- कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटे में कोरोना के 14,849 नए केस, 155 लोगों की मौत
- लद्दाख: मोल्डो में भारत और चीन के बीच सैन्य कमांडरों के बीच वार्ता शुरू
- लखनऊ: आज उत्तर प्रदेश का स्थापना दिवस, CM योगी ने प्रदेशवासियों को दी शुभकामनाएं
- दक्षिण अफ्रीका ने सीरम इंस्टीट्यूट के कोविड-19 वैक्सीन को दी मंजूरी, भारत से करेगा आयात
- आज भारत-चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में चल रहे सीमा विवाद को लेकर 9वें दौर की वार्ता होगी
नवरात्रि: अष्टमी पर नवदुर्गा के आठवें स्वरुप 'महागौरी' की ऐसे करें पूजा

डिजिटल डेस्क। नवरात्रि के आठवें दिन यानी आज (रविवार) नवदुर्गा के आठवें स्वरुप 'महागौरी' की पूजा की जाती है। भगवान शिव की प्राप्ति के लिए इन्होंने कठोर पूजा की थी जिससे इनका शरीर काला पड़ गया था। भगवान शिव भक्ति से प्रसन्न होकर माता महागौरी को दर्शन दिए। साथ ही उनका काला शरीर देखकर उन्हें गौरी श्वेत वर्ण होने का आर्शीवाद दिया। तब ही से इनका नाम माता महागौरी हो गया।
रामायण के अनुसार माता सीता ने श्री राम की प्राप्ति के लिए इन्हीं की पूजा की थी। मां गौरी श्वेत वर्ण की हैं और श्वेत रंग मैं इनका ध्यान करना अत्यंत लाभकारी होता है। विवाह सम्बन्धी तमाम बाधाओं के निवारण मैं इनकी पूजा अचूक होती है। हिन्दू धर्मग्रंथों के अनुसार देवी महागौरी की पूजा का विधान बताया गया है। ज्योतिष में इनका सम्बन्ध शुक्र नामक ग्रह से माना जाता है। इस बार मां महागौरी की पूजा 06 अक्टूबर यानी आज होगी।
क्या है मां गौरी की पूजा विधि?
- पीले वस्त्र धारण करके पूजा आरम्भ करें
- मां के समक्ष दीपक जलाएँ और उनका ध्यान करें
- पूजा मैं मां को श्वेत या पीले फूल अर्पित करें
- उसके बाद इनके मन्त्रों का जाप करें
- अगर पूजा मध्य रात्रि मैं की जाय तो इसके परिणाम ज्यादा शुभ होंगे
किस प्रकार मां गौरी की पूजा से करें शुक्र को मजबूत ?
- मां की उपासना सफेद वस्त्र धारण करके करें
- मां को सफेद फूल , और सफेद मिठाई अर्पित करें
- फिर शुक्र के मूल मंत्र "ॐ शुं शुक्राय नमः" का जाप करें
- शुक्र की समस्याओं के समाप्ति की प्रार्थना करें
मां महागौरी को क्या विशेष प्रसाद अर्पित करें?
- आज मां को नारियल का भोग लगायें
- इसे सर पर से फिरा कर बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें
- आपकी कोई एक ख़ास मनोकामना पूर्ण होगी
अष्टमी पर कन्याओं को भोजन कराने का महत्व और नियम
- नवरात्रि केवल व्रत और उपवास का पर्व नहीं है।
- यह नारी शक्ति के और कन्याओं के सम्मान का भी पर्व है।
- इसलिए नवरात्रि में कुंवारी कन्याओं को पूजने और भोजन कराने की परंपरा भी है।
- नवरात्रि में हर दिन कन्याओं के पूजा की परंपरा है, परन्तु अष्टमी और नवमी को अवश्य ही पूजा की जाती है।
- 2 वर्ष से लेकर 11 वर्ष तक की कन्या की पूजा का विधान किया गया है।
- अलग अलग उम्र की कन्या देवी के अलग अलग रूप को बताती है।
कमेंट करें
Real Estate: खरीदना चाहते हैं अपने सपनों का घर तो रखे इन बातों का ध्यान, भास्कर प्रॉपर्टी करेगा मदद

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। किसी के लिए भी प्रॉपर्टी खरीदना जीवन के महत्वपूर्ण कामों में से एक होता है। आप सारी जमा पूंजी और कर्ज लेकर अपने सपनों के घर को खरीदते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि इसमें इतनी ही सावधानी बरती जाय जिससे कि आपकी मेहनत की कमाई को कोई चट ना कर सके। प्रॉपर्टी की कोई भी डील करने से पहले पूरा रिसर्च वर्क होना चाहिए। हर कागजात को सावधानी से चेक करने के बाद ही डील पर आगे बढ़ना चाहिए। हालांकि कई बार हमें मालूम नहीं होता कि सही और सटीक जानकारी कहा से मिलेगी। इसमें bhaskarproperty.com आपकी मदद कर सकता है।
जानिए भास्कर प्रॉपर्टी के बारे में:
भास्कर प्रॉपर्टी ऑनलाइन रियल एस्टेट स्पेस में तेजी से आगे बढ़ने वाली कंपनी हैं, जो आपके सपनों के घर की तलाश को आसान बनाती है। एक बेहतर अनुभव देने और आपको फर्जी लिस्टिंग और अंतहीन साइट विजिट से मुक्त कराने के मकसद से ही इस प्लेटफॉर्म को डेवलप किया गया है। हमारी बेहतरीन टीम की रिसर्च और मेहनत से हमने कई सारे प्रॉपर्टी से जुड़े रिकॉर्ड को इकट्ठा किया है। आपकी सुविधाओं को ध्यान में रखकर बनाए गए इस प्लेटफॉर्म से आपके समय की भी बचत होगी। यहां आपको सभी रेंज की प्रॉपर्टी लिस्टिंग मिलेगी, खास तौर पर जबलपुर की प्रॉपर्टीज से जुड़ी लिस्टिंग्स। ऐसे में अगर आप जबलपुर में प्रॉपर्टी खरीदने का प्लान बना रहे हैं और सही और सटीक जानकारी चाहते हैं तो भास्कर प्रॉपर्टी की वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं।
ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।