Sankashti Chaturthi 2025: वक्रतुंड संकष्टी चतुर्थी पर इस विधि से करें भगवान गणेश की पूजा, जानिए मुहूर्त

डिजिटल डेस्क, भोपााल। हिन्दू धर्म में सप्ताह का हर एक दिन किसी ना किसी देवी या देवता को समर्पित है। इनमें से भगवान श्री गणेश की पूजा के लिए बुधवार का दिन सबसे अच्छा माना गया है। लेकिन, हर महीने की कृष्ण और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को श्री गणेश की विशेष पूजा की जाती है। फिलहाल कार्तिक मास की शुरुआत हो चुकी है और आज यानि कि 10 अक्टूबर, शुक्रवार को वक्रतुंड संकष्टी चतुर्थी (Vakratunda Sankashti Chaturthi) है।
ऐसा माना जाता है कि, जो भी व्यक्ति इस दिन व्रत रखता है उसे जीवन की परेशानियों और विघ्नों से मुक्ति मिलती है। वहीं कई महिलाएं यह व्रत अपनी संतान की दीर्घायु और सुरक्षा के लिए रखती हैं, जबकि कुछ दंपत्ति संतान प्राप्ति की इच्छा से भी यह व्रत करते हैं। आइए जानते हैं संकष्टि चतुर्थी का मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में...
तिथि कब से कब तक
चतुर्थी तिथि आरंभ: 09 अक्टूबर 2025, गुरुवार की रात 10 बजकर 54 मिनट से
चतुर्थी तिथि समापन: 10 अक्टूबर, शुक्रवार की सुबह 7 बजकर 38 बजे तक
पूजन विधि
- भगवान गणेश की प्रतिमा को ईशानकोण में चौकी पर स्थापित करें।
- चौकी पर लाल या पीले रंग का कपड़ा पहले बिछा लें।
- भगवान के सामने हाथ जोड़कर पूजा और व्रत का संकल्प लें।
- बप्पा को जल, अक्षत, दूर्वा घास, लड्डू, पान, धूप आदि अर्पित करें।
- ओम ‘गं गणपतये नम:’ मंत्र बोलते हुए गणेश जी को प्रणाम करें।
- इसके बाद एक थाली या केले का पत्ता लें, इस पर आपको एक रोली से त्रिकोण बनाना है।
- त्रिकोण के अग्र भाग पर एक घी का दीपक रखें। इसी के साथ बीच में मसूर की दाल व सात लाल साबुत मिर्च को रखें।
- पूजन के बाद चंद्रमा को शहद, चंदन, रोली मिश्रित दूध से अर्घ्य दें, पूजन के बाद लड्डू प्रसाद स्वरूप ग्रहण करें।
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Created On :   9 Oct 2025 6:25 PM IST











