Shukra Pradosh: इस व्रत को करने से मिलेगी भगवान शिव की कृपा नोट कर लें शुभ मुहूर्त और पूजन-विधि

- यह दिन देवों के देव महादेव भगवान शिव को समर्पित है
- इस दिन विधि विधान से भगवान शिव की पूजा की जाती है
- व्रत के प्रभाव से जीवन से नकारात्मकता समाप्त होती है
डिजिटल डेस्क, भोपाल। हर महीने की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat) रखा जाता है, जो कि इस बार 08 मई 2025 को है। यह दिन देवों के देव महादेव भगवान शिव को समर्पित है। इस दिन जातक व्रत रखने के साथ ही पूरे विधि विधान से भगवान शिव की पूजा करता है। मान्यता है कि, इस व्रत के प्रभाव से जीवन से नकारात्मकता समाप्त होती है और सफलता मिलती है। साथ ही शुक्र प्रदोष व्रत रखने से सुख और समृद्धि आती है। यहां बता दें कि, प्रदोष व्रत की पूजन शाम के समय सूर्यास्त से पहले और ठीक बाद में किया जाता है। आइए जानते हैं पूजन विधि और सामग्री...
तिथि कब से कब तक
त्रयोदशी तिथि आरंभ: 09 मई 2025, शुक्रवार की दोपहर 2 बजकर 56 बजे से
त्रयोदशी तिथि समापन: 10 मई 2025, शनिवार की शाम 5 बजकर 29 बजे तक रहेगी
पूजा का शुभ मुहूर्त: शुक्रवार शाम 07 बजकर 01 बजे से रात 09 बजकर 08 बजे तक
प्रदोष व्रत सामग्री
प्रदोष व्रत पर भगवान की पूजा के लिए सफेद पुष्प, सफेद मिठाइयां, सफेद चंदन, सफेद वस्त्र, जनेउ, जल से भरा हुआ कलश, धूप, दीप, घी,कपूर, बेल-पत्र, अक्षत, गुलाल, मदार के फूल, धतुरा, भांग, हवन सामग्री आदि, आम की लकड़ी की आवश्यकता होती है।
व्रत विधि
- शुक्र प्रदोष व्रत के दिन व्रती को पूरे दिन मन ही मन “ॐ नम: शिवाय ” का जप करना चाहिए।
- त्रयोदशी के दिन प्रदोष काल में यानी सूर्यास्त से तीन घड़ी पूर्व, शिव जी का पूजन करना चाहिए।
- संध्या काल में स्नान कर स्वच्छ श्वेत वस्त्र धारण कर लें।
- पूजा स्थल अथवा पूजा गृह को शुद्ध कर लें।
- यदि व्रती चाहे तो शिव मंदिर में भी जा कर पूजा कर सकते हैं।
- पांच रंगों से रंगोली बनाकर मंडप तैयार करें।
- पूजन की सभी सामग्री एकत्रित कर लें।
- कलश अथवा लोटे में शुद्ध जल भर लें।
- कुश के आसन पर बैठ कर शिव जी की पूजा विधि-विधान से करें।
- “ऊँ नम: शिवाय ” कहते हुए शिव जी को जल अर्पित करें।
डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।
Created On :   8 May 2025 5:27 PM IST