ॐ के आकार का समुद्र तट, यहां 40 साल में एक बार होते हैं 'शिवलिंग' के दर्शन

om beach of karnatka, Here is a shivlinga Which can be worshiped once in 40 years
ॐ के आकार का समुद्र तट, यहां 40 साल में एक बार होते हैं 'शिवलिंग' के दर्शन
ॐ के आकार का समुद्र तट, यहां 40 साल में एक बार होते हैं 'शिवलिंग' के दर्शन

डिजिटल न्यूज, बेंगलुरु। पुराणों में उल्लेख है कि सृष्टि का निर्माण ॐ से ही हुआ है। यही वह शब्द है जिसका उच्चारण सबसे पहले किया गया था, लेकिन क्या आपको पता है भारत में एक ऐसी भी जगह है जो एकदम ॐ के आकार का है। साथ ही यहीं वह चमत्कारी शिवलिंग है जिसके दर्शन 40 साल में एक बार होते हैं।

कर्नाटक राज्य में गौकर्ण ऐसी जगह है जहां पर एक बीच का आकार ॐ की तरह है। ये भी संयोग है कि इसी जगह पर एक आत्म लिंग है जिसके साथ रावण और गणेश भगवान की रोचक कथा जुड़ी हुई है। मान्यताओं के मुताबिक यहां स्थापित 6 फीट ऊंचे शिवलिंग के दर्शन 40 साल में सिर्फ एक बार होते है। इस धार्मिक मान्यता के चलते इस स्थल को ‘दक्षिण का काशी‘ के नाम से भी जाना जाता है।

रावण को मिला था ये शिवलिंग
कहा जाता है कि भगवान शिव ने रावण को उसके साम्राज्य की रक्षा करने के लिए शिवलिंग दिया था, लेकिन भगवान गणेश और वरुण देवता ने कुछ तरकीबें निकालकर शिवलिंग यहां स्थापित करवा दिया। तमाम कोशिशें करने के बावजूद रावण इसे निकाल नहीं पाया। तभी से यहां भगवान शिव का वास माना जाता है।

गणेश जी ने कराई स्थापना
महाबलेश्वर मंदिर के पास सिद्ध गणपति की मूर्ति है, जिसके मस्तक पर रावण द्वारा आघात करने का चिन्ह है। गणेश जी ने यहां शिवलिंग की स्थापना करवाई थी, इसलिए उनके नाम पर इस मंदिर का निर्माण करवाया गया।

खतरनाक पहाड़ी
इसी मंदिर से 7 किमी की दूरी पर ॐ के आकार का बीच बना है। बीच पर जब घूमते हैं तब तो ये साधारण नजर आता है लेकिन जब एक पहाड़ पर चढ़कर इसे देखा जाता है तो बिल्कुल ॐ की आकृति नजर आती है। ॐ बीच को पूरी तरह देखने के लिए एक पहाड़ी पर चढ़ना होता है। वहां तक पहुंचने का रास्ता खतरनाक है। 

Created On :   5 Aug 2017 8:36 AM GMT

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