राम नवमी : अयोध्या में 9 दिनों तक चलता है रामजन्मोत्सव, इसलिए है खास

Ramjanmotsav will run for 9 days in Ayodhya, specially for Ayodhya
राम नवमी : अयोध्या में 9 दिनों तक चलता है रामजन्मोत्सव, इसलिए है खास
राम नवमी : अयोध्या में 9 दिनों तक चलता है रामजन्मोत्सव, इसलिए है खास

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम की जन्म नगरी अयोध्या में रामनवमी का त्यौहार बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। रामनवमी के दौरान अयोध्या नगरी का श्रृंगार दुल्हन की तरह किया जाता है। राम जन्मोत्सव का यह उत्सव अयोध्या में कुल 9 दिनों तक मनाया जाता है। इस दौरान मंदिरों में भगवान् राम के जन्मोत्सव पर बधाई गीत और कीर्तन गाने की वर्षों पुरानी प्रथा को अयोध्या के लोग आज भी उसी प्रकार से जीवित रखे हुए हैं। नवरात्रि प्रारंभ होते ही अयोध्या में सैकड़ों मंदिरों में भगवान् राम का भजन, कीर्तन और कथाओं का आयोजन किया जाता है।

चैत्र एकादशी से शुरू होकर रामनवमी तक चलने वाले उत्सव में अयोध्या के मंदिरों में श्रीराम जन्मोत्सव मनाने के लिए दूर-दराज के इलाकों से आए लाखों श्रद्धालु शामिल होकर पुण्य प्राप्ति के भागीदार बनते हैं। रामलला के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास बताते हैं कि त्रेता युग में भगवान राम के जन्मोत्सव में जिस तरह से पूरी अयोध्या हर्षोल्लास में डूब गई थी, ठीक उसी तरह से धर्म नगरी अयोध्या में आज भी चैत्र मास की नवमी के दिन भगवान राम का जन्मोत्सव मनाया जाता है।

क्यों खास है अयोध्या ?

रामायण के अनुसार त्रेतायुग में भगवान राम का जन्म अयोध्या में हुआ था। 

त्रेतायुग में राम जन्मोत्सव के समय सभी देवी-देवता अयोध्या आए थे।

अयोध्या को अथर्ववेद में ईश्वर का नगर बताया गया है और इसकी संपन्नता की तुलना स्वर्ग से की गई है। 

भगवान श्रीराम की लीला के अतिरिक्त अयोध्या में श्रीहरि के अन्य सात प्राकट्य हुये हैं जिन्हें सप्तहरि के नाम से जाना जाता है। 

वर्तमान अयोघ्या के प्राचीन मंदिरों में सीतारसोई तथा हनुमानगढ़ी मुख्य हैं। 

कुछ मंदिर 18वीं तथा 19वीं शताब्दी में बने जिनमें कनकभवन, नागेश्वरनाथ तथा दर्शनसिंह मंदिर दर्शनीय हैं।

यहां पर वर्ष में तीन मेले लगते हैं - मार्च-अप्रैल, जुलाई-अगस्त तथा अक्टूबर-नंवबर के महीनों में। इन अवसरों पर यहाँ लाखों यात्री आते हैं।

हिन्दुओं के मंदिरों के अलावा अयोध्या जैन मंदिरों के लिए भी खासा लोकप्रिय है। जैन धर्म के अनेक अनुयायी नियमित रूप से अयोध्या आते रहते हैं। 

जैन मत के अनुसार यहां आदिनाथ सहित पांच तीर्थंकरों का जन्म हुआ था। 

क्या है अयोध्या विवाद ?
अयोध्या विवाद इस देश का सबसे बड़ा विवाद है, जिस पर राजनीति भी होती रही है और सांप्रदायिक हिंसा भी भड़की है। हिंदू पक्ष ये दावा करता है कि अयोध्या भगवान राम की जन्मभूमि है और इस जगह पर पहले राम मंदिर हुआ करता था। जिसे बाबर के सेनापति मीर बांकी ने 1528 में तोड़कर यहां पर मस्जिद बना दी थी। तभी से हिंदू-मुस्लिम के बीच इस जगह को लेकर विवाद चलता रहा है। अयोध्या विवाद ने 1989 के बाद से तूल पकड़ा और 6 दिसंबर 1992 को हिंदू संगठनों ने अयोध्या में राम मंदिर की जगह बनी विवादित बाबरी मस्जिद का ढांचा गिरा दिया। जिसके बाद ये मामला इलाहाबाद हाई कोर्ट में गया और अब सुप्रीम कोर्ट में है।

Created On :   23 March 2018 4:58 PM GMT

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