन का होना बहुत जरूरी है। नासा के अनुसार, उत्तरी अमेरिका में पेनुमब्रल चंद्र ग्रहण दिखाई देगा लेकिन आम इंसान इसे समझ नहीं पाएगा। पूर्ण चंद्र के समय हल्की से रोशनी कम होगी लेकिन थोड़ी ही देर में यह सामान्य हो जाएगी।

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हिन्दू मान्यताओं में चंद्र ग्रहण
चंद्र ग्रहण का सूतक सुबह 12 घंचे पहले शुरू हो जाता है। इस दौरान मंदिरों के पाट बंद हो जाएंगे। मान्यता है कि पौष माह के दौरान जो व्यक्ति पूरे महीने भगवान का ध्यान कर आध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्त करते है, उसकी पूर्णता पौष पूर्णिमा के स्नान से हो जाती है। इस दिन काशी, प्रयाग और हरिद्वार में स्नान का विशेष महत्व होता है। 

Created On :   30 Nov 2020 4:30 AM GMT

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