125 वर्ष की लीलाएं और 125 फीट का मंदिर, यहां करें राधा-कृष्ण के अद्भुत दर्शन
डिजिटल डेस्क, वृंदावन। श्रीमद्भागवत के कथा प्रसंग के अनुसार जब श्रीकृष्ण वृंदावन से अकरूर जी के साथ मथुरा को प्रस्थान करने लगे तो भगवान श्रीकृष्ण ने राधा जी से कहा, तुम तो सदा ही मेरे साथ हो परंतु एक आवश्यक कार्य के लिए मैं मथुरा जा रहा हूं, आप अपनी आंख से एक आंसू भी नहीं निकालेंगी, यदि आंसू की एक बूंद भी पृथ्वी पर गिरी तो धरती पर महाप्रलय आ जाएगा। ये परिचायक है श्रीराधा की अपार शक्ति का, जो उनकी आंसुओं की बूंद से प्रकट हो रहा है। यहां हम आपको वृंदावन में स्थित एक ऐसे ही मंदिर के दर्शन करा रहे हैं, जिसका आकार कमल पुष्प की तरह है और मंदिर की शिल्पकला किसी को भी आकर्षित कर सकती है...
राधा-कृष्ण की जोड़ी
मंदिर निर्माण का आधार राधा-कृष्ण की जोड़ी और उनकी लीलाओं को बनाया गया है। मंदिर में प्रियाजी में राधाजी का स्वरूप है और कांत जू भगवान श्रीकृष्ण स्वरूप में विराजमान है। श्रीराधा को कमल अत्यधिक प्रिय होने की वजह से मंदिर की आकृति कमल पुष्प के रूप में दी गई है। इन कमल पंखुड़ियों के चारों ओर जलाशय देखने मिलते हैं।
अनोखी बनावट
वृंदावन के अनेक अद्भुत मंदिरों में से एक इस मंदिर का निर्माण राजस्थान के मकराना से लाए संगमरमर से किया गया है। भगवान श्रीकृष्ण की 125 वर्ष तक की गई लीलाओं के आधार पर प्रियाकांत जू मंदिर की ऊंचाई 125 फीट रखी गई है। यहां बड़ी संख्या में भक्त मंदिर की अनोखी बनावट और राधा-कृष्ण की अद्भुत लीलाओं से सजी मूर्तियों के दर्शन करने आते हैं।
Created On :   29 Aug 2017 4:16 AM GMT